बरेली: जिले के थाना बिथरी चैनपुर क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 8 साल की छात्रा 5 सितंबर 2016 को दोपहर में स्कूल से लौटकर आकर घर के पास खेलने निकल गई थी, जब मासूम छात्रा काफी देर तक घर नहीं लौटी, तो उसके परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू की, जिसके बाद 6 सितंबर 2016 की दोपहर में घर के सामने गन्ने के खेत में मासूम छात्रा की लाश गड्ढे में दबी मिली थी. छात्रा की रेप के बाद गला काटकर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसके बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम को भेज अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. इसी मामले में शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया है.
इस मामले में पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो मासूम के साथ घिनौनी वारदात कर हत्या को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पड़ोसी प्रवेश कुमार निकला. आरोपी ने रेप के बाद मासूम की हत्या कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. 8 साल की मासूम छात्रा की रेप के बाद हत्या के मामले में विशेष न्यायधीश पॉक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश बरेली की अदालत में चली सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने 15 गवाहों की गवाही कराई, जिसके बाद शुक्रवार को अदालत ने आरोपी प्रवेश कुमार के खिलाफ कड़ी सजा का ऐलान किया है. अदालत ने अभियुक्त प्रवेश कुमार को दोषी मानते हुए चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
अदालत ने अभियुक्त प्रवेश कुमार को धारा 302 के अधीन आजीवन कारावास और 1 लाख का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड न देने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा. वहीं दूसरी सजा अभियुक्त प्रवेश कुमार के द्वारा साक्ष्यों को मिटाने के उद्देश्य गन्ने के खेत में शव को दबाने की धारा 201 के तहत 5 वर्ष का कारावास और 5 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. इतना ही नहीं अदालत ने अभियुक्त प्रदेश कुमार को धारा 376 के तहत आजीवन कारावास और 1 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है.
अदालत ने तीसरी बार धारा 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा को सुनाते हुए 5 हजार का अर्थदंड लगाया है. वहीं चौथी बार अदालत ने अभियुक्त प्रवेश कुमार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अधीन आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. कोर्ट का आदेश है कि अभियुक्त प्रवेश कुमार की सभी सजाएं साथ-साथ चलाई जाए.
कोर्ट ने अपराध में जेल में बिताई गई अवधि को भी समायोजित करने को कहा है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश बरेली ने अभियुक्त प्रवेश कुमार पर लगाए गए अर्थदंड की 50 प्रतिशत धनराशि पीड़िता के मां-बाप को बतौर प्रति कर भुगतान की दशा में प्रदान किया जाए.
8 साल की मासूम छात्रा की रेप के बाद हत्या के मामले में अभियुक्त प्रवेश कुमार की सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित परिवार ने खुशी जाहिर की है और उसने अदालत का धन्यवाद देते हुए बेटी को इंसाफ मिलने की बात कही है. जीडीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अभियुक्त प्रवेश कुमार को अदालत ने चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थदंड भी लगाया है. फिलहाल आरोपी जिला जेल में सलाखों के पीछे है.