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राजकीय इंटर कॉलेज में चपरासी ने दी जान, घटना की जांच में जुटी पुलिस

बरेली में राजकीय इंटर कॉलेज अगरास में एक चपरासी ने जान दे दी. उसे मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी. बताया जा रहा है कि उसकी चाल-चलन ठीक नहीं थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

राजकीय इंटर कॉलेज में चपरासी ने दी जान
राजकीय इंटर कॉलेज में चपरासी ने दी जान
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Published : Jun 22, 2023, 4:05 PM IST

बरेली : राजकीय इंटर कॉलेज अगरास के एक चपरासी ने जान दे दी. कॉलेज परिसर में ही उसकी लाश मिली. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने मृतक के बेटे और पत्नी को बुलाकर जानकारी ली. पूछताछ में पता चला कि चपरासी नशे का आदी था. इसकी वजह से बेटों और पत्नी से भी उसका विवाद चल रहा था. इससे वह परेशान चल रहा था. पुलिस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है.

चपरासी के बेटे इमरान ने बताया कि उसके पिता मुख्तयार अहमद पुत्र स्व. निसार अहमद कैंट के मोहनपुर ठिरिया के रहने वाले थे. वह राजकीय इंटर कॉलेज अगरास में चपरासी थे. वह 2009 से स्कूल में तैनात थे. परिवार में उसके अलावा दो अन्य बेटे रिजवान, और इरफान भी हैं. तीनों भाई दिल्ली में रहकर जरी का काम करते थे. पत्नी सन्नो शाहमतगंज में किराए के मकान में रहती हैं. मुख्तयार ज्यादातर कॉलेज में ही रहते थे. वह कभी-कभी ही पत्नी के पास जाते थे.

गुरुवार की सुबह कॉलेज का स्टाफ कॉलेज पहुंचा. प्रधानाचार्य से लेकर सभी क्लास और रूम बंद मिले. इस पर स्टाफ ने चपरासी मुख्तयार की तलाश शुरू की. कॉलेज में मुख्तयार की तलाश के दौरान उसका शव मिला. उसने आत्महत्या कर ली थी. घटना की जानकारी मिलने पर फतेहगंज पश्चिमी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की. इस दौरान पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी देकर बुला लिया. शुरुआती जांच में पता चला कि मृतक नशे का आदी था. नशे की वजह से परिवार में उसका विवाद रहता था.

मुख्तयार अहमद को अपने पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटो से चपरासी की नौकरी मिली थी. मुख्तयार को 2009 में नौकरी मिली थी. इलके बाद मुख्तयार को शराब पीने की लत लग गई.

नशे में बेच दिया था घर : मुख्तयार के बेटे इमरान ने बताया कि उसके पिता ने नशे की लत की वजह से ही मोहनपुर ठिरिया में अपना खुद का घर बेच दिया था. इसके बाद से ही उनका पूरा परिवार किराए के घर में रहने को मजूबर है. इमरान ने बताया कि वह उसका भाई रिजवान और इरफान अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके. वे दिल्ली में किराए पर रहकर जरी का काम करते हैं. उनकी मां सन्नो शाहमतगंज में किराए के मकान में रहती हैं. मां को घर खर्च भी बच्चे ही भेजते हैं.

थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि कॉलेज के चपरासी का शव मिला है. हर पहलू पर जांच की जा रही है. मामला सुसाइड का ही लग रहा है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

यह भी पढ़ें : हेड कांस्टेबल ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में खुद को बताया जिम्मेदार

बरेली : राजकीय इंटर कॉलेज अगरास के एक चपरासी ने जान दे दी. कॉलेज परिसर में ही उसकी लाश मिली. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने मृतक के बेटे और पत्नी को बुलाकर जानकारी ली. पूछताछ में पता चला कि चपरासी नशे का आदी था. इसकी वजह से बेटों और पत्नी से भी उसका विवाद चल रहा था. इससे वह परेशान चल रहा था. पुलिस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है.

चपरासी के बेटे इमरान ने बताया कि उसके पिता मुख्तयार अहमद पुत्र स्व. निसार अहमद कैंट के मोहनपुर ठिरिया के रहने वाले थे. वह राजकीय इंटर कॉलेज अगरास में चपरासी थे. वह 2009 से स्कूल में तैनात थे. परिवार में उसके अलावा दो अन्य बेटे रिजवान, और इरफान भी हैं. तीनों भाई दिल्ली में रहकर जरी का काम करते थे. पत्नी सन्नो शाहमतगंज में किराए के मकान में रहती हैं. मुख्तयार ज्यादातर कॉलेज में ही रहते थे. वह कभी-कभी ही पत्नी के पास जाते थे.

गुरुवार की सुबह कॉलेज का स्टाफ कॉलेज पहुंचा. प्रधानाचार्य से लेकर सभी क्लास और रूम बंद मिले. इस पर स्टाफ ने चपरासी मुख्तयार की तलाश शुरू की. कॉलेज में मुख्तयार की तलाश के दौरान उसका शव मिला. उसने आत्महत्या कर ली थी. घटना की जानकारी मिलने पर फतेहगंज पश्चिमी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की. इस दौरान पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी देकर बुला लिया. शुरुआती जांच में पता चला कि मृतक नशे का आदी था. नशे की वजह से परिवार में उसका विवाद रहता था.

मुख्तयार अहमद को अपने पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटो से चपरासी की नौकरी मिली थी. मुख्तयार को 2009 में नौकरी मिली थी. इलके बाद मुख्तयार को शराब पीने की लत लग गई.

नशे में बेच दिया था घर : मुख्तयार के बेटे इमरान ने बताया कि उसके पिता ने नशे की लत की वजह से ही मोहनपुर ठिरिया में अपना खुद का घर बेच दिया था. इसके बाद से ही उनका पूरा परिवार किराए के घर में रहने को मजूबर है. इमरान ने बताया कि वह उसका भाई रिजवान और इरफान अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके. वे दिल्ली में किराए पर रहकर जरी का काम करते हैं. उनकी मां सन्नो शाहमतगंज में किराए के मकान में रहती हैं. मां को घर खर्च भी बच्चे ही भेजते हैं.

थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि कॉलेज के चपरासी का शव मिला है. हर पहलू पर जांच की जा रही है. मामला सुसाइड का ही लग रहा है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

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