बरेली: जिला प्रशासन ने साहूकारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. जिले के 200 साहूकारों के लाइसेंस को जिला प्रशासन के द्वारा निरस्त कर दिया गया है. बता दें कि शाहजहांपुर के व्यापारी ने सूदखोरों के चंगुल में फंसकर परिवार सहित आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया और साहूकारों के खिलाफ कार्रवाई की.
बता दें कि कुछ दिनों पहले शाहजहांपुर जिले में सूदखोरों के चंगुल में फंसकर दवा कारोबारी ने पहले दो बच्चों को फंदे पर लटकाया था और उसके बाद पत्नी के साथ खुद भी आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने सूदखोरों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में बरेली में 200 सूदखोरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.
जिले में कराई गई साहूकारों के लाइसेंस की जांच
बरेली में भी जिला प्रशासन ने वर्षों पूर्व उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1976 के तहत जारी किए लाइसेंसों की जांच कराई है. अधिकारियों की मानें तो बरेली जनपद में कुल 982 सहकारी के लाइसेंस हैं, जिसमें से 200 साहूकारी लाइसेंस जांच के बाद गड़बड़ पाए गए हैं.
अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि जिले के साहूकारों से उनके लाइसेंस से संबंधित प्रपत्र नोटिस देकर ऑफिस में जमा कराने व प्रपत्रों की जांच कराने के आदेश दिए गए थे, लेकिन 200 साहूकारों ने न हीं तो कोई कागजात एडीएम फाइनेंस के ऑफिस में दिखाए और न हीं नोटिस का कोई जवाब दिया, जिसके बाद प्रशासन ने ऐसे 200 साहूकारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जिनके लाइसेंस तो हैं, लेकिन उसके बावजूद वो अब साहूकारी का धंधा नहीं करते.
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इस बारे में जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में साहूकारी के नए लाइसेंस भी जिले में नहीं बनाए जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सूदखोरी से जुड़ी कोई भी शिकायत अगर मिली तो उसके लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को तमाम आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि जिले में करीब एक हजार साहूकारी के लाइसेंस हैं, जिनमें से अभी तक जांच के बाद 200 लाइसेंस नियम के मुताबिक नहीं पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि काफी संख्या में ऐसे लाइसेंस हैं, जिनका नवीनीकरण नहीं कराया गया है, जबकि काफी लाइसेंस ऐसे पाए गए हैं, जिनमें कुछ न कुछ अन्य अनियमितता जांच के बाद पकड़ में आई है. साथ ही कुछ ऐसे लाइसेंस धारकों के लाइसेंस भी निरस्त किये गए हैं, जिनकी शिकायतें मिली थीं.