बरेलीः जिले के रामपुर गार्डन में रहने वाले चावल व्यापारी भगवान बंसल की उम्र 72 साल की है पर उनका जज्बा 17 साल के नौजवान जैसा है. वह पिछले 30 सालों से पावर लिफ्टिंग का शौक पूरा कर रहे हैं. वह रोज घंटों जिम में पसीना बहाते हैं.
उन्होंने बताया कि सन् 1970 से पावर लिफ्टिंग का ऐसा शौक चढ़ा कि फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह अभी तक दो गोल्ड मेडल नेशनल प्रतियोगिता में और एक गोल्ड इंटरनेशनल प्रतियोगिता में जीत चुके हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई पदक जीते हैं.
वह बताते हैं कि सन् 1970 में पावर लिफ्टिंग का ऐसा शौक चढ़ा कि वह पहलवान बन गए. यह शौक वह 72 वर्ष की उम्र में भी पूरा करने में जुटे हैं. 1974 में दिल्ली में हुई नॉर्दन इंडिया की पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में पहला सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने इस करियर की शुरुआत की थी.
2010 में बरेली में आयोजित हुई उत्तर प्रदेश पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में 93 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर बरेली का नाम रोशन किया था. नागपुर में राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 93 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.
उन्होंने बताया कि हैदराबाद में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश की तरफ से उनका चयन हुआ है. यह प्रतियोगिता हैदराबाद में 16 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगी. आजकल उसी की तैयारी में वह दिन-रात घर और जिम में जुटे हुए हैं.
वह रोज घंटों पावरलिफ्टिंग करते हैं. वह शुद्ध शाकाहारी हैं. वह कहते हैं कि व्यायाम यौवन का शृंगार है, अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं तो आप हमेशा जवान बने रहेंगे. उन्होंने बताया कि वह 50 सालों से व्यायाम कर रहे हैं.
भगवान बंसल का परिवार भी उन पर गर्व करता है. उनकी पोती अपरा अग्रवाल उनको देखकर काफी खुश होती है. उसने भी बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी है. वह कहती है कि जब से उसने अपने दादाजी को पावरलिफ्टिंग करते हुए देखा है तब से वह भी प्रेरित हुई है.
भगवान बंसल की पुत्रवधू निधि बतातीं हैं कि उनके ससुर जी पूरी तरह से शाकाहारी भोजन करते हैं. उन्हें इस उम्र में व्यायाम करते देखकर अच्छा लगता है. पावर लिफ्टिंग से उनकी अलग पहचान बनी है.
जिस वक्त भगवान बंसल जिम में व्यायाम करते हैं, उन्हें देखकर नौजवान भी जोश में आ जाते हैं. उनके साथ जिम में आने वाले नौजवान कहते हैं कि सर को देखकर वाकई अलग अहसास होता है. लगता है कि इस उम्र में जब यह कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर?. इसी जज्बे के साथ व्यायाम में जुट जाते हैं. उनसे काफी प्रेरणा मिलती है.
दिव्यांश बताते हैं कि जब पहली बार उन्होंने भगवान बंसल को जिम में व्यायाम करते देखा तो वह भी अचंभित हो गए थे. कुछ देर तक उनको देखते ही रहे. अब उनके जज्बे को देखकर प्रेरित होते हैं साथ ही जिम में आने वाले अन्य लड़के-लड़कियां भी उनकी पावर लिफ्टिंग की तारीफ करते नहीं थकते.
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