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कोरोना वायरस: बरेली में चोरी छिपे बाहर से आने वाले लोग बन सकते हैं खतरा

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Published : May 3, 2020, 9:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में चोरी छिपे दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कराए जा रहे सर्वे में बाहर से आने वाले लोग मिल रहे हैं. इनमें से कुछ संदिग्ध भी हैं, जिनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

दूसरे राज्यों से बरेली आ रहे लोग.
दूसरे राज्यों से बरेली आ रहे लोग.

बरेली: कोरोना फ्री होने के बाद बरेली ऑरेंज से रेड जोन में पहुंच चुका है. अब एक बार फिर ग्रीन जोन में पहुंचने के लिए 21 दिनों तक कोरोना का कोई केस नहीं होना चाहिए, लेकिन जिस तरह से लोग चोरी-छिपे दूसरे राज्यों से बरेली पहुंच रहे हैं, उससे बरेली में खतरा और बढ़ गया है. यही सिलसिला जारी रहा तो रेड जोन से निकलने में काफी वक्त लग जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए जा रहे सर्वे में लगातार बाहर से आने वाले लोग मिल रहे हैं. इनमें से कुछ संदिग्ध भी हैं, जिनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

बरेली न्यूज
लगातार लोग अन्य प्रदेशों से बरेली पहुंच रहे हैं.
नोएडा से आया पहला केस
लॉकडाउन-1 के दौरान बरेली में 29 मार्च तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं था, लेकिन जैसे ही लोगों ने चोरी-छिपे आना शुरू किया. उसी दौरान सुभाषनगर में एक कोरोना पाॅजिटिव केस समाने आया. हालांकि मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद 17 अप्रैल को जिला कोरोना मुक्त हो गया. एक केस मुंबई से आया लॅाकडाउन-2 में 27 अप्रैल को हजियापुर में एक केस समाने आया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. यह शख्स कोरोना पाॅजिटिव कैसे हुआ इसका अभी तक पता नहीं चल सका. टीमें इस मामले में ट्रेस करने में जुटी थी. इसके बाद आंवला के रामनगर शाहबाज़पुर गांव में मुम्बई से चोरी छिपे ट्रक में आए दो भाइयों में से एक पाॅजिटिव पाया गया, जिससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई और बरेली रेड जोन में आ गया.

लॉकडाउन-3 में ज्यादा चुनौती
4 मई से लॉकडाउन 3 शुरू होने वाला है. बरेली रेड जोन में आ चुका है, लेकिन दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को मीरगंज में आना रुक नहीं रहा है. बिंदू राजपूत साथी दीपक कुमार और वीरेंद्र कुमार के साथ पांच दिन साइकिल चला कर लुधियाना से मीरगंज पहुंचे. इनके साथ कक्षा पांच में पढ़ने वाले रोहित भी अमेठी जा रहा था. पुलिस ने जंगल से निकलते समय सिधौली चौराहे के पास इन्हें पकड़ लिया.

पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा
पुलिस ने लुधियाना से गोरखपुर जा रहे शिवम और उनके छह साथियों को पकड़ा. सभी लुधियाना में राज मिस्त्री का काम करते हैं. पुलिस इन्हें मीरगंज मिलक की सीमा पर पुलिस बैरियर पर ले गई और अधिकारियों को सौंप दिया. इस दौरान पकड़े गए संतोष कुमार ने बताया कि पीछे भी पुलिस ने रोक कर पूछताछ की, फिर आगे जाने का रास्ता बता दिया. संतोष ने कहा कि पुलिस ही छोड़ रही है और पुलिस ही पकड़ रही है. पैसे खत्म हो गए हैं. वहां रहते तो भूखे मर जाते. घर पहुंच कर भूख से तो नहीं मरेंगे.

