बरेली: जिले में 300 बेड के कोविड अस्पताल में 35 संविदा कर्मचारियों को अचानक बाहर कर दिया गया. जिसके बाद संविदा कर्मियों ने सीएमओ(CMO) और सीएमएस(CMS) पर मानसिक उत्पीड़न के गम्भीर आरोप लगाए हैं. बता दें वैश्विक महामारी के दौरान इस कोविड अस्पताल में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत संविदाकर्मियों को नियुक्त किया गया था, लेकिन अब कोरोना संक्रमण कम होने का हवाला देकर कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.
संविदा कर्मियों का कहना है कि देश मे जब संक्रमण पीक पर था तो संविदा कर्मियों की सेवाएं ली गईं. दिन रात स्वास्थ्य कर्मियों ने संक्रमण के मरीजों के लिए बनाए गए हॉस्पिटल में सेवाएं दी, लेकिन जैसे ही संक्रमण का ग्राफ घटा तो अब महकमे के अफसरों ने स्वास्थ्य कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. 35 से अधिक कर्मियों के सामने रोजी रोटी का अब संकट खड़ा हो गया है. संविदा कर्मियों का आरोप है कि उनका मानसिक शोषण हो रहा है.
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संविदा कर्मचारी दे रहे आत्महत्या की धमकी
9 महीने की गर्भवती संविदाकर्मी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने उन्हें आवंटित हुए आवासों से भी जाने का फरमान सुना दिया है. कई कर्मियों ने तो खुले तौर पर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर हमला बोलते हुए कहा है कि वो लोग नौकरी जाने से इतने तनाव में हैं कि वो आत्महत्या अगर कर लेते हैं तो महकमे के सीएमओ और सीएमएस ही जिम्मेदार होंगे.
कैसे हो कर्मियों का भुगतान
इस पूरे मामले पर कोविड हॉस्पिटल के सीएमएस डॉक्टर पवन कपाही का कहना है कि विभाग के पास ऐसा कोई बजट नहीं है, जिससे संविदा कर्मियों को ड्यूटी करने पर भुगतान किया जा सके. लिहाजा उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. अफसरों ने भी माना कि सुसाइड करने की धमकी संविदा कर्मचारी की तरफ से मिली है.
बहरहाल ये मामला अब बरेली में तूल पकड़ता जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं से बाहर किये गए कर्मियों का कहना है कि उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना खूब मेहनत की लेकिन अब उन्हें बाहर कर दिया गया है. कर्मियों का कहना है कि एक तो नौकरी चली गई ऊपर से क्वार्टर खाली करने का फरमान, मानसिक तौर पर उन्हें परेशान कर रहा है, जिससे उनके किसी भी गलत कदम उठाने पर उसका जिम्मेदार सीएमओ व सीएमएस को बताया है.