बरेली: लूट और झूठे मुकदमे में फंसाने के मामले में महिला की तहरीर पर नारकोटिक्स विभाग के एक इंस्पेक्टर, एक दारोगा और एसटीएस में तैनात एक सिपाही और बीजेपी नेता के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर उससे 310000 रुपये लूट लिए. जब शिकायत की तो उसके पति को नशीले पदार्थ की तस्करी करने के मामले में फर्जी तरह से जेल भेज दिया. फिलहाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बदायूं के बिनावर थाना क्षेत्र निवासी भगवान देवी ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी को एक लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि 18 सितंबर 2022 को उसके पति अजय पाल वर्मा को बरेली नारकोटिक्स विभाग की तरफ से एक नोटिस प्राप्त हुआ था. जब वह 19 सितंबर को अपने पति के साथ नोटिस का जवाब देने जा रही थी, तबी बदायूं निवासी बीजेपी नेता प्रभा शंकर वर्मा बहला फुसला कर उसके पति को बरेली के नारकोटिक्स ऑफिस में ले आए. जहां तैनात इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, दारोगा विवेक उत्तम, एसटीएफ में तैनात हेड कांस्टेबल जगवीर यादव ने जेल भेजने की धमकी देकर 310000 लूट लिए.
जब इसकी शिकायत उसके पति अजय पाल ने उच्च अधिकारियों से की तो उसको धमकाया गया. महिला का आरोप है कि जब उसके पति ने कार्रवाई के लिए अदालत में 156 का मुकदमा दायर किया तो 24 नवंबर 2022 को बदायूं की अदालत जाते वक्त रास्ते से उसके पति को नारकोटिक्स विभाग की टीम ने उठा लिया और नशीले पदार्थ की तस्करी करने के आरोप में जेल भेज दिया. तब से उसका पति जेल में है.
वहीं, पुलिस अधीक्षक नगर राहुल भाटी ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एक महिला की तरफ से नारकोटिक्स विभाग के कर्मचारी और एसटीएफ के कर्मचारी सहित चार लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें संबंधित विभाग को पत्र भेज दिए गए हैं. मामले की जांच की जा रही है. जांच में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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