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परिजनों को लगा शव का वजन कम तो देखा चेहरा, जानिए फिर क्या हुआ

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Published : Apr 23, 2021, 10:13 AM IST

मुरादाबाद के बाद बरेली जिले में शवों के बदलने का मामला सामने आया है. यहां एक प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही की वजह से परिजनों को अलग-अलग डेड बॉडी दे दी गई. जब श्मशान घाट में परिजन अंतिम संस्कार को पहुंचे तो हॉस्पिटल की लापरवाही से पर्दा उठा. पढ़िए पूरी खबर...

dead bodies changed in bareilly
बरेली में अपेक्स हॉस्पिटल में बदले गए शव.

बरेली : धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर्स और उनसे जुड़े अस्पतालों में इन दिनों किस कदर आपाधापी और लापरवाही पूर्ण रवैया देखने को मिल रहा है, इसकी बानगी गुरुवार को बरेली में देखने को मिली. यहां दो शवों को बदलकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया. मामला बारादरी थाना क्षेत्र में बने अपेक्स हॉस्पिटल का है.

हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से बदला शव.

कटरा चांद खां के रहने वाले महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल पेड करने के बाद डेडबॉडी दे दी गई. साथ ही ये शर्त रखी गई कि कोई डेड बॉडी को खोल कर नहीं देखेगा.

इस तरह अस्पताल की लापरवाही हुई उजागर
परिवार के लोग जब अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट पहुंचे. यहां डेड बॉडी हल्की महसूस होने पर परिजनों ने खोल कर देखा तो बॉडी महेश की नहीं, बल्कि किसी बुजुर्ग व्यक्ति की थी. इस पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. वहीं हॉस्पिटल प्रशासन मानने को ही राजी नहीं था कि डेड बॉडी बदल गई.

dead bodies changed in bareilly
तीमारदारों ने किया हंगामा.

अस्पताल प्रबंधन पर लगा बदतमीजी करने का आरोप
हॉस्पिटल की लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई. एक अन्य कोविड के मरीज राकेश की भी मौत अपेक्स हॉस्पिटल में हुई. बिल का भुगतान करने से पहले उनको बॉडी छूने भी नहीं दी गई, उनको भी सील बॉडी को खोलने की अनुमति नहीं थी, लेकिन श्मशान भूमि में चिता पर रखते वक्त चेहरे को खोल कर देखा तो डेड बॉडी राकेश की नहीं थी. उनके परिजन हॉस्पिटल में पहुंचे तो हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया.

मीडिया से बचता रहा हॉस्पिटल प्रबंधन
इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात की गई तो वे उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए और डेड बॉडी के बदलने के प्रकरण को सिरे से ही नकार दिया. जबकि हॉस्पिटल के बाहर परिजन हंगामा कर रहे थे. मौके पर पहुंची भारी पुलिस बल ने परिजनों को समझाकर शांत किया.

ये भी पढे़ं: अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, कब्रिस्तान से निकलवाना पड़ा शव

थाना प्रभारी इज्जतनगर नीरज कुमार मलिक ने कहा कि अस्पताल पर गहमागहमी का माहौल था. मौके पर पर मय फोर्स के साथ वे खुद भी गए. डेड बॉडी बदलने के मामले में अस्पताल को हिदायत दी गई. अस्पताल की तरफ से दोनों पीड़ित परिवारों से माफी मांग ली गई. इस घटना को मानवीय भूल माना गया. किसी भी तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं की गई.

dead bodies changed in bareilly
अपेक्स हॉस्पिटल.

मुरादाबाद में भी बदले गए शव
इससे पहले मुरादाबाद जिले में भी एक निजी अस्पताल की लापरवाही से दो शवों की अदला-बदली हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था. शव दो अलग-अलग समुदाय के लोगों का था. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब एक पक्ष शव के अंतिम संस्कार के पहले आखिरी दर्शन कर रहा था. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से भड़के परिजनों ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की. हालांकि पुलिस ने दूसरे पक्ष से संपर्क कर शव को कब्रिस्तान से बाहर निकलवाकर एक-दूसरे के परिजनों को सौंप दिया.

बरेली : धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर्स और उनसे जुड़े अस्पतालों में इन दिनों किस कदर आपाधापी और लापरवाही पूर्ण रवैया देखने को मिल रहा है, इसकी बानगी गुरुवार को बरेली में देखने को मिली. यहां दो शवों को बदलकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया. मामला बारादरी थाना क्षेत्र में बने अपेक्स हॉस्पिटल का है.

हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से बदला शव.

कटरा चांद खां के रहने वाले महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया. परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल पेड करने के बाद डेडबॉडी दे दी गई. साथ ही ये शर्त रखी गई कि कोई डेड बॉडी को खोल कर नहीं देखेगा.

इस तरह अस्पताल की लापरवाही हुई उजागर
परिवार के लोग जब अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट पहुंचे. यहां डेड बॉडी हल्की महसूस होने पर परिजनों ने खोल कर देखा तो बॉडी महेश की नहीं, बल्कि किसी बुजुर्ग व्यक्ति की थी. इस पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. वहीं हॉस्पिटल प्रशासन मानने को ही राजी नहीं था कि डेड बॉडी बदल गई.

dead bodies changed in bareilly
तीमारदारों ने किया हंगामा.

अस्पताल प्रबंधन पर लगा बदतमीजी करने का आरोप
हॉस्पिटल की लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई. एक अन्य कोविड के मरीज राकेश की भी मौत अपेक्स हॉस्पिटल में हुई. बिल का भुगतान करने से पहले उनको बॉडी छूने भी नहीं दी गई, उनको भी सील बॉडी को खोलने की अनुमति नहीं थी, लेकिन श्मशान भूमि में चिता पर रखते वक्त चेहरे को खोल कर देखा तो डेड बॉडी राकेश की नहीं थी. उनके परिजन हॉस्पिटल में पहुंचे तो हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया.

मीडिया से बचता रहा हॉस्पिटल प्रबंधन
इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात की गई तो वे उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए और डेड बॉडी के बदलने के प्रकरण को सिरे से ही नकार दिया. जबकि हॉस्पिटल के बाहर परिजन हंगामा कर रहे थे. मौके पर पहुंची भारी पुलिस बल ने परिजनों को समझाकर शांत किया.

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थाना प्रभारी इज्जतनगर नीरज कुमार मलिक ने कहा कि अस्पताल पर गहमागहमी का माहौल था. मौके पर पर मय फोर्स के साथ वे खुद भी गए. डेड बॉडी बदलने के मामले में अस्पताल को हिदायत दी गई. अस्पताल की तरफ से दोनों पीड़ित परिवारों से माफी मांग ली गई. इस घटना को मानवीय भूल माना गया. किसी भी तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं की गई.

dead bodies changed in bareilly
अपेक्स हॉस्पिटल.

मुरादाबाद में भी बदले गए शव
इससे पहले मुरादाबाद जिले में भी एक निजी अस्पताल की लापरवाही से दो शवों की अदला-बदली हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया था. शव दो अलग-अलग समुदाय के लोगों का था. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब एक पक्ष शव के अंतिम संस्कार के पहले आखिरी दर्शन कर रहा था. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से भड़के परिजनों ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की. हालांकि पुलिस ने दूसरे पक्ष से संपर्क कर शव को कब्रिस्तान से बाहर निकलवाकर एक-दूसरे के परिजनों को सौंप दिया.

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