बरेलीः जिले में गुरुवार को कर्मचारी तीसरे दिन भी अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी. एक तरफ अधिकारियों ने मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करते हुए एंबुलेंस कर्मियों की एक मांग मान ली है. वहीं, दूसरी तरफ हड़ताल कर रहे कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है. ऐसे में एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि जब तक एंबुलेंस कर्मचारियों को छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे. देर रात्रि को ईटीवी भारत को कुछ एंबुलेंस कर्मचारियों ने बताया कि संगठनों के नेताओं को महकमे के अफसरों के इशारे पर पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है, ताकि वो झुक जाएं.
बरेली में बढ़ सकती है एंबुलेंस हड़ताल. एंबुलेंस चालकों ने कहा कि शुक्रवार से काम पर लौटने को तैयार हैं, लेकिन अगर उनके कर्मचारी नेताओं को नहीं छोड़ा गया तो वो अपना इरादा बदलने को मजबूर होंगे.एंबुलेंस चालकों ने बताया कि उनकी एक शर्त तो मान ली गई है, जबकि दूसरी शर्त पर अभी कोई पॉजिटिव जवाब नहीं मिला है. बता दें कि कर्मचारियों को नई कंपनी अब नहीं हटाएगी.वहीं, सीएमओ बलवीर सिंह ने बताया कि 23 एंबुलेंस हड़ताल के बावजूद संचालित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर 30 एंबुलेंस के संचालन के लिए उप सम्भागीय परिवहन कार्यालय से संपर्क किए गए हैं. इसके अलावा 5 एंबुलेंस अलग से स्वास्थ्य विभाग में ही जो लगी हैं, उनको सेवा देने के लिए लगाया गया है. सीएमओ ने बताया कि जो लोग सरकार की बात को अनसुना कर रहे थे, ऐसे कर्मियों से सख्ती से निपटा जा रहा है. हड़ताल कर रहे कर्मियों की एक मांग पूरी करने का आश्वासन दिया जा चुका है. कर्मचारियों को नौकरी से नहीं हटाने की शर्त मान ली गई है.इसे भी पढ़ें-एम्बुलेंस में अनट्रेंड स्टाफ, वेंटीलेटर पर शिफ्टिंग में आफत
सीएमओ ने कहा कि शुक्रवार से सभी कर्मचारी अपनी-अपनी एंबुलेंस पर पहुंचकर पूर्ववत सेवा देंगे. जबकि एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकर नेताओं को थानों से नहीं छोड़ा जाएगा तब तक कर पर नहीं लौटेंगे.