बाराबंकीः जिले में पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत का आरोप लगाते हुए युवक के परिजनों और ग्रामीणों ने रविवार को जमकर हंगामा किया. परिजनों ने कोतवाली का घेराव किया. लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग पर जाम लगाया. परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मियों और विपक्षियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान घंटों तक अराजकता का माहौल रहा. आखिरकार पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका.
क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मझगवां गांव के रहने वाले राजेन्द्र, अंकित और उमेश शनिवार को एक बाइक पर सवार होकर खेत जोताने जा रहे थे. रास्ते मे मनीपुर गांव में कुछ लोग रास्ते में ही रिक्शा और चारपाई लगाकर सो रहे थे. रास्ते से रिक्शा हटाने को लेकर इन लोगों से विवाद शुरू हो गया. विवाद बढ़ा तो मारपीट शुरू हो गई, जिसमें राजेन्द्र, अंकित और उमेश तीनों घायल हो गए. सूचना पर तुरंत पीआरवी पहुंची और स्थिति को काबू में किया और दूसरे पक्ष के दो लोगों रामबक्श और त्रिभुवन को हिरासत में ले लिया.
इसके बाद पीआरवी ने 108 एम्बुलेंस बुलाकर उसमें दो घायलों को बैठाकर उन्हें सीएचसी भेज दिया गया. जबकि एक घायल राजेन्द्र के पिता चंद्रिका ने कहा कि वह उसे लेकर थाने पहुंच रहा है. पुलिस रामबक्श और त्रिभुवन को लेकर थाने आ गई. चंद्रिका भी घायल रामचन्द्र को लेकर थाने पहुंचा. चूंकि राजेन्द्र घायल था लिहाजा पुलिस ने उसे अस्पताल भेजने के लिए एक पीआरवी सिपाही और एक होमगार्ड को ड्यूटी दी.
पीआरवी सिपाही और होमगार्ड राजेन्द्र को बाइक पर बीच में बैठाकर हॉस्पिटल ले जा रहे थे. बस यहीं से मामला दूसरा हो गया. पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जब राजेन्द्र को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते मे एक मोड़ पड़ता है जहां पर बाइक धीमी हुई और मौका देखकर राजेन्द्र बाइक से उतरकर भाग निकला. रात भर राजेन्द्र की तलाश हुई, लेकिन पता नहीं चल सका. रविवार सुबह कुछ लोगों ने थाने से कुछ दूरी पर एक पेड़ से शव लटकता देखा. इस शव की शिनाख्त राजेन्द्र के रूप में हुई.
राजेन्द्र की मौत की खबर पर हंगामा हो गया. आनन फानन सैकड़ों ग्रामीणों ने थाना घेर लिया और जमकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि राजेन्द्र की हत्या कर उसे पेड़ से लटका दिया गया है. परिजनों ने पुलिस और विपक्षियों पर हत्या किए जाने का आरोप लगाया है. घण्टों अराजकता का माहौल रहा. परिजन बिना कार्रवाई के राजेन्द्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को तैयार नही थे.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी पुलिस बल बुलाया गया. मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को किसी तरह कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया उसके बाद ही राजेन्द्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका. पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. साथ ही तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जो भी इसमें दोषी होगा उसे बख्शा नही जाएगा.
पढ़ेंः सीतापुर में बसपा नेता की हत्या में नामजद आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत