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बरेली: बारात में बैंड बजाने की संचालकों ने मांगी अनुमति - लॉकडाउन में शादी

यूपी के बरेली जिले में बैंड वालों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए बैंड वालों ने शादी समारोह में बैंड बजाने की मांग की है. उनका कहना है कि अनलॉक-1 के तहत बैंड वालों को शादी समारोह में काम करने का मौका मिले, ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके.

बरेली जिलाधिकारी
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Published : Jun 4, 2020, 10:39 PM IST

बरेली: लॉकडाउन के चलते बैंड वालों ने बारात में बैंड बजाने के लिए जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह से अनुमति मांगी है. इसके लिए बैंड वालों ने गुरूवार को डीएम को एक ज्ञापन सौंपा. साथ ही मजदूरों की तरह बैंड वालों को भी वित्तीय सहायता देने की मांग की गई.

साहूकारों से लेना पड़ता है कर्ज
अन्य मजदूरों की तरह बैंड बाजा वाले भी लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. बैंड वालों ने गुरूवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया कि उन्हें भी वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए. बैंड वालों का कहना है कि जिले में 125 बैंड बाजे वाले हैं. शादी समारोह के सीजन में सिर्फ 35 मूहुर्त होते हैं. बाकी के शेष दिन कामगार बैंड बजाने का अभ्यास करते रहते हैं. वाद्य यंत्रों को खरीदने के लिए भी साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है.

बैंड बजाने की मांगी इजाजत
बैंड कामगारों ने बताया कि कोरोना के चलते इस साल सभी बैंड वाले 22 मार्च से बेरोजगार हैं. सरकार ने शादी समारोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी है. बैंड वालों की मांग है कि उनके लिए सरकार अलग से नियम बनाए. उन्हें शादी समारोह में बैंड बजाने की अनुमति दी जाए, ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सके. सभी बैंड वालों को बारातियों से अलग रखा जाए. संचालकों की मांग है कि हर बारात में 11 बैंड वाले, 5 लाइट वाले, एक घोड़ी वाले को और शामिल होने की अनुमति दी जाए.

बरेली: लॉकडाउन के चलते बैंड वालों ने बारात में बैंड बजाने के लिए जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह से अनुमति मांगी है. इसके लिए बैंड वालों ने गुरूवार को डीएम को एक ज्ञापन सौंपा. साथ ही मजदूरों की तरह बैंड वालों को भी वित्तीय सहायता देने की मांग की गई.

साहूकारों से लेना पड़ता है कर्ज
अन्य मजदूरों की तरह बैंड बाजा वाले भी लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. बैंड वालों ने गुरूवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए बताया कि उन्हें भी वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए. बैंड वालों का कहना है कि जिले में 125 बैंड बाजे वाले हैं. शादी समारोह के सीजन में सिर्फ 35 मूहुर्त होते हैं. बाकी के शेष दिन कामगार बैंड बजाने का अभ्यास करते रहते हैं. वाद्य यंत्रों को खरीदने के लिए भी साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है.

बैंड बजाने की मांगी इजाजत
बैंड कामगारों ने बताया कि कोरोना के चलते इस साल सभी बैंड वाले 22 मार्च से बेरोजगार हैं. सरकार ने शादी समारोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी है. बैंड वालों की मांग है कि उनके लिए सरकार अलग से नियम बनाए. उन्हें शादी समारोह में बैंड बजाने की अनुमति दी जाए, ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सके. सभी बैंड वालों को बारातियों से अलग रखा जाए. संचालकों की मांग है कि हर बारात में 11 बैंड वाले, 5 लाइट वाले, एक घोड़ी वाले को और शामिल होने की अनुमति दी जाए.

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