बरेलीः जिले में एक महिला की हत्या के मामले में कोर्ट ने 5 साल बाद अपना फैसला सुनाया. न्यायाधीश अब्दुल कैयूम की कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को सश्रम आजीवन कैद की सजा सुनाते हुए 25 हजार का जुर्माना भी लगाया. एडीजीसी क्राइम राजेश्वरी गंगवार ने बताया कि एक सब्जी विक्रेता ने थाना मीरगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी कि दोषी ने उसकी पत्नी की हत्या कर उसका शव अपने घर के संदूक में बंद कर दिया था.
दरअसल, सब्जी विक्रेता की पत्नी 20 मई 2018 को बाजार जाने की बात कहकर घर से निकली थी. इसके बाद वह देर रात तक घर नहीं लौटी. उसके पति ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चला. जब महिला के लापता होने की चर्चा गांव में शुरू होने लगी, तो कुछ लोगों ने बताया कि महिला को उन्होंने गांव के ही एक शख्स के घर जाते देखा था. इसके बाद पुलिस बुलाई गई और पुलिस ने दीनानाथ के घर की तलाशी ली तो उसके संदूक में महिला का शव बरामद हुआ.
एडीजीसी क्राइम राजेश्वरी गंगवार के अनुसार, सब्जी विक्रेता ने आरोपी और उसकी पत्नी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. सब्जी विक्रेता ने अपनी शिकायत में पुलिस से कहा था कि आरोपी ने पहले उसके पत्नी के साथ रेप किया. विरोध करने पर उसने उसका हाथ तोड़ दिया, फिर उसकी हत्या कर दी. इसके पुलिस ने रेप और हत्या का मुकदमा दर्ज किया. मीरगंज पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूतों को मिटाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा था. केस की सुनवाई अपर जिला जज तृतीय अब्दुल कैयूम की कोर्ट में हुई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर कोर्ट ने हत्यारोपी दीनानाथ को सश्रम आजीवन कैद की सजा सुनाई.
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