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गांव की जनता ने नहीं बनाया प्रधान, प्रत्याशी ने किया धर्म परिवर्तन का एलान

बरेली में एक अजीबों गरीब मामला सामने आया है. क्योलडिया थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति को गांव में प्रधानी का चुनाव हारना, इतना नागवार गुजरा कि गुस्से में उसने धर्म परिवर्तन करने का एलान कर दिया. केंद्रीय मंत्री सन्तोष गंगवार को भी ऐसा न करने के लिए उस व्यक्ति को समझाना पड़ा.

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Published : Jun 2, 2021, 9:57 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 9:58 AM IST

धर्म परिवर्तन का ऐलान.

बरेलीः जिले के क्याेलडिया थाना क्षेत्र अंतर्गत भदपुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत ठिरिया बन्नोजान के रहने वाले सुरेश चन्द्र गंगवार ने गांव में प्रधान पद का चुनाव लड़ा. चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. जिससे आहत होकर सुरेश ने धर्म परिवर्तन करने का एलान कर दिया.

धर्म परिवर्तन का एलान.

ग्रामीणों से नाखुश है प्रत्याशी

सुरेश गंगवार का कहना है कि ग्राम का प्रधान बनने का सपना लेकर वो चुनाव में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. प्रधान न बनने से मायूस और नाराज सुरेश ने बताया कि गांव में समाज और बिरादरी के लोगों ने उन्हें धोखा दिया है. जिससे वो आहत हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी बार उन्होंने चुनाव लड़ने का फैंसला लिया था. वो कहते हैं, सर्व समाज से बैठक करने के बाद वो चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.

चुनाव में मन खोलकर किया था खर्च

प्रधान प्रत्याशी रहे सुरेश ने बताया कि प्रधान बनाने को उसने पूरे गांव के लिए भोजन बनवाया. कर्ज लेकर चुनाव लड़ा, लेकिन लोगों ने दावत तो उड़ाई वोट नहीं दिया. सुरेश ने कहा कि धर्म परिवर्तन की सूचना उन्होंने आला अधिकारियों को भेजी है. उन्होंने पूरे परिवार के साथ दस जून को धर्म परिवर्तन करने का एलान किया था. धर्म परिवर्तन की खबर से हिन्दू समाज ने पंचायत कर धर्म परिवर्तन न करने की अपील कर पीड़ित को समझाने का प्रयास किया.

इसे भी पढ़ें- 'हाथी' ने तोड़ा ब्रह्मचर्य...फिर भी रह गया ख्वाब अधूरा

केंद्रीय मंत्री ने फोन पर की बात

हिन्दूवादी संगठनों के अलावा कुछ भाजपा नेताओं ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री सन्तोष गंगवार ने सुरेश को जिद छोड़ने के बारे में बात की. केंद्रीय मंत्री के समझाने पर आखिरकार सुरेश ने धर्म परिवर्तन करने से अब इनकार कर दिया.

पूर्व में भी लड़ा था प्रधान पद का चुनाव

सुरेश गंगवार ने 2010 में भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था. जिसमें 625 मत मिले थे. चुनाव जीतने की खातिर 7 बीघा जमीन से लेकर घर में रखी सम्पत्ति भी दांव पर लगा दी. 2015 में दोबारा चुनाव लड़ने का मन बनाया तो हिंदू बिरादरी ने समझा-बुझाकर चुनाव न लड़ने की अपील की. बिरादरी की बात को पीड़ित ने तब मान लिया था और चुनाव नहीं लड़ा. तीसरी बार 2021 में हिंदू धर्म के लोग इकट्ठा कर प्रधानी का चुनाव लड़ने की बात कही. जिसमें सभी लोगों ने हां भर ली मगर बीच में धोखा देकर उसको अकेला छोड़ दिया. इस बार चुनाव में महज 43 मत उन्हें प्राप्त हुए थे. जबकि बिरादरी के ही 450 वोट गांव में हैं.

बरेलीः जिले के क्याेलडिया थाना क्षेत्र अंतर्गत भदपुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत ठिरिया बन्नोजान के रहने वाले सुरेश चन्द्र गंगवार ने गांव में प्रधान पद का चुनाव लड़ा. चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. जिससे आहत होकर सुरेश ने धर्म परिवर्तन करने का एलान कर दिया.

धर्म परिवर्तन का एलान.

ग्रामीणों से नाखुश है प्रत्याशी

सुरेश गंगवार का कहना है कि ग्राम का प्रधान बनने का सपना लेकर वो चुनाव में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. प्रधान न बनने से मायूस और नाराज सुरेश ने बताया कि गांव में समाज और बिरादरी के लोगों ने उन्हें धोखा दिया है. जिससे वो आहत हैं. उन्होंने कहा कि तीसरी बार उन्होंने चुनाव लड़ने का फैंसला लिया था. वो कहते हैं, सर्व समाज से बैठक करने के बाद वो चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.

चुनाव में मन खोलकर किया था खर्च

प्रधान प्रत्याशी रहे सुरेश ने बताया कि प्रधान बनाने को उसने पूरे गांव के लिए भोजन बनवाया. कर्ज लेकर चुनाव लड़ा, लेकिन लोगों ने दावत तो उड़ाई वोट नहीं दिया. सुरेश ने कहा कि धर्म परिवर्तन की सूचना उन्होंने आला अधिकारियों को भेजी है. उन्होंने पूरे परिवार के साथ दस जून को धर्म परिवर्तन करने का एलान किया था. धर्म परिवर्तन की खबर से हिन्दू समाज ने पंचायत कर धर्म परिवर्तन न करने की अपील कर पीड़ित को समझाने का प्रयास किया.

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केंद्रीय मंत्री ने फोन पर की बात

हिन्दूवादी संगठनों के अलावा कुछ भाजपा नेताओं ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री सन्तोष गंगवार ने सुरेश को जिद छोड़ने के बारे में बात की. केंद्रीय मंत्री के समझाने पर आखिरकार सुरेश ने धर्म परिवर्तन करने से अब इनकार कर दिया.

पूर्व में भी लड़ा था प्रधान पद का चुनाव

सुरेश गंगवार ने 2010 में भी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था. जिसमें 625 मत मिले थे. चुनाव जीतने की खातिर 7 बीघा जमीन से लेकर घर में रखी सम्पत्ति भी दांव पर लगा दी. 2015 में दोबारा चुनाव लड़ने का मन बनाया तो हिंदू बिरादरी ने समझा-बुझाकर चुनाव न लड़ने की अपील की. बिरादरी की बात को पीड़ित ने तब मान लिया था और चुनाव नहीं लड़ा. तीसरी बार 2021 में हिंदू धर्म के लोग इकट्ठा कर प्रधानी का चुनाव लड़ने की बात कही. जिसमें सभी लोगों ने हां भर ली मगर बीच में धोखा देकर उसको अकेला छोड़ दिया. इस बार चुनाव में महज 43 मत उन्हें प्राप्त हुए थे. जबकि बिरादरी के ही 450 वोट गांव में हैं.

Last Updated : Jun 3, 2021, 9:58 AM IST
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