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बरेली: सांप काटने पर मरा समझ परिजनों ने नदी में बहाया था, 8 साल बाद लौट आया शख्स

यूपी के बरेली में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. धर्मपुर गांव के अमन को 2006 में सांप ने काट लिया था, जिसके बाद परिजनों ने उसे मृत समझ नदी में बहा दिया था. इस वाकये के करीब 8 साल बाद युवक वापस अपने घर लौट आया.

13 साल पहले सांप काटने से हुई थी मौत.
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Published : Oct 6, 2019, 1:53 PM IST

बरेली: जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 13 साल पहले एक बच्चे को सांप ने काट लिया था. सांप के काटने के बाद परिजनों ने उसे मृत समझ नदी में बहा दिया था, लेकिन अब वो अपने गांव वापस लौट आया है. उसका कहना है कि सपेरों ने अपने इलाज से उसे सही किया. युवक के मुताबिक ठीक होने के आठ साल बाद तक उसे सपेरों ने जड़ी बूटियों का ज्ञान दिया. इसके बाद वह घर वापस लौटा है. उसके घर वापस आने से परिजन काफी खुश नजर आ रहे हैं.

8 साल बाद लौट आया सर्पदंश का शिकार युवक


जंगल में जानवर चराते वक्त काटा था सांप
हाफिजगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव का अमन, जो अब नरेंद्र नाथ बन गया है. अमन जब 10 साल का था तब जंगल में जानवर चराते वक्त उसे सांप ने काट लिया था. इसके बाद घर वालों ने उसका तीन दिनों तक इलाज करवाया, लेकिन वो ठीक नहीं हुआ. परिजनों ने उसे मृत समझकर रामगंगा नदी के जल में प्रवाहित कर दिया. बाबा मदन नाथ को नदी किनारे अमन मिला. बाबा मदन नाथ ने अपने अन्य बाबाओं के साथ अमन का इलाज अपने तरीके से शुरू किया. अमन के मुताबिक करीब 12 दिनों तक चले इलाज के बाद वह ठीक हो गया.

पढ़ें:- ललितपुर: सगे भाई बहन को सर्प ने डसा, झाड़-फूंक, अंधविश्वास में गई दोनों की जान

अमन के घर पहुंचने से परिवार में खुशी का माहौल
अमन ने बताया कि अब जब बाबा अमन को लेकर उसके धर्मपुर गांव पहुंचे तो उसने अपने गांव को पहचान लिया. जब वह अपने घर पहुंचा तो उसकी मां ने उसे गले लगा लिया. इससे उसके परिवार में खुशी का माहौल है.


अमन की मां का कहना है कि उसने अपने बेटे को पहचान लिया. वह अब बहुत खुश हैं. मां के मुताबिक अमन के गुरू अब उसे वापस परिवार को नहीं सौंपेंगे. वो कभी-कभी मिलने आ सकता है.


बाबा मदन नाथ का कहना है कि उनको यह बच्चा रामगंगा नदी में मिला था. जब उन्होंने उसे देखा तो उन्हें लगा कि वह इसे बचा सकते हैं. इसके बाद करीब 10-12 दिनों तक अपने तरीके से अमन का इलाज किया. बाबा का कहना है कि अब वह बच्चे को वापस नहीं करेंगे, क्योंकि उनके यहां जो भी बच्चे हैं वो सभी अपने गांव कभी-कभी आते-जाते हैं. उनका कहना है कि बंगाल में उनके गुरु का आश्रम है, जहां पर इस तरह के 101 बच्चे हैं. इन सभी बच्चों को जड़ी बूटियों का ज्ञान दिया जाता है. ये सभी बच्चे अब सांप काटे का इलाज करते हैं.

NOTE:- ईटीवी भारत अमन के दावे की पुष्टि नहीं करता है.

बरेली: जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 13 साल पहले एक बच्चे को सांप ने काट लिया था. सांप के काटने के बाद परिजनों ने उसे मृत समझ नदी में बहा दिया था, लेकिन अब वो अपने गांव वापस लौट आया है. उसका कहना है कि सपेरों ने अपने इलाज से उसे सही किया. युवक के मुताबिक ठीक होने के आठ साल बाद तक उसे सपेरों ने जड़ी बूटियों का ज्ञान दिया. इसके बाद वह घर वापस लौटा है. उसके घर वापस आने से परिजन काफी खुश नजर आ रहे हैं.

8 साल बाद लौट आया सर्पदंश का शिकार युवक


जंगल में जानवर चराते वक्त काटा था सांप
हाफिजगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव का अमन, जो अब नरेंद्र नाथ बन गया है. अमन जब 10 साल का था तब जंगल में जानवर चराते वक्त उसे सांप ने काट लिया था. इसके बाद घर वालों ने उसका तीन दिनों तक इलाज करवाया, लेकिन वो ठीक नहीं हुआ. परिजनों ने उसे मृत समझकर रामगंगा नदी के जल में प्रवाहित कर दिया. बाबा मदन नाथ को नदी किनारे अमन मिला. बाबा मदन नाथ ने अपने अन्य बाबाओं के साथ अमन का इलाज अपने तरीके से शुरू किया. अमन के मुताबिक करीब 12 दिनों तक चले इलाज के बाद वह ठीक हो गया.

पढ़ें:- ललितपुर: सगे भाई बहन को सर्प ने डसा, झाड़-फूंक, अंधविश्वास में गई दोनों की जान

अमन के घर पहुंचने से परिवार में खुशी का माहौल
अमन ने बताया कि अब जब बाबा अमन को लेकर उसके धर्मपुर गांव पहुंचे तो उसने अपने गांव को पहचान लिया. जब वह अपने घर पहुंचा तो उसकी मां ने उसे गले लगा लिया. इससे उसके परिवार में खुशी का माहौल है.


