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कहीं आप भी तो नहीं भूल रहें छोटी-छोटी चीजें, ऐसा है तो देखिए ये खास रिपोर्ट

ताला बंद करने के बाद अगर आप चाभी भूल जाते हैं या रसोई गैस बुझाना भूल जाते हैं, तो सतर्क हो जाइए! क्योंकि ये डिमेंशिया बीमारी के लक्षण हैं. दिनों दिन बढ़ रही इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग भी खासा चिंतित है. मनोचिकित्सक डॉ. राहुल सिंह के साथ देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट-

क्या है डिमेंशिया या अल्जाइमर बीमारी.
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Published : Sep 22, 2019, 11:21 AM IST

बाराबंकीः जिला अस्पताल में दिनों दिन ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जो छोटी-छोटी चीजें भूल जाते हैं. बढ़ रही इस बीमारी से डॉक्टर भी खासा चिंतित हैं. डॉक्टरों के मुताबिक हर 50 सेकेंड में एक डिमेंशिया का मरीज डायग्नोस हो रहा है.

क्या है डिमेंशिया बीमारी.

जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की तादाद में रोजाना इजाफा हो रहा है. अस्पताल में स्थापित विशेष यूनिट के डॉक्टर इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए न केवल लोगों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि लोगों की काउंसिलिंग कर उनको जागरूक भी कर रहे हैं.
लोगों में भूलने की इस बीमारी को उम्र बढ़ने की वजह मान लिया जाता है, जबकि इसे गम्भीरता से लेना चाहिए. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग अपनी लाइफस्टाइल बदलने के साथ खान-पान में भी सुधार करें. नियमित रूप से योग करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है.


क्या है डिमेंशिया
डिमेंशिया किसी एक बीमारी का नाम नहीं है बल्कि एक लक्षणों के समूह का नाम है, जो मस्तिष्क की हानि से संबंधित है. डिमेंशिया के अनेक गंभीर और चिंताजनक लक्षण होते हैं, जिसका असर डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के जीवन के हर पहलू पर होता है. रोजाना के कामों में भी व्यक्ति को तमाम दिक्कतें होती हैं और यह दिक्कतें उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती हैं. पचास साल से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं, जिसे अल्जाइमर की शुरुआत के रूप में जाना जाता है.


डिमेंशिया बीमारी के लक्षण
रास्ता भटक जाना.
याददाश्त कम होना.
जरूरी चीजें भूल जाना.
सोचने में कठिनाई होना.
व्यक्तित्व में बदलाव हो जाना.
गिनती करने में दिक्कत होना.
नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत होना.
छोटी-छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना.
किसी काम की पहल करने में झिझक महसूस करना.
किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है.
समस्या हल करने या भाषा और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना.

इसे भी पढे़ंः- नई नस्ल के बेबी पांडा का चीन में जन्म, 111 ग्राम है वजन

डिमेंशिया बीमारी के कारण
जब मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो डिमेंशिया हो सकता है. डिमेंशिया सिर की चोट, स्ट्रोक, मस्तिष्क ट्यूमर और एचआईवी संक्रमण के कारण भी हो सकता है.
डिमेंशिया के प्रकार
डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार अल्जाइमर रोग है. अल्जाइमर रोग होने का कारण दिमाग में परिवर्तन करना है.
डिमेंशिया के इलाज
लक्षण प्रतीत होने पर तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें. जीवनशैली में सुधार और योग करें.
स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ समाज का विकास होता है. देश और समाज के विकास के लिए इंसान का स्वस्थ रहना जरूरी है. ऐसे में रोजाना बढ़ रही इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग का चिंतित होना लाजिमी है. हर व्यक्ति को इस बारे में सजग रहना चाहिए. अगर आपके भी घर में ऐसे मरीज हैं, तो तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें और रहन-सहन में परिवर्तन में लांए.

(डॉ. राहुल सिंह, मनोचिकित्सक जिला अस्पताल बारबंकी के बातचीत पर आधारित)

बाराबंकीः जिला अस्पताल में दिनों दिन ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जो छोटी-छोटी चीजें भूल जाते हैं. बढ़ रही इस बीमारी से डॉक्टर भी खासा चिंतित हैं. डॉक्टरों के मुताबिक हर 50 सेकेंड में एक डिमेंशिया का मरीज डायग्नोस हो रहा है.

क्या है डिमेंशिया बीमारी.

जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की तादाद में रोजाना इजाफा हो रहा है. अस्पताल में स्थापित विशेष यूनिट के डॉक्टर इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए न केवल लोगों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि लोगों की काउंसिलिंग कर उनको जागरूक भी कर रहे हैं.
लोगों में भूलने की इस बीमारी को उम्र बढ़ने की वजह मान लिया जाता है, जबकि इसे गम्भीरता से लेना चाहिए. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग अपनी लाइफस्टाइल बदलने के साथ खान-पान में भी सुधार करें. नियमित रूप से योग करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है.


क्या है डिमेंशिया
डिमेंशिया किसी एक बीमारी का नाम नहीं है बल्कि एक लक्षणों के समूह का नाम है, जो मस्तिष्क की हानि से संबंधित है. डिमेंशिया के अनेक गंभीर और चिंताजनक लक्षण होते हैं, जिसका असर डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के जीवन के हर पहलू पर होता है. रोजाना के कामों में भी व्यक्ति को तमाम दिक्कतें होती हैं और यह दिक्कतें उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती हैं. पचास साल से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं, जिसे अल्जाइमर की शुरुआत के रूप में जाना जाता है.


