बरेलीः अभी तक आपने गेहूं, जौ और धान जैसे अनाज के क्रय केंद्रों के बारे में सुना होगा. लेकिन, क्या आपने अफीम के क्रय केंद्र के बारे में सुना है? जहां किसानों द्वारा खेतों में उगाई गई अफीम की खरीदारी की जाती है. बरेली के देवचरा में केंद्रीय नारकोटिक ब्यूरो को अफीम की खेती करने वाले लगभग 1200 किसानों से अफीम की खरीदारी करनी है. इसमें करीब 900 किसानों ने अफीम को क्रय केंद्र पर लाकर दे दिया.
बरेली में केंद्रीय नारकोटिक ब्यूरो का ऑफिस है. यहां से बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर जिले में अफीम का लाइसेंस देकर किसानों को अफीम की खेती कराई जाती है. खेती करने वाले किसान फसल के रूप में पैदा हुई अफीम विभाग को बेच देते हैं. इसके बदले उनको मानक के अनुसार, भुगतान किया जाता है. इस बार तीन हजार किसानों को लाइसेंस दिया गया था. इसमें से 1800 किसान अफीम से डोडा बनाकर केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो को बेंचेगे. किसानों की अफीम को खरीदने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की तरफ से 4 दिवसीय क्रय केंद्र खोला गया है.
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो बरेली के अधीक्षक लालाराम दिनकर ने बताया कि टीम ने किसानों को नोटिस देकर तय समय पर माल के साथ बुलाया है. यहां उनके द्वारा दी गई अफीम की क्वालिटी के हिसाब से पैसा उनके बैंक खाते में जाएगा. वहीं, इसकी खेती करने वाले किसानों का कहना है कि इसमें मेहनत और लागत दोनों ज्यादा लगती है. लेकिन, उसके बदले पैसा कम मिल पाता है. वहीं, इस बार बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसल को काफी नुकसान भी है.
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