ETV Bharat / state

बरेली में बाढ़ का कहर, सैकड़ों बीघा जमीन-मकान, गुरुद्वारा और स्कूल जलमग्न

बरेली के मीरगंज में रामगंगा नदी के कटान लगातार जारी है, कई ग्रामीणों का खेत और घर नदी में समा गये. बेघर हुए लोग दूसरों के खेत में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर हैं.

Bareilly Ramganga river
Bareilly Ramganga river
author img

By

Published : Aug 19, 2023, 9:15 AM IST

बरेली के रामगंगा नदी का कटान जारी.

बरेलीः जिले के मीरगंज तहसील क्षेत्र में रामगंगा नदी ने बाढ़ के कारण विकराल रूप धारण कर लिया है. क्षेत्र के खादर इलाके के गांव तीर्थ नगर में कई परिवार रामगंगा नदी के कटान से बेघर हो गए हैं. प्रभावित ग्रामीणों ने आवासीय भूमि के आवंटन की मांग की है. बेघर हुए परिवार झोपड़ी बनाकर खेतों में रह रहे हैं. इसी बीच रामगंगा नदी ने गुरुद्वारा और प्राइमरी स्कूल को खुद में समा लिया.

रामगंगा नदी के कटान से बेघर हुए तारा सिंह, बूटा सिंह, लिंकन सिंह, रणवीर, बलदेव सिंह जैसे कई लोगों के परिवार नदी के कटान से बुरी तरह प्रभावित हुए है. इन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. तारा सिंह ने बताया कि वो परिवार के साथ रोहतापुर में झोपड़ी डालकर रह रहे हैं. वहीं, मुन्नी देवी गांव में ही दूसरी जगह झोपड़ी बनाकर बेटे सोनू के साथ रह रही हैं. मुन्नी देवी ने कहा कि उन्होंने एक-एक पैसा जोड़कर मकान बनाया था, लेकिन उनका मकान रामगंगा नदी में समा गया. कुछ नहीं बचा. बच्चों को लेकर कोई कहां जाए.

बह गई नलकूप की कोठीः ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को गुरुद्वारे के कई हिस्सों के साथ लिंटर भी नदी में बह गया. सरकारी स्कूल भी नदी में समा गए. कटान अब भी लगातार जारी है. अंबरपुर के देवेंद्र शर्मा की खेत में नलकूप की कोठी बनी थी, जो गुरुवार की शाम तक तो थी, लेकिन शुक्रवार की सुबह जब लोग खेत पर पहुंचे तो देखा नलकूप की कोठी गायब है. देवेंद्र ने कहा कि नदी उनकी 100 बीघा जमीन बहा ले गई.

एसडीएम ने लगाई थी बाढ़ राहत चौपालः रामगंगा नदी के कटान को लेकर एसडीएम उदित पवार ने कुछ दिन पहले गांव में एक चौपाल का आयोजन किया था. गांव वालों का आरोप है कि एसडीएम अपनी खाना पूर्ति करके चले गए, लेकिन हमारा क्या होगा? हम लोग कहां जाएं? वो गांव के अन्य लोगों के खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. अगर लोग मना कर दें, तो वो कहां जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू, घाट की सीढ़ियों पर अंतिम संस्कार

बरेली के रामगंगा नदी का कटान जारी.

बरेलीः जिले के मीरगंज तहसील क्षेत्र में रामगंगा नदी ने बाढ़ के कारण विकराल रूप धारण कर लिया है. क्षेत्र के खादर इलाके के गांव तीर्थ नगर में कई परिवार रामगंगा नदी के कटान से बेघर हो गए हैं. प्रभावित ग्रामीणों ने आवासीय भूमि के आवंटन की मांग की है. बेघर हुए परिवार झोपड़ी बनाकर खेतों में रह रहे हैं. इसी बीच रामगंगा नदी ने गुरुद्वारा और प्राइमरी स्कूल को खुद में समा लिया.

रामगंगा नदी के कटान से बेघर हुए तारा सिंह, बूटा सिंह, लिंकन सिंह, रणवीर, बलदेव सिंह जैसे कई लोगों के परिवार नदी के कटान से बुरी तरह प्रभावित हुए है. इन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. तारा सिंह ने बताया कि वो परिवार के साथ रोहतापुर में झोपड़ी डालकर रह रहे हैं. वहीं, मुन्नी देवी गांव में ही दूसरी जगह झोपड़ी बनाकर बेटे सोनू के साथ रह रही हैं. मुन्नी देवी ने कहा कि उन्होंने एक-एक पैसा जोड़कर मकान बनाया था, लेकिन उनका मकान रामगंगा नदी में समा गया. कुछ नहीं बचा. बच्चों को लेकर कोई कहां जाए.

बह गई नलकूप की कोठीः ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को गुरुद्वारे के कई हिस्सों के साथ लिंटर भी नदी में बह गया. सरकारी स्कूल भी नदी में समा गए. कटान अब भी लगातार जारी है. अंबरपुर के देवेंद्र शर्मा की खेत में नलकूप की कोठी बनी थी, जो गुरुवार की शाम तक तो थी, लेकिन शुक्रवार की सुबह जब लोग खेत पर पहुंचे तो देखा नलकूप की कोठी गायब है. देवेंद्र ने कहा कि नदी उनकी 100 बीघा जमीन बहा ले गई.

एसडीएम ने लगाई थी बाढ़ राहत चौपालः रामगंगा नदी के कटान को लेकर एसडीएम उदित पवार ने कुछ दिन पहले गांव में एक चौपाल का आयोजन किया था. गांव वालों का आरोप है कि एसडीएम अपनी खाना पूर्ति करके चले गए, लेकिन हमारा क्या होगा? हम लोग कहां जाएं? वो गांव के अन्य लोगों के खेत में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. अगर लोग मना कर दें, तो वो कहां जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या में खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू, घाट की सीढ़ियों पर अंतिम संस्कार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.