बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली के मीरगंज तहसील क्षेत्र के गांव करौरा भगवंतपुर में जमीन को लेकर संभल के एसडीएम विनय मिश्रा और ग्रामीणों के बीच विवाद चल रहा है. एसडीएम ने करीब सात साल पहले यहां जमीन खरीदी थी. उस जमीन को कुछ ग्रामीण अपना बता रहे हैं. सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर चार वीडियो वायरल हुए, जिसमें एसडीएम और ग्रामीणों के बीच जमीन के पास तीखी नोकझोंक हो रही है. एक वीडियो में धक्कामुक्की की नौबत दिख रही है. कई ग्रामीण हल्ला करते हुए जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं तो प्रशासनिक अधिकारी जमीन खरीदने की बात कह रहे हैं. वीडियो में बड़ी संख्या में लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर पहुंचे हुए हैं. नोकझोंक के बीच ग्रामीण हल्ला भी काट रहे हैं. एसडीएम उन्हें अपनी जमीन होने का नक्शा भी दिखा रहे हैं. वायरल वीडियो दो दिन पुराने बताए जा रहे हैं. भीड़ में महिलाओं के साथ बच्चे भी हैं.
कुछ माह पहले गांव करौरा भगवंतपुर के राजीव कुमार समेत कई ग्रामीणों ने कमिश्नर, डीएम को प्रार्थनापत्र देकर जमीन पर कब्जा होने का आरोप लगाया था. तब जिलाधिकारी ने आरोपों की जांच कराने के लिए मीरगंज व सदर तहसील के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम गठित करने के आदेश दिए थे. एडीएम प्रशासन ने जांच के लिए एसडीएम मीरगंज कुमार धर्मेंद्र, एसडीएम सदर प्रत्यूष पांडेय, तत्कालीन तहसीलदार सदर अनिल कुमार व तत्कालीन तहसीलदार मीरगंज रामनयन सिंह को शामिल करते हुए टीम गठित की थी. टीम में शामिल अधिकारियों ने दोनों पक्षों को बुलाकर उनके पक्ष सुने थे.
एसडीएम संभल विनय मिश्रा का कहना है कि गांव के आसपास जमीन में बहुत छोटे-छोटे नंबर हैं. उनमें कई खातेदार शामिल हैं. वर्ष 2016 में हमने सह खातेदारों से जमीन खरीदी थी. किसी किसान की भूमि पर कब्जा नहीं किया है. वह क्षेत्र राम गंगा खादर का है, वहां ना तो कोई मेड़ है, न ही ऐसा कोई चिन्ह है. जमीन हमने खरीदी है, जब भी जमीन देखने जाते हैं तो ग्रामीण डंडे लेकर आ जाते हैं, गंगा खादर की भूमि है, ग्रामीण बेवजह विवाद खड़ा करते हैं. हमारे पास जमीन के कागजात हैं, जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें वह ग्रामीणों को समझा रहे हैं. वहीं तहसीलदार मीरगंज अनिल कुमार यादव का कहना है कि करौरा भगवंतपुर में एसडीएम और ग्रामीणों के बीच जमीन को लेकर कोई विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. बीच में जांच भी हुई थी. जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उनकी जानकारी नहीं है. विवाद है तो दोनों पक्षों को बैठकर सुलह करनी चाहिए. फिलहाल किसी तरह की शिकायत नहीं आई है.
यह भी पढ़ें : लेखक प्रेम रावत की किताब 'स्वयं की आवाज़' के विमोचन में बना गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड