बाराबंकी: जिला प्रशासन ने पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर रखा है. सफदरगंज इलाके के गांव अमबौर से एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने जिला प्रशासन के दावे की पोल खोल दी. गांव अमबौर निवासी 30 वर्षीय उमेश यादव की गांव के बाहर एक तालाब में डूबकर मौत हो गई. मृतक युवक शौच के लिए बाहर गया हुआ था. मृतक युवक जिस गांव का रहने वाला है वह गांव पहले से ही ओडीएफ घोषित था.
मृतक के घर नहीं बना था शौचालय
जानकारी करने पर पता चला कि मृतक युवक के घर में शौचालय बना ही नहीं था. गांव में प्रशासन ने सभी घरों में शौचालय बनवा कर पूरे गांव को ओडीएफ घोषित कर रखा है.
गांव के निवासी श्रीकिशन यादव ने बताया कि मृतक उमेश मजदूर है. उमेश पहले से बीमार होने के कारण काफी कमजोर भी था. वह बुधवार को घर आने के बाद शौच के लिए गांव से बाहर एक तालाब पर गया था, जहां चक्कर आने से वह तालाब में ही गिर गया और सांस न ले पाने की वजह से उसकी मौत हो गई. मृतक उमेश की आर्थिक हालत बहुत खराब है और परिवार में एक मां है, जो लगभग 65 वर्ष की है. गांव को ओडीएफ घोषित किये जाने के बारे में श्रीकिशन ने कहा कि 12 हजार रुपये में कौन सा अच्छा शौचालय बन सकता है और जिसका परिवार बड़ा है, वहां बाहर शौच के लिए जाना मजबूरी है. मृतक उमेश के घर तो शौचालय बना भी नहीं था और अधिकारियों ने गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया.
गांव के पूर्व ग्राम प्रधान के पति नीरज ने बताया कि उमेश शौच के लिए बाहर गया था. वह तालाब में ही गिर गया. गांव के बच्चों ने मामले की जानकारी दी तो पुलिस को सूचना दी गयी और शव को तालाब से बाहर निकाला गया. मृतक उमेश इतना गरीब था कि सभी ग्रामीणों ने चंदा जमा कर उसका अन्तिम संस्कार करवाया. गांव ओडीएफ जरूर था, मगर सभी के घर शौचालय बना नहीं था. अगर उमेश के घर भी शौचालय होता तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी.
इस मामले में अपर जिलाधिकारी सन्दीप गुप्ता ने बताया कि आप लोगों के जरिये ही मुझे इस बात की जानकारी हुई है. इस मामले पर जब तक पूरी गहनता से जांच नहीं करा लेते, तब तक कुछ भी कह पाना गलत होगा. यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है और जो गांव ओडीएफ हुए हैं वहां कितने शौचालय बने हैं और कितने लोगों ने शौचालय नहीं बनवाये हैं, इसकी समीक्षा करने की जरूरत है.