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फूड इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के आरोप, मीडिया का कैमरा देख भागते नजर आये एफएसओ

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Published : Dec 15, 2021, 7:00 PM IST

बरेली जिले के मीरगंज फूड इंस्पेक्टर पर दुकानदारों से अवैध वसूली का आरोप. अवैध वसूली के विरोध में व्यापार मंडल के अध्यक्ष समेत दुकानदारों ने किया हंगामा. कैमरा देख भागते नजर आए फूड इंस्पेक्टर.

फूड इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के आरोप
फूड इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के आरोप

बरेली : मीरगंज कस्बे में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब व्यापार मंडल के अध्यक्ष राम नारायण, फूड इंस्प्क्टर (एफएसओ) मीरगंज की गाड़ी के आगे लेट गए. जैसे ही यह घटना कस्बे के व्यापारियों को पता चली, सैकड़ों व्यापारी मौके पर इकट्ठा हो गए. दरअसल, यह पूरा मामला अवैध वसूली से जुड़ा हुआ है, और इसी के विरोध में आज हो हंगामा हुआ.

आपको बता दें, मीरगंज फूड इंस्पेक्टर का नाम वीरेंद्र सिंह है. इन पर अवैध रूप से दुकानदारों से पैसे वसूली करने का आरोप काफी दिनों से लगते आ रहा है. आरोप यह है कि एफएसओ वीरेंद्र सिंह तहसील और थाने में चेकिंग अभियान की कोई सूचना दिए बिना ही, दुकानदारों की चेकिंग करने चले जाते हैं. इससे यह साफ प्रतीत होता है कि वो जांच के नाम पर केवल दुकानदारों से उगाही करने आते हैं.

फूड इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के आरोप

इस मामले पर एफएसओ ने कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो शासन द्वारा निर्धारित चेकिंग अभियान चला रहे थे. रुपये मांगने के आरोप पूरी तरह गलत हैं. वहीं, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने एफएसओ को भीड़ से किसी तरह निकाला. पुलिस के आने से पहले भीड़ एफएसओ को घंटों बंधक बनाए रखी थी. वहीं, एफएसओ मीडिया का कैमरा देख दुकान से रोड पर भागते हुए नजर आये.

वहीं, व्यापार मंडल के अध्यक्ष राम नारायण गुप्ता ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह हमेशा व्यपारियों को परेशान करने आते हैं. चेकिंग और नोटिस के नाम पर वो दुकानदारों से पैसा उगाही करके निकल जाते हैं. आज वीरेंद्र सिंह को दुकानदारों ने घेर लिया. इसके बाद वो उनकी दुकान से भागने लगे, तभी वो वीरेंद्र सिंह की कार के आगे लेट गए और नारे लगाने लगे.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा मामला : मंत्री के बेटे के दोस्त सुमित की जमानत टली

एक दुकानदार ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर आज उनकी दुकान पर आए और नोटिस के नाम पर रुपये की मांग करने लगे. बोले कि यह पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं है. यहां हमारी सरकार है. हम जो चाहेंगे वो होगा. जिसके बाद उन्होंने व्यापार मंडल के सदस्यों को सूचित किया. उन्होंने बताया कि जब मन करता है वो चेकिंग करने के लिए आते हैं और मार्किट से रुपये उगाही कर चले जाते हैं.


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बरेली : मीरगंज कस्बे में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब व्यापार मंडल के अध्यक्ष राम नारायण, फूड इंस्प्क्टर (एफएसओ) मीरगंज की गाड़ी के आगे लेट गए. जैसे ही यह घटना कस्बे के व्यापारियों को पता चली, सैकड़ों व्यापारी मौके पर इकट्ठा हो गए. दरअसल, यह पूरा मामला अवैध वसूली से जुड़ा हुआ है, और इसी के विरोध में आज हो हंगामा हुआ.

आपको बता दें, मीरगंज फूड इंस्पेक्टर का नाम वीरेंद्र सिंह है. इन पर अवैध रूप से दुकानदारों से पैसे वसूली करने का आरोप काफी दिनों से लगते आ रहा है. आरोप यह है कि एफएसओ वीरेंद्र सिंह तहसील और थाने में चेकिंग अभियान की कोई सूचना दिए बिना ही, दुकानदारों की चेकिंग करने चले जाते हैं. इससे यह साफ प्रतीत होता है कि वो जांच के नाम पर केवल दुकानदारों से उगाही करने आते हैं.

फूड इंस्पेक्टर पर अवैध वसूली के आरोप

इस मामले पर एफएसओ ने कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो शासन द्वारा निर्धारित चेकिंग अभियान चला रहे थे. रुपये मांगने के आरोप पूरी तरह गलत हैं. वहीं, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने एफएसओ को भीड़ से किसी तरह निकाला. पुलिस के आने से पहले भीड़ एफएसओ को घंटों बंधक बनाए रखी थी. वहीं, एफएसओ मीडिया का कैमरा देख दुकान से रोड पर भागते हुए नजर आये.

वहीं, व्यापार मंडल के अध्यक्ष राम नारायण गुप्ता ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह हमेशा व्यपारियों को परेशान करने आते हैं. चेकिंग और नोटिस के नाम पर वो दुकानदारों से पैसा उगाही करके निकल जाते हैं. आज वीरेंद्र सिंह को दुकानदारों ने घेर लिया. इसके बाद वो उनकी दुकान से भागने लगे, तभी वो वीरेंद्र सिंह की कार के आगे लेट गए और नारे लगाने लगे.

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एक दुकानदार ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर आज उनकी दुकान पर आए और नोटिस के नाम पर रुपये की मांग करने लगे. बोले कि यह पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं है. यहां हमारी सरकार है. हम जो चाहेंगे वो होगा. जिसके बाद उन्होंने व्यापार मंडल के सदस्यों को सूचित किया. उन्होंने बताया कि जब मन करता है वो चेकिंग करने के लिए आते हैं और मार्किट से रुपये उगाही कर चले जाते हैं.


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