डिमेंशिया बीमारी के लक्षण
रास्ता भटक जाना.
याददाश्त कम होना.
जरूरी चीजें भूल जाना.
सोचने में कठिनाई होना.
व्यक्तित्व में बदलाव हो जाना.
गिनती करने में दिक्कत होना.
नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत होना.
छोटी-छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना.
किसी काम की पहल करने में झिझक महसूस करना.
किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है.
समस्या हल करने या भाषा और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना.

इसे भी पढे़ंः- नई नस्ल के बेबी पांडा का चीन में जन्म, 111 ग्राम है वजन

डिमेंशिया बीमारी के कारण
जब मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो डिमेंशिया हो सकता है. डिमेंशिया सिर की चोट, स्ट्रोक, मस्तिष्क ट्यूमर और एचआईवी संक्रमण के कारण भी हो सकता है.
डिमेंशिया के प्रकार
डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार अल्जाइमर रोग है. अल्जाइमर रोग होने का कारण दिमाग में परिवर्तन करना है.
डिमेंशिया के इलाज
लक्षण प्रतीत होने पर तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें. जीवनशैली में सुधार और योग करें.
स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ समाज का विकास होता है. देश और समाज के विकास के लिए इंसान का स्वस्थ रहना जरूरी है. ऐसे में रोजाना बढ़ रही इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग का चिंतित होना लाजिमी है. हर व्यक्ति को इस बारे में सजग रहना चाहिए. अगर आपके भी घर में ऐसे मरीज हैं, तो तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें और रहन-सहन में परिवर्तन में लांए.

(डॉ. राहुल सिंह, मनोचिकित्सक जिला अस्पताल बारबंकी के बातचीत पर आधारित)

Intro:बाराबंकी ,22 सितम्बर । ताला बंद करने के बाद अगर आप चाभी भूल जाते हैं या रसोई गैस बुझाना भूल जाते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि ये डिमेंशिया बीमारी के लक्षण हैं । दिनों दिन बढ़ रहे डिमेंशिया मरीजों की संख्या देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है । जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की तादाद में रोजाना इजाफा देख महकमा खासा चिंतित है । अस्पताल में स्थापित विशेष यूनिट के डॉक्टर इस खतरनाक बीमारी से बचाव के लिए न केवल लोगों का इलाज कर रहे है बल्कि लोगों की काउंसिलिंग कर उनको जागरूक भी कर रहे है ।


Body:वीओ - जिला अस्पताल में दिनों दिन ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जो छोटी छोटी चीजें भूल जाते हैं । डॉक्टर इस बढ़ रही बीमारी से चिंतित हैं । डॉक्टरों के मुताबिक हर 50 सेकेंड में एक डिमेंशिया का मरीज डायग्नोस हो रहा है ।
बाईट- डॉ राहुल सिंह , मनोचिकित्सक जिला अस्पताल

वीओ - इसके लिए जिला अस्पताल में एक विशेष यूनिट बनाई गई है ।जो न केवल मरीजों को जागरूक कर रही है बल्कि उनका इलाज भी कर रही है ।
बाईट- इकबाल, मरीज के पति

वीओ - डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में भूलने की इस बीमारी को उम्र बढ़ने की वजह मान लिया जाता है जबकि इसे गम्भीरता से लेना चाहिए । डॉक्टरों की सलाह है कि लोग अपनी लाइफस्टाइल बदलने के साथ खान पान में भी सुधार करे । नियमित रूप से योगा करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है ।
बाईट - डॉक्टर राहुल सिंह , मनोचिकित्सक जिला अस्पताल

क्या है डिमेंशिया

डिमेंशिया किसी एक बीमारी का नाम नहीं है बल्कि एक लक्षणों के समूह का नाम है जो मस्तिष्क की हानि से संबंधित है । डिमेंशिया के अनेक गंभीर और चिंताजनक लक्षण होते हैं । जिसका असर डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के जीवन के हर पहलू पर होता है । रोजाना के कामों में भी व्यक्ति को तमाम दिक्कतें होती हैं और यह दिक्कतें उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती हैं । पचास साल से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं जिसे अल्जाइमर की शुरुआत के रूप में जाना जाता है ।

बीमारी के लक्षण

याददाश्त कम होना
जरूरी चीजें भूल जाना
सोचने में कठिनाई होना
छोटी-छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना
रास्ता भटक जाना
व्यक्तित्व में बदलाव हो जाना
किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत होना
गिनती करने में दिक्कत होना
समस्या हल करने या भाषा और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना
किसी काम की पहल करने में झिझक महसूस करना

बीमारी के कारण

जब मस्तिष्क कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो डिमेंशिया हो सकता है ।डिमेंशिया सिर की चोट ,स्ट्रोक ,मस्तिष्क ट्यूमर और एचआईवी संक्रमण के कारण भी हो सकता है ।

प्रकार

डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार अल्जाइमर रोग है ।अल्जाइमर रोग होने का कारण दिमाग में परिवर्तन करना है।

इलाज

लक्षण प्रतीत होने पर तुरन्त डॉक्टर की सलाह लें ।



Conclusion:स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ समाज का विकास होता है । देश और समाज के विकास के लिए इंसान का स्वस्थ रहना जरूरी है । ऐसे में रोजाना बढ़ रही इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग का चिंतित होना लाजिमी है ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
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