111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा गया
पुलिस ने शनिवार को दिनभर हाईवे पर कड़ी निगरानी करके पलायन कर रहे 111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा. पुलिस की सूचना पर एसडीएम राजेश चंद्र, सीओ जगमोहन बुटोला, एसओ विजय कुमार, चौकी प्रभारी कृष्ण अवतार मौके पर पहुंच गए. एसडीएम ने मिलक रामपुर के अधिकारियों को सीमा पर बुलाया. एसओ ने बताया पहली बार में 59, दूसरी बार में 52 लोगों को मिलक के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: डीसीपी शालिनी सिंह ने हॉटस्पॉट क्षेत्र का किया निरीक्षण, दिए निर्देश

बरेली: कोरोना फ्री होने के बाद बरेली ऑरेंज से रेड जोन में पहुंच चुका है. अब एक बार फिर ग्रीन जोन में पहुंचने के लिए 21 दिनों तक कोरोना का कोई केस नहीं होना चाहिए, लेकिन जिस तरह से लोग चोरी-छिपे दूसरे राज्यों से बरेली पहुंच रहे हैं, उससे बरेली में खतरा और बढ़ गया है. यही सिलसिला जारी रहा तो रेड जोन से निकलने में काफी वक्त लग जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए जा रहे सर्वे में लगातार बाहर से आने वाले लोग मिल रहे हैं. इनमें से कुछ संदिग्ध भी हैं, जिनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

बरेली न्यूज
लगातार लोग अन्य प्रदेशों से बरेली पहुंच रहे हैं.
नोएडा से आया पहला केसलॉकडाउन-1 के दौरान बरेली में 29 मार्च तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं था, लेकिन जैसे ही लोगों ने चोरी-छिपे आना शुरू किया. उसी दौरान सुभाषनगर में एक कोरोना पाॅजिटिव केस समाने आया. हालांकि मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद 17 अप्रैल को जिला कोरोना मुक्त हो गया. एक केस मुंबई से आया लॅाकडाउन-2 में 27 अप्रैल को हजियापुर में एक केस समाने आया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. यह शख्स कोरोना पाॅजिटिव कैसे हुआ इसका अभी तक पता नहीं चल सका. टीमें इस मामले में ट्रेस करने में जुटी थी. इसके बाद आंवला के रामनगर शाहबाज़पुर गांव में मुम्बई से चोरी छिपे ट्रक में आए दो भाइयों में से एक पाॅजिटिव पाया गया, जिससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई और बरेली रेड जोन में आ गया.

लॉकडाउन-3 में ज्यादा चुनौती
4 मई से लॉकडाउन 3 शुरू होने वाला है. बरेली रेड जोन में आ चुका है, लेकिन दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को मीरगंज में आना रुक नहीं रहा है. बिंदू राजपूत साथी दीपक कुमार और वीरेंद्र कुमार के साथ पांच दिन साइकिल चला कर लुधियाना से मीरगंज पहुंचे. इनके साथ कक्षा पांच में पढ़ने वाले रोहित भी अमेठी जा रहा था. पुलिस ने जंगल से निकलते समय सिधौली चौराहे के पास इन्हें पकड़ लिया.

पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा
पुलिस ने लुधियाना से गोरखपुर जा रहे शिवम और उनके छह साथियों को पकड़ा. सभी लुधियाना में राज मिस्त्री का काम करते हैं. पुलिस इन्हें मीरगंज मिलक की सीमा पर पुलिस बैरियर पर ले गई और अधिकारियों को सौंप दिया. इस दौरान पकड़े गए संतोष कुमार ने बताया कि पीछे भी पुलिस ने रोक कर पूछताछ की, फिर आगे जाने का रास्ता बता दिया. संतोष ने कहा कि पुलिस ही छोड़ रही है और पुलिस ही पकड़ रही है. पैसे खत्म हो गए हैं. वहां रहते तो भूखे मर जाते. घर पहुंच कर भूख से तो नहीं मरेंगे.

111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा गया
पुलिस ने शनिवार को दिनभर हाईवे पर कड़ी निगरानी करके पलायन कर रहे 111 लोगों को सीमा में घुसने पर पकड़ा. पुलिस की सूचना पर एसडीएम राजेश चंद्र, सीओ जगमोहन बुटोला, एसओ विजय कुमार, चौकी प्रभारी कृष्ण अवतार मौके पर पहुंच गए. एसडीएम ने मिलक रामपुर के अधिकारियों को सीमा पर बुलाया. एसओ ने बताया पहली बार में 59, दूसरी बार में 52 लोगों को मिलक के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया.

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