बरेली : बच्चों की सेहत के लिए अब परिजनों को परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिसके लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग ने एक ऐप लांच किया है, जिससे बच्चों की सेहत की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इस नए मोबाइल ऐप को लांच किया गया है. इस की मदद से एक-एक बच्चे की सेहत की जांच की जा सकेगी, इसके साथ ही आंकड़ों में हो रहे फर्जीवाड़ों पर भी लगाम लगेगी.
- मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने पर भी टीम के डॉक्टर और पैरामेडिकल अपनी उपस्थिति और डेटा ऑफलाइन दर्ज कर सकेंगे. जैसे ही टीम नेटवर्क के दायरे में आएगी वैसे सभी डेटा फारवर्ड हो जाएंगे.
- इस ऐप में मोबाइल टीम उन बाल मरीजों की लगातार मॉनीटरिंग कर सकेंगीं, जिनको फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया गया था.
- इस ऐप में 38 प्रकार की बीमारियों की डिटेल्स हैं, जो किसी भी संभावित बीमारी की जानकारी प्रदान कर सकता है.
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल से इस मामले पर जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस आरबीएसके के लिए डॉक्टर अशोक कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है. इनकी देखरेख में पूरे जिले में इस नए ऐप को लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य सिर्फ आरबीएसके को मजबूत बनाना है. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस में मोबाइल टीम उन बाल मरीजों की लगातार मॉनीटरिंग कर सकेंगीं, जिनको फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया गया था. इस तकनीक से कोई भी बच्चा इलाज से वंचित नहीं रह पाएगा.
यह भी जानें:
- जिलाधिकारी, सीएमओ, नोडल अधिकारी, बीएसए, डीपीओ, सीएचसी अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत स्टेट के लोग भी कभी भी से बच्चों के इलाज के लिए गठित टीम की डिटेल जान सकेंगे.
- इस टीम के द्वारा फीड किये गए डेटा के प्रीव्यू और पोस्ट व्यू की सुविधा मिलेगी. फाइनल डेटा भेजने से पहले गलती को सुधारा भी जा सकता है.
- इस ऐप में यह भी ऑप्शन है कि अगर टीम की गाड़ी किसी वजह से नहीं पहुंच पाती है तो नो ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.