अमन की मां का कहना है कि उसने अपने बेटे को पहचान लिया. वह अब बहुत खुश हैं. मां के मुताबिक अमन के गुरू अब उसे वापस परिवार को नहीं सौंपेंगे. वो कभी-कभी मिलने आ सकता है.


बाबा मदन नाथ का कहना है कि उनको यह बच्चा रामगंगा नदी में मिला था. जब उन्होंने उसे देखा तो उन्हें लगा कि वह इसे बचा सकते हैं. इसके बाद करीब 10-12 दिनों तक अपने तरीके से अमन का इलाज किया. बाबा का कहना है कि अब वह बच्चे को वापस नहीं करेंगे, क्योंकि उनके यहां जो भी बच्चे हैं वो सभी अपने गांव कभी-कभी आते-जाते हैं. उनका कहना है कि बंगाल में उनके गुरु का आश्रम है, जहां पर इस तरह के 101 बच्चे हैं. इन सभी बच्चों को जड़ी बूटियों का ज्ञान दिया जाता है. ये सभी बच्चे अब सांप काटे का इलाज करते हैं.

NOTE:- ईटीवी भारत अमन के दावे की पुष्टि नहीं करता है.

Intro:यूपी के बरेली में कुदरत का चमत्कार देखने को मिला है। जहां 10 साल पहले साँप के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी लेकिन अब वो अपने गांव वापिस लौटा तो सभी की आंखे फटी की फ़टी रहे गई। सपेरों ने बच्चे को मंत्रोच्चार और जड़ी बूटियो से सही किया,8 साल तक उसे जड़ी बूटियो का ज्ञान दिया और 8 साल बाद घर वापिस लौटे बच्चे ने अपने परिवार वालो को पहचाना लिया।अपने बच्चे को जिन्दा देख परिजन काफी ख़ुश नजर आ रहे है।


Body:
तस्वीरों में भगवा कपड़ो में दिख रहा ये हाफिजगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव का अमन है जो अब नरेंद्र नाथ बन गया है। अमन जब 10 साल का था तब जंगल में जानवर चराते वक्त उसे साँप ने काट लिया था। जिसके बाद घर वालो ने उसका 3 दिनों तक इलाज करवाया लेकिन वो बच नही सका। जब डॉक्टरों ने उसे मृत घोसित कर दिया तो परिवार वालो ने उसे रामगंगा में जल प्रवाह कर दिया। जिसके बाद उसका शव बाबा मदन नाथ को गंगा किनारे मिला। जिसके बाद बाबा मदन नाथ ने अपने अन्य बाबाओ के साथ अमन का ईलाज शुरू किया। करीब 12 दिनों तक चले ईलाज के बाद अमन के शरीर में जान आ गई।
अमन ने बताया कि 8 साल पहले जब उसे साँप ने काटा तो उसकी मौत हो गई थी जिसके बाद उसका शव बाबा मदन नाथ ने रामगंगा से निकाला। बाबा ने मंत्रोच्चार और जड़ी बूटियों के बल पर अमन को सही कर दिया। अमन की जब आंख खुली तो उसने अपने आपको जंगल में बने एक आश्रम में पाया। उसके बाद बाबा ने अपनी शक्ति से उसकी याददास्त भुला दी। अब जब बाबा अमन को लेकर धर्मपुर गांव पहुचे तो उसने अपने गांव को पहचान लिया। वो जब अपने घर पहुचा तो उसकी माँ ने उसे गले लगा लिया। जिसके बाद अमन ने एक एक करके अपने भाई , गांव वालो और अपने रिश्तेदारों को पहचान लिया।

अमन की माँ का कहना है कि उसने अपने बेटे को पहचान लिया। उनका कहना है की मैं बहुत खुश हु। अपने कलेजे के टुकड़े को खो देने के बाद पागल सी हो गई थी। आज जब उसका बेटा घर पहुचा तो उसके घर में जश्न का माहौल है। अमन की माँ का कहना है कि उसके गुरु का कहना है की अब वो अमन को परिवार के सुपुर्द नही करेंगे। वो कभी कभी मिलने आ सकता है।

Conclusion:वही बाबा मदन नाथ का कहना है की उनको तो ये बच्चा गंगा नदी में मिला था। जब उन्होंने उसे देखा तो उन्हें लगा की वो इस बच्चे को बचा सकते है। जिसके बाद करीब 10-12 दिनों तक मंत्रोच्चार और जड़ी बूटियो से अमन के शरीर में फिर से प्राण वापिस आ सके। बाबा का कहना है की अब वो बच्चे को वापिस नही करेंगे क्योंकि उनके यहां जो भी बच्चे है वो सभी अब केवल अपने गांव कभी कभी जा सकते है। अपने परिवार वालो से मिल सकते है लेकिन हमेशा के लिए अब वो बच्चे को नही देंगे। उनका कहना है की बंगाल में उनके गुरु का आश्रम है जहां पर इस तरह के 101 बच्चे है। इन सभी बच्चो को जड़ी बूटियो का ज्ञान दिया जाता है। ये सभी बच्चे अब साँप काटे का ईलाज करते है।

बाइट- अमन उर्फ नरेंद्र नाथ
बाइट- मुन्नी देवी, अमन की माँ

सुनील सक्सेना
बरेली।

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