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बाराबंकी और गाजीपुर जिलों में बनेंगे यूपी के पहले नारकोटिक्स थाने

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Published : Aug 24, 2022, 11:30 AM IST

उत्तरप्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ( ANTF) के गठन का आदेश दिया है. इस टॉस्क फोर्स में केंद्र की Narcotics Control Bureau (NCB) ,Central Bureau of Narcotics (CBN) और Directorate of Revenue Intelligence (DRI) जैसी एजेंसियों से अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.

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यूपी के पहले नारकोटिक्स थाने

बाराबंकी: मादक पदार्थों की तस्करी और इसके सेवन को रोकने और सूबे में हो रही वैध अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने खास रणनीति तैयार की है. सरकार ने एक एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया है. जल्द ही प्रदेश में जोनल और क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस थानों की स्थापना भी की जाएगी. पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर जिलों में पुलिस थाने बनाये जाएंगे. इस टास्क फोर्स को पश्चिमी, मध्य और पूर्वी तीन रीजन में बांटा जाएगा. पूरी टॉस्क फोर्स अपर पुलिस महानिदेशक अपराध (ADG- CRIME) के पर्यवेक्षण में काम करेगी.

उत्तरप्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स (ANTF) के गठन का आदेश दिया है. इस टॉस्क फोर्स में केंद्र की Narcotics Control Bureau (NCB) ,Central Bureau of Narcotics (CBN) और Directorate of Revenue Intelligence (DRI) जैसी एजेंसियों से अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. यह टॉस्क फोर्स मादक पदार्थों में लिप्त अपराधियों, माफियाओं और गिरोहों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी.

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मादक पदार्थ

इस फोर्स को सर्च, सीजर, गिरफ्तारी और विवेचना करने की समस्त शक्तियां प्राप्त होंगी. यही नहीं, टॉस्क फोर्स अपने कार्यक्षेत्र के किसी भी थाने में अपराधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए विवेचना स्वयं ग्रहण कर सकती है. इसके लिए जोन और क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस में थानों का निर्माण होगा. पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर जिले में थाने बनाये जाएंगे.

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बाराबंकी नारकोटिक्स
बताते चलें कि, पूरे प्रदेश में बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में कुल 9 जिले ही अफीम की खेती करते हैं. इनमे बाराबंकी जिला प्रदेश में अफीम उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा जिला है. गाजीपुर में अफीम का भंडारण होता है. पश्चिम के तीन जिलों को छोड़कर बाकी के 6 जिलों के लाइसेंस बाराबंकी स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो यूनिट से जारी होते हैं.ANTF को पूरे उत्तरप्रदेश में तीन रीजन पश्चिमी, मध्य और पूर्वी में बांटा गया है. वेस्ट रीजन के अंतर्गत मेरठ,बरेली और आगरा, सेंट्रल रीजन के अंतर्गत लखनऊ और कानपुर, ईस्ट रीजन के अंतर्गत प्रयागराज, गोरखपुर और बनारस जोन आएंगे. मुख्यालय स्तर पर ANTF के प्रभारी पुलिस उपमहानिरीक्षक (ANTF) होंगे. इन्हें पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन और पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सहयोग करेंगे.

इसे भी पढ़े-यूपी में अब अलग से होगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, मादक पदार्थों की तस्करी पर लगेगी लगाम

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के कार्य

  • मादक पदार्थों को प्रवर्तन के आधार पर प्रभावी अंकुश लगाने (supply reduction of narcotics material) का मुख्य दायित्व इस टास्क फोर्स का होगा.
  • मादक पदार्थों की मांग कम करने के लिए सम्बंधित एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना.

  • मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए जन जागरण अभियान चलाना.

  • दूसरे राज्यों से समन्वय स्थापित करना.

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ड्रग एडिक्ट लोगों के इलाज और पुनर्वास,रोकथाम,शिक्षा और जागरूकता प्रोग्रामों को राज्य स्तर पर क्रियान्वित करना.

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों से समन्वय स्थापित करना.

  • राज्य में हो रही वैध अफीम की खेती से सम्बंधित प्रक्रियाओं पर नजर रखना.

  • सूचना प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के लिए डार्क वेब,सोशल मीडिया,क्रिप्टो करेंसी आदि के माध्यम से नारकोटिक्स का अवैध व्यापार करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही कराना.

  • मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त सूचीबद्ध गैंगों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करना.

  • इसके अलावा ANTF का मुख्य दायित्व है कि Narco Coordination Center (NCORD) के माध्यम से चार स्तरीय तंत्र के लिए सेक्रेट्रिएट के रूप में कार्य करना और समन्वय स्थापित करना.


    यह भी पढ़े-अग्निवीर बनने के लिए पांचवें दिन 3109 उम्मीदवारों ने लगाई दौड़

बाराबंकी: मादक पदार्थों की तस्करी और इसके सेवन को रोकने और सूबे में हो रही वैध अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने खास रणनीति तैयार की है. सरकार ने एक एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स का गठन भी किया गया है. जल्द ही प्रदेश में जोनल और क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस थानों की स्थापना भी की जाएगी. पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर जिलों में पुलिस थाने बनाये जाएंगे. इस टास्क फोर्स को पश्चिमी, मध्य और पूर्वी तीन रीजन में बांटा जाएगा. पूरी टॉस्क फोर्स अपर पुलिस महानिदेशक अपराध (ADG- CRIME) के पर्यवेक्षण में काम करेगी.

उत्तरप्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए एंटी नारकोटिक्स टॉस्क फोर्स (ANTF) के गठन का आदेश दिया है. इस टॉस्क फोर्स में केंद्र की Narcotics Control Bureau (NCB) ,Central Bureau of Narcotics (CBN) और Directorate of Revenue Intelligence (DRI) जैसी एजेंसियों से अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. यह टॉस्क फोर्स मादक पदार्थों में लिप्त अपराधियों, माफियाओं और गिरोहों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी.

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मादक पदार्थ

इस फोर्स को सर्च, सीजर, गिरफ्तारी और विवेचना करने की समस्त शक्तियां प्राप्त होंगी. यही नहीं, टॉस्क फोर्स अपने कार्यक्षेत्र के किसी भी थाने में अपराधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए विवेचना स्वयं ग्रहण कर सकती है. इसके लिए जोन और क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस में थानों का निर्माण होगा. पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर जिले में थाने बनाये जाएंगे.

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बाराबंकी नारकोटिक्स
बताते चलें कि, पूरे प्रदेश में बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, रायबरेली, मऊ और गाजीपुर में कुल 9 जिले ही अफीम की खेती करते हैं. इनमे बाराबंकी जिला प्रदेश में अफीम उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा जिला है. गाजीपुर में अफीम का भंडारण होता है. पश्चिम के तीन जिलों को छोड़कर बाकी के 6 जिलों के लाइसेंस बाराबंकी स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो यूनिट से जारी होते हैं.ANTF को पूरे उत्तरप्रदेश में तीन रीजन पश्चिमी, मध्य और पूर्वी में बांटा गया है. वेस्ट रीजन के अंतर्गत मेरठ,बरेली और आगरा, सेंट्रल रीजन के अंतर्गत लखनऊ और कानपुर, ईस्ट रीजन के अंतर्गत प्रयागराज, गोरखपुर और बनारस जोन आएंगे. मुख्यालय स्तर पर ANTF के प्रभारी पुलिस उपमहानिरीक्षक (ANTF) होंगे. इन्हें पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन और पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सहयोग करेंगे.

इसे भी पढ़