बरेली : धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल को सील करने के लिए सोमवार को नगर निगम की टीम पहुंच गई. यहांं टीम से अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ की जमकर कहासुनी हुई. अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ ने गेट में बड़ी-बड़ी चेन डालकर अंदर से हॉस्पिटल को लॉक कर दिया.
निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने मोटी-मोटी बेलों से अस्पताल के मुख्य द्वार को बंद कर दिया. नगर निगम की टीम ने ये सब देखा तो जिले के बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी. इस पर मौके पर पुलिस बल पहुंच गया. इसके साथ ही शहर के आसपास के कई थानों की फोर्स भी निजी अस्पताल पर पहुंच गई.
नगर निगम की टीम पर लगा रहे आरोप
अस्पताल से जुड़े लोगों और कर्मचारियों का आरोप है कि नगर निगम की टीम ने जबरिया अस्पताल में घुसने की कोशिशें की. इतना ही नहीं, नगर निगम की टीम पर बदसलूकी करने के आरोप भी अस्पताल के अंदर खुद को बंद कर खड़े अस्पताल के मालिक, डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों ने लगाए.
बोले अधिकारी, अस्पताल के मालिक की नीयत में है खोट
इस बारे में अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि नगर निगम ने बहुत पहले अस्पताल के लिए लीज पर जमीन दी थी. यह लीज समाप्त हो गई, लेकिन करोड़ों की भूमि से अस्पताल के मालिक अपना मोह समाप्त नही कर रहे हैं. इस वजह से यह समस्या हो रही है.
अपर नगर आयुक्त ने कहा कि तमाम तकनीकी दांव पेंचों के बावजूद अस्पताल के मालिक कानूनी जंग हार चुके हैं. उन्होंने अस्पताल के प्रबंधक पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया. कहा कि निजी अस्पताल के मालिक सरकारी कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
मौके पर पहुंचे IMA अध्यक्ष
विवाद के चलते अस्पताल के बाहर का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. अस्पताल पर कार्रवाई करने के लिए टीम पहुंचने की सूचना पर IMA के पदाधिकारी भी वहां पहुंच गए. बरेली के IMA अध्यक्ष डॉक्टर मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि वो चाहते हैं कि अधिकारी इस पूरे मामले पर एक बार IMA के साथ बैठकर चर्चा करें. उन्होंने ये भी कहा कि अगर नगर निगम गलत है तो वो हॉस्पिटल को सील नहीं होने देंगे.