बरेलीः यूपी एसआईटी ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में बरेली से एक और आरोपी कामरान को गिरफ्तार किया है. कामरान पर मदद के दौरान नावेद के साथ रहने का आरोप है. गिरफ्तार कामरान से एसआईटी लखनऊ में पूछताछ कर रही है.
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ साल पहले बरेली आने पर कामरान दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के संपर्क में आया और उसने नावेद का भरोसा जीत लिया. नावेद ने दिल्ली निवासी पार्टनर मोहसिन के साथ मिलकर मलूकपुर चौकी के पास ट्रेवल एजेंसी का दफ्तर खोला. इसमें आठ हजार रुपये महीने पर कामरान को नौकरी दे दी. दोस्ती ऐसी थी जो जिंजो ट्रैवल्स के बोर्ड पर कामरान का ही नाम था. लोग उसे पार्टनर ही समझते थे. कामरान नावेद की कार भी चलाता था.
18 अगस्त की रात कामरान किसी शादी में गया हुआ था. नावेद ने उसे मोबाइल पर कई संदेश भेजे. इनमें लिखा था कि जल्दी कार लेकर आ जाओ. बहुत जरूरी काम है. इसे हल्के में मत लेना. कामरान रात करीब ढाई बजे लौटा तो उसने मैसेज देखा. नावेद से बात की और पत्नी फरीन को बताया कि जरूरी काम से नावेद भाई ने बुलाया है. बाद में करीब साढ़े तीन बजे निकल गया. नावेद की सफेद रंग की होंडा सिटी कार लेकर वह नावेद के बताए मुताबिक चौपुला पहुंच गया. वहां नावेद कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों को ऑटो से लेकर आया. जिन्हें कार में बैठाकर यह लोग जंक्शन पहुंचे.
मोहल्ला घेर शेख मिट्ठू में किराये पर रह रहे कामरान के पकड़े जाने के बाद उसके घर पर काफी लोगों की भीड़ जमा थी. पत्नी फरीन ने बताया कि उसका मायका इसी मोहल्ले में और ससुराल अलीगढ़ शहर में है. वह शादी के बाद से ससुराल में थी. डेढ़ साल से वह लोग यहां हैं. पति का किसी से वास्ता नहीं था. नावेद ने जबरन उन्हें बुलाकर फंसा दिया. नावेद के पकड़ने के बाद से पति डिप्रेशन में थे, इसलिए पुलिस को कुछ नहीं बताया.
जेल जाने से पहले नावेद ने बताया था कि जब हत्यारे उसके पास आए तो उसने अपने कर्मचारी कामरान को भी साथ में ले लिया था. एसआईटी अब इस बात की जांच करेगी कि मदद करने में कामरान की किस तरह की भूमिका है. कामरान मूल रूप से अलीगढ़ का निवासी है और डेढ़ साल से यहां किराये पर रह रहा था. वह नावेद की जिंजो ट्रैवल एजेंसी पर काम करता था.