बरेलीः एसआरएमएस इंस्टीट्यूट का शनिवार को दसवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. जिसमें मेडिकल साइंस, पैरामेडिकल और मेडिकल के 216 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं. श्रेष्ठ शैक्षिक प्रदर्शन करने वाले मेडिकल और पैरामेडिकल के 35 विद्यार्थियों को भी ट्राफी के साथ सर्टिफिकेट दिए गए. मेडिकल में पीजी की डॉ. सारा रिजवी और एमबीबीएस में डा.सिद्धार्थ तनेजा को बैच में टॉपर होने पर श्रीराममूर्ति गोल्ड मेडल व 51 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
उन्होंने कहा कि आज का दिन सपनों को साकार होते देखने का दिन है. बच्चों को डॉक्टर बनते देखने का सपना आज संभव हुआ है. यह विद्यार्थियों की साढ़े छह वर्ष की कड़ी मेहनत का नतीजा है. सबने यहां पर विश्वस्तरीय उपकरणों के जरिये और सर्वश्रेष्ठ गुरुओं से शिक्षा हासिल की है. इसका मान बनाए रखना अब आपकी जिम्मेदारी है. केजीएमयू के वाइस चांसलर ने दीक्षा समारोह को मेडिकल प्रोफेसन की यात्रा का पहला चरण बताया. उन्होंने कहा कि यह जिंदगी भर सीखने और मेहनत करने का क्षेत्र है. मानवसेवा की वजह से ही चिकित्सकों को सम्मान हासिल होता है.
लेकिन पिछले कुछ वर्षों से चिकित्सकों का सम्मान लगातार घटता जा रहा है. इसकी वजह चिकित्सकों का मानवसेवा से पीछे हटना और पैसे को प्राथमिकता देना है. जो भी व्यक्ति इस पेशे को निस्वार्थ भाव से मानवसेवा के रूप में अपनाता है, समाज में उसे आज भी सम्मान हासिल होता है. आप भी लोगों की सेवा को प्राथमिकता दें और समाज कल्याण में आगे आएं. हालांकि, ऐसा करना आसान नहीं होगा, मुश्किलें भी काफी आएंगी. लेकिन खुद पर भरोसा होने से रोज रोज की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा. खुद पर भरोसा रखें और लगातार सीखते रहें आप भविष्य में अच्छे चिकित्सक बन जाएंगे.
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