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कोरोना टेस्टिंग के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा

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Published : Dec 5, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 2:05 PM IST

बरेली के स्वास्थ्य महकमे में एक और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के लिए फर्जी नामों को दर्ज किया जा रहा है. हालांकि सीएमओ ने आरोपों से इनकार किया है.

कोरोना टेस्टिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा
कोरोना टेस्टिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा

बरेलीः स्वास्थ्य महकमें में ऐसे तो कई घोटाले आये दिन सामने आते रहते हैं. लेकिन आजकर एक नये तरह का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. दरअसल सैंपलिंग के नाम पर संख्या को बढ़ाने के लिए फर्जी नामों को दर्ज किया जा रहा है. इन नामों को दर्ज करने के लिए जिन नबंरों का सहारा लिया जा रहा है. वे अस्तित्व में ही नहीं हैं. दस बार शून्य डिजीट को प्रेस कर एक मोबाइल नंबर बनाया जा रहा है. जिस पर अब तक 965 लोगों के नाम दर्ज किये गये हैं.

स्वास्थ्य महकमे में फर्जीवाड़े के आरोप

स्वास्थ्य महकमे में फर्जीवाड़ा

शासन की ओर से बरेली जिले को प्रतिदिन तीन हजार से अधिक लोगों की सैंपलिंग करने का लक्ष्य दिया गया है. विभागीय अफसरों के मुताबिक इस लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है. इसके लिए शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में हर दिन तीन हजार से ऊपर सैंपल को दर्शाया जा रहा है. जबकि हकीकत इसके ठीक विपरीत है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की करीब तीस टीमें सैंपलिंग कर रही हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक सभी को मिलाकर हर रोज दो हजार सैंपल पूरे किये जा रहे हैं. ऐसे में लक्ष्य को पूरा करने के लिए फर्जी नामों का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन पोर्टल पर एंट्री करने के लिए मोबाइल कॉलम भी भरना होता है. जिसके बाद ही वो सम्मिट होता है. नाम और पते में फर्जीवाड़ा मोबाइल नबंर की जगह दस बार शून्य डिजीट लिखकर उसे पूरा किया जा रहा है. इस नबंर पर करीब 965 लोगों के रजिस्ट्रेशन पाये गये हैं.

फर्जीवाड़े से सीएमओ का इनकार

उधर, सीएमओ डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ला ने किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है. उनका कहना है कि बहुत सारी बस्तियां ऐसी हैं, जहां हर किसी के पास मोबाइल नंबर नहीं होता. जिसकी वजह से शून्य नबंर दस बार डाल कर उसे मोबाइल नबंर के रूप में फीड किया जाता है. ताकि उनका डाला पोर्टल पर सम्मिट हो जाये. हालांकि उन्होंने इस मामले में गड़बड़ी होने पर जांच के बाद कार्रवाई की भी बात कही है.

बरेलीः स्वास्थ्य महकमें में ऐसे तो कई घोटाले आये दिन सामने आते रहते हैं. लेकिन आजकर एक नये तरह का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. दरअसल सैंपलिंग के नाम पर संख्या को बढ़ाने के लिए फर्जी नामों को दर्ज किया जा रहा है. इन नामों को दर्ज करने के लिए जिन नबंरों का सहारा लिया जा रहा है. वे अस्तित्व में ही नहीं हैं. दस बार शून्य डिजीट को प्रेस कर एक मोबाइल नंबर बनाया जा रहा है. जिस पर अब तक 965 लोगों के नाम दर्ज किये गये हैं.

स्वास्थ्य महकमे में फर्जीवाड़े के आरोप

स्वास्थ्य महकमे में फर्जीवाड़ा

शासन की ओर से बरेली जिले को प्रतिदिन तीन हजार से अधिक लोगों की सैंपलिंग करने का लक्ष्य दिया गया है. विभागीय अफसरों के मुताबिक इस लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है. इसके लिए शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में हर दिन तीन हजार से ऊपर सैंपल को दर्शाया जा रहा है. जबकि हकीकत इसके ठीक विपरीत है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की करीब तीस टीमें सैंपलिंग कर रही हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक सभी को मिलाकर हर रोज दो हजार सैंपल पूरे किये जा रहे हैं. ऐसे में लक्ष्य को पूरा करने के लिए फर्जी नामों का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन पोर्टल पर एंट्री करने के लिए मोबाइल कॉलम भी भरना होता है. जिसके बाद ही वो सम्मिट होता है. नाम और पते में फर्जीवाड़ा मोबाइल नबंर की जगह दस बार शून्य डिजीट लिखकर उसे पूरा किया जा रहा है. इस नबंर पर करीब 965 लोगों के रजिस्ट्रेशन पाये गये हैं.

फर्जीवाड़े से सीएमओ का इनकार

उधर, सीएमओ डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ला ने किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है. उनका कहना है कि बहुत सारी बस्तियां ऐसी हैं, जहां हर किसी के पास मोबाइल नंबर नहीं होता. जिसकी वजह से शून्य नबंर दस बार डाल कर उसे मोबाइल नबंर के रूप में फीड किया जाता है. ताकि उनका डाला पोर्टल पर सम्मिट हो जाये. हालांकि उन्होंने इस मामले में गड़बड़ी होने पर जांच के बाद कार्रवाई की भी बात कही है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 2:05 PM IST
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