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कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और आरोपी बरेली से गिरफ्तार - जावेद और कामरान

कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी एसआईटी ने बरेली से एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. दरअसल आरोपियों की मदद के आरोप में दरगाह से जुड़े नातख्वाह कैफी और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद की पिछले दिनों गिरफ्तारी हो चुकी है. अब नावेद के दोस्त कामरान को एसआईटी ने बरेली से गिरफ्तार किया है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार.
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Published : Oct 31, 2019, 7:37 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 7:49 PM IST

बरेलीः यूपी एसआईटी ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में बरेली से एक और आरोपी कामरान को गिरफ्तार किया है. कामरान पर मदद के दौरान नावेद के साथ रहने का आरोप है. गिरफ्तार कामरान से एसआईटी लखनऊ में पूछताछ कर रही है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार.
जावेद की कम्पनी में काम करता था जावेद
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ साल पहले बरेली आने पर कामरान दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के संपर्क में आया और उसने नावेद का भरोसा जीत लिया. नावेद ने दिल्ली निवासी पार्टनर मोहसिन के साथ मिलकर मलूकपुर चौकी के पास ट्रेवल एजेंसी का दफ्तर खोला. इसमें आठ हजार रुपये महीने पर कामरान को नौकरी दे दी. दोस्ती ऐसी थी जो जिंजो ट्रैवल्स के बोर्ड पर कामरान का ही नाम था. लोग उसे पार्टनर ही समझते थे. कामरान नावेद की कार भी चलाता था.
कामरान जावेद की गाड़ी भी चलाता था
18 अगस्त की रात कामरान किसी शादी में गया हुआ था. नावेद ने उसे मोबाइल पर कई संदेश भेजे. इनमें लिखा था कि जल्दी कार लेकर आ जाओ. बहुत जरूरी काम है. इसे हल्के में मत लेना. कामरान रात करीब ढाई बजे लौटा तो उसने मैसेज देखा. नावेद से बात की और पत्नी फरीन को बताया कि जरूरी काम से नावेद भाई ने बुलाया है. बाद में करीब साढ़े तीन बजे निकल गया. नावेद की सफेद रंग की होंडा सिटी कार लेकर वह नावेद के बताए मुताबिक चौपुला पहुंच गया. वहां नावेद कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों को ऑटो से लेकर आया. जिन्हें कार में बैठाकर यह लोग जंक्शन पहुंचे.
जावेद और कामरान ने दोनों हत्यारों को पहुंचाया था नेपाल
जंक्शन पर नावेद ने एक आरोपी का मोबाइल सरयू यमुना एक्सप्रेस में रख दिया. ट्रेन दिल्ली की ओर जा रही थी. एजेंसियां लखनऊ से मिले इनपुट के आधार पर मोबाइल की लोकेशन खोजती हुई जंक्शन पहुंचीं और सर्विलांस से हत्यारों के दिल्ली दिशा में जाने का प्रमाण मिलते ही उधर जाल बिछा दिया. दूसरी ओर नावेद की कार से कामरान और नावेद हत्यारों को बीसलपुर-खुटार होते हुए पलिया तक ले गए. वहां से उन्हें नेपाल में एंट्री कराकर लौट आए.
बरेली में रहता है कामरान
मोहल्ला घेर शेख मिट्ठू में किराये पर रह रहे कामरान के पकड़े जाने के बाद उसके घर पर काफी लोगों की भीड़ जमा थी. पत्नी फरीन ने बताया कि उसका मायका इसी मोहल्ले में और ससुराल अलीगढ़ शहर में है. वह शादी के बाद से ससुराल में थी. डेढ़ साल से वह लोग यहां हैं. पति का किसी से वास्ता नहीं था. नावेद ने जबरन उन्हें बुलाकर फंसा दिया. नावेद के पकड़ने के बाद से पति डिप्रेशन में थे, इसलिए पुलिस को कुछ नहीं बताया.
विवेचना कर रही लखनऊ एसआईटी ने मंगलवार रात ही बरेली में डेरा डाल दिया था. टीम बुधवार दोपहर बरेली क्राइम ब्रांच के साथ किला थाने के मिट्ठू खां मोहल्ले में पहुंची. वहां किराये के घर में रहने वाले कामरान को बाहर बुलाया और उसे लेकर थोड़ी ही देर में लखनऊ चली गई. टीम वहां उससे पूछताछ कर रही है.


जेल जाने से पहले नावेद ने बताया था कि जब हत्यारे उसके पास आए तो उसने अपने कर्मचारी कामरान को भी साथ में ले लिया था. एसआईटी अब इस बात की जांच करेगी कि मदद करने में कामरान की किस तरह की भूमिका है. कामरान मूल रूप से अलीगढ़ का निवासी है और डेढ़ साल से यहां किराये पर रह रहा था. वह नावेद की जिंजो ट्रैवल एजेंसी पर काम करता था.

