बरेली: कोरोना फ्री होने के बाद बरेली ऑरेंज से रेड जोन में पहुंच चुका है. अब एक बार फिर ग्रीन जोन में पहुंचने के लिए 21 दिनों तक कोरोना का कोई केस नहीं होना चाहिए, लेकिन जिस तरह से लोग चोरी-छिपे दूसरे राज्यों से बरेली पहुंच रहे हैं, उससे बरेली में खतरा और बढ़ गया है. यही सिलसिला जारी रहा तो रेड जोन से निकलने में काफी वक्त लग जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए जा रहे सर्वे में लगातार बाहर से आने वाले लोग मिल रहे हैं. इनमें से कुछ संदिग्ध भी हैं, जिनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.
लॉकडाउन-3 में ज्यादा चुनौती
4 मई से लॉकडाउन 3 शुरू होने वाला है. बरेली रेड जोन में आ चुका है, लेकिन दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को मीरगंज में आना रुक नहीं रहा है. बिंदू राजपूत साथी दीपक कुमार और वीरेंद्र कुमार के साथ पांच दिन साइकिल चला कर लुधियाना से मीरगंज पहुंचे. इनके साथ कक्षा पांच में पढ़ने वाले रोहित भी अमेठी जा रहा था. पुलिस ने जंगल से निकलते समय सिधौली चौराहे के पास इन्हें पकड़ लिया.
पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा
पुलिस ने लुधियाना से गोरखपुर जा रहे शिवम और उनके छह साथियों को पकड़ा. सभी लुधियाना में राज मिस्त्री का काम करते हैं. पुलिस इन्हें मीरगंज मिलक की सीमा पर पुलिस बैरियर पर ले गई और अधिकारियों को सौंप दिया. इस दौरान पकड़े गए संतोष कुमार ने बताया कि पीछे भी पुलिस ने रोक कर पूछताछ की, फिर आगे जाने का रास्ता बता दिया. संतोष ने कहा कि पुलिस ही छोड़ रही है और पुलिस ही पकड़ रही है. पैसे खत्म हो गए हैं. वहां रहते तो भूखे मर जाते. घर पहुंच कर भूख से तो नहीं मरेंगे.
111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा गया
पुलिस ने शनिवार को दिनभर हाईवे पर कड़ी निगरानी करके पलायन कर रहे 111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा. पुलिस की सूचना पर एसडीएम राजेश चंद्र, सीओ जगमोहन बुटोला, एसओ विजय कुमार, चौकी प्रभारी कृष्ण अवतार मौके पर पहुंच गए. एसडीएम ने मिलक रामपुर के अधिकारियों को सीमा पर बुलाया. एसओ ने बताया पहली बार में 59, दूसरी बार में 52 लोगों को मिलक के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया.
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