बाराबंकी : जिले के सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के सनावा गांव के पास सरयू नदी में बालू खनन का ठेका होना था. उसी जमीन की पैमाइश करने अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन जब ग्रामीणों को जानकारी हुई तो उन्होंने खनन करने को लेकर विरोध दर्ज कराया और प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि हमारा गांव पहले से ही कटान से प्रभावित है. बालू खनन से कटान की समस्या और बढ़ जाएगी.
सिरौलीगौसपुर तराई क्षेत्र में सरयू नदी के किनारे बसे गांव कटान की जद में लगातार आते जा रहे हैं, उनको बचाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत रहती है. मगर अब जब नदी का पानी कम हुआ है और नदी द्वारा छोड़ी गई सफेद बालू गांव के किनारे एकत्रित हो गई है तो उस पर अब खनन माफिया की नजर पड़ गई है. नदी के बाहर आई सफेद बालू मार्केट में अच्छे दामों पर बिकती है. इसलिए खनन माफिया बालू निकालने की जुगाड़ में लगे हुए हैं.
लोगों ने खनन का किया विरोध
कुछ अधिकारी बुधवार को सीमांकन करने गए. जब इसकी जानकारी सरयू नदी के तट पर बसे गांव के लोगों को मिली तो वह सभी इस खनन का विरोध करने लगे और गांव के किनारे खनन न करने के लिए उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई.
एसडीएम से की शिकायत
सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के कहांरन पुरवा, बिहड़ सनावा गांव के लोगों ने बुधवार सुबह सरयू नदी पर एकत्रित होकर खनन का विरोध किया. उन्होंने तहसील में एसडीएम से शिकायत की और इसको रुकवाने के लिए कहा. ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी अपने मनमाने ढंग से यहां पर खनन कार्य की मंजूरी दे दी है, जिसका विरोध किया जा रहा है. अगर गांव के समीप खनन किया गया तो गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है.
इस संबंध में सिरौलीगौसपुर के उपजिलाधिकारी प्रति पाल सिंह चौहान ने बताया कि अभी कोई खनन का कार्य नहीं किया जा रहा है. पहले जांच होगी, उसके बाद वहां पर कोई आदेश जारी किया जाएगा. अगर गांव खनन के किनारे पड़ते हैं तो खनन नहीं किया जाएगा.