बरेली: जिले में कोरोना योद्धा राहुल ने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए मिसाल पेश की है. राहुल जिले में एम्बुलेंस का ईएमटी है. उसने अपने जनपद गोंडा से 400 किलोमीटर का सफर साइकिल से तीन दिन में तय किया, इसके बाद वह अपनी तैनाती स्थल मीरगंज सीएचसी पहुंचा. पैरों में सूजन होने के बाबजूद भी राहुल ने एक कोरोना योद्धा के जज्बे को बरकरार रखा.
जनपद के तहसील मनकरपुर के गांव वीरपुर निवासी राहुल की नियुक्ति विगत वर्ष 2017 में मीरगंज सीएचसी से संचालित 108 एम्बुलेंस के ईएमटी पद के पर हुई थी. राहुल बीते 8 मई को अपनी बहन की शादी समारोह में शामिल होने के लिए गांव चला गया था. कोरोना वैश्विक माहमारी के कारण बहन की शादी रुक गई. इसी बीच विगत 18 मई को एम्बुलेंस के ईएमटी के एक युवक के कोरोना पाॅजीटिव निकलने के कारण कई एंबुलेंसों की सेवाओं पर ग्रहण लग गया. एंबुलेंस के अन्य चालक और ईएमटी को भी क्वारंटाइन कर दिया गया.
राहुल को सूचना मिली कि एंबुलेंस पर ईएमटी की कमी है. राहुल ने बताया कि उसने अपनी खुशियों को ताक पर रखते हुए साइकिल से ही मीरगंज के लिए सफर तय करना शुरू कर दिया. हालांकि राहुल के माता-पिता ने लाॅकडाउन का हवाला देते हुए उसे जाने से मना किया. बादजूद इसके राहुल मीरगंज के लिए निकल गया. रास्ते में राहुल बहराइच और हरदोई में आराम के लिए ठहरा था. 2 मई को रात करीब 11 राहुल मीरगंज सीएचसी पहुंचा. राहुल का यह भी कहना है कि उसकी तैनाती उसके गृह जनपद के इर्द-गिर्द हुई होती तो और भी अच्छा होता.