बरेलीः यूपी एसआईटी ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में बरेली से एक और आरोपी कामरान को गिरफ्तार किया है. कामरान पर मदद के दौरान नावेद के साथ रहने का आरोप है. गिरफ्तार कामरान से एसआईटी लखनऊ में पूछताछ कर रही है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार.
जावेद की कम्पनी में काम करता था जावेद
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ साल पहले बरेली आने पर कामरान दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के संपर्क में आया और उसने नावेद का भरोसा जीत लिया. नावेद ने दिल्ली निवासी पार्टनर मोहसिन के साथ मिलकर मलूकपुर चौकी के पास ट्रेवल एजेंसी का दफ्तर खोला. इसमें आठ हजार रुपये महीने पर कामरान को नौकरी दे दी. दोस्ती ऐसी थी जो जिंजो ट्रैवल्स के बोर्ड पर कामरान का ही नाम था. लोग उसे पार्टनर ही समझते थे. कामरान नावेद की कार भी चलाता था.
कामरान जावेद की गाड़ी भी चलाता था
18 अगस्त की रात कामरान किसी शादी में गया हुआ था. नावेद ने उसे मोबाइल पर कई संदेश भेजे. इनमें लिखा था कि जल्दी कार लेकर आ जाओ. बहुत जरूरी काम है. इसे हल्के में मत लेना. कामरान रात करीब ढाई बजे लौटा तो उसने मैसेज देखा. नावेद से बात की और पत्नी फरीन को बताया कि जरूरी काम से नावेद भाई ने बुलाया है. बाद में करीब साढ़े तीन बजे निकल गया. नावेद की सफेद रंग की होंडा सिटी कार लेकर वह नावेद के बताए मुताबिक चौपुला पहुंच गया. वहां नावेद कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों को ऑटो से लेकर आया. जिन्हें कार में बैठाकर यह लोग जंक्शन पहुंचे.
जावेद और कामरान ने दोनों हत्यारों को पहुंचाया था नेपाल
जंक्शन पर नावेद ने एक आरोपी का मोबाइल सरयू यमुना एक्सप्रेस में रख दिया. ट्रेन दिल्ली की ओर जा रही थी. एजेंसियां लखनऊ से मिले इनपुट के आधार पर मोबाइल की लोकेशन खोजती हुई जंक्शन पहुंचीं और सर्विलांस से हत्यारों के दिल्ली दिशा में जाने का प्रमाण मिलते ही उधर जाल बिछा दिया. दूसरी ओर नावेद की कार से कामरान और नावेद हत्यारों को बीसलपुर-खुटार होते हुए पलिया तक ले गए. वहां से उन्हें नेपाल में एंट्री कराकर लौट आए.
बरेली में रहता है कामरान
मोहल्ला घेर शेख मिट्ठू में किराये पर रह रहे कामरान के पकड़े जाने के बाद उसके घर पर काफी लोगों की भीड़ जमा थी. पत्नी फरीन ने बताया कि उसका मायका इसी मोहल्ले में और ससुराल अलीगढ़ शहर में है. वह शादी के बाद से ससुराल में थी. डेढ़ साल से वह लोग यहां हैं. पति का किसी से वास्ता नहीं था. नावेद ने जबरन उन्हें बुलाकर फंसा दिया. नावेद के पकड़ने के बाद से पति डिप्रेशन में थे, इसलिए पुलिस को कुछ नहीं बताया.
विवेचना कर रही लखनऊ एसआईटी ने मंगलवार रात ही बरेली में डेरा डाल दिया था. टीम बुधवार दोपहर बरेली क्राइम ब्रांच के साथ किला थाने के मिट्ठू खां मोहल्ले में पहुंची. वहां किराये के घर में रहने वाले कामरान को बाहर बुलाया और उसे लेकर थोड़ी ही देर में लखनऊ चली गई. टीम वहां उससे पूछताछ कर रही है.


जेल जाने से पहले नावेद ने बताया था कि जब हत्यारे उसके पास आए तो उसने अपने कर्मचारी कामरान को भी साथ में ले लिया था. एसआईटी अब इस बात की जांच करेगी कि मदद करने में कामरान की किस तरह की भूमिका है. कामरान मूल रूप से अलीगढ़ का निवासी है और डेढ़ साल से यहां किराये पर रह रहा था. वह नावेद की जिंजो ट्रैवल एजेंसी पर काम करता था.

Intro:कमलेश तिवारी हत्याकांड में आरोपियों की मदद के आरोप में दरगाह से जुड़े नातख्वाह कैफी और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद की पिछले दिनों गिरफ्तारी हो चुकी है। अब नावेद के दोस्त कामरान को लखनऊ पुलिस की एसआईटी बरेली से ले गई। कामरान पर मदद के दौरान नावेद के साथ रहने का आरोप है। लखनऊ में उससे पूछताछ की जा रही है। आगे खबर में पढ़िए पूरे हत्याकांड में क्या थी।

Body:करीब डेढ़ साल पहले बरेली आने पर वह दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के संपर्क में आया और उसने नावेद का भरोसा जीत लिया। नावेद ने दिल्ली निवासी पार्टनर मोहसिन के साथ मिलकर मलूकपुर चौकी के पास ट्रेवल एजेंसी का दफ्तर खोला। इसमें आठ हजार रुपये महीने पर कामरान को नौकरी दे दी। दोस्ती ऐसी थी जो जिंजो ट्रैवल्स के बोर्ड पर कामरान का ही नाम था। लोग उसे पार्टनर ही समझते थे। कामरान नावेद की कार भी चलाता था।
18 अगस्त की रात कामरान किसी शादी में गया हुआ था। नावेद ने उसे मोबाइल पर कई संदेश भेजे। इनमें लिखा था कि जल्दी कार लेकर आ जाओ। बहुत जरूरी काम है। इसे हल्के में मत लेना। कामरान रात करीब ढाई बजे लौटा तो उसने मेसेज देखे। नावेद से बात की और पत्नी फरीन को बताया कि जरूरी काम से नावेद भाई ने बुलाया है। बाद में करीब साढ़े तीन बजे निकल गया। नावेद की सफेद रंग की होंडा सिटी कार लेकर वह नावेद के बताए मुताबिक चौपुला से पहले पहुंच गया। वहां नावेद ऑटो से दोनों आरोपियों को लेकर आया। इन्हें कार में बैठाकर ये लोग जंक्शन पहुंचे।
जंक्शन पर नावेद ने एक आरोपी का मोबाइल सरयू यमुना एक्सप्रेस में रख दिया। ट्रेन दिल्ली की ओर जा रही थी। एजेंसियां लखनऊ से मिले इनपुट के आधार पर मोबाइल की लोकेशन खोजती हुई जंक्शन पहुंचीं और सर्विलांस से हत्यारों के दिल्ली दिशा में जाने का प्रमाण मिलते ही उधर जाल बिछा दिया। दूसरी ओर नावेद की कार से कामरान व नावेद हत्यारों को बीसलपुर, खुटार होते हुए पलिया तक ले गए। वहां से उन्हें नेपाल में एंट्री कराकर लौट आए।
मोहल्ला घेर शेख मिट्ठू में किराये पर रह रहे कामरान के पकड़े जाने के बाद उसके घर पर काफी लोगों की भीड़ जमा थी। पत्नी फरीन ने बताया कि उसका मायका इसी मोहल्ले में और ससुराल अलीगढ़ शहर में है। वह शादी के बाद से ससुराल में थी। डेढ़ साल से वह लोग यहां हैं। दो बेटे हैं। बताया कि नावेद के साथ उसके पति ने धंधा शुरू किया था। पति का किसी से वास्ता नहीं था। धंधे के अलावा कभी-कभार दरगाह पर हाजिरी देने जाते थे और सीधे घर आते थे। नावेद ने जबरन उन्हें बुलाकर फंसा दिया। नावेद के पकड़ने के बाद से पति डिप्रेशन में थे, इसलिए पुलिस को कुछ नहीं बताया।
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड के तार बरेली से जुड़े हुए हैं। बरेली से पिछले दिनों दो गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
विवेचना कर रही लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने मंगलवार रात ही बरेली में डेरा डाल दिया था। टीम बुधवार दोपहर बरेली क्राइम ब्रांच के साथ किला थाने के घेर मिट्ठू खां मोहल्ले में पहुंची। वहां किराये के घर में रहने वाले कामरान को बाहर बुलाया और उसे लेकर थोड़ी ही देर में लखनऊ चली गई। टीम वहां उससे पूछताछ कर रही है।
Conclusion:जेल जाने से पहले नावेद ने बताया था कि जब हत्यारे उसके पास आए तो उसने अपने कर्मचारी कामरान को भी साथ में ले लिया था। एसआईटी अब इस बात की जांच करेगी कि मदद करने में कामरान की किस तरह की भूमिका है। कामरान मूल रूप से अलीगढ़ का निवासी है और डेढ़ साल से यहां किराये पर रह रहा था। वह नावेद की जिंजो ट्रैवल एजेंसी पर काम करता था।

बाइट..आफरीन पत्नी कामरान

सुनील सक्सेना
बरेली।
Last Updated : Oct 31, 2019, 7:49 PM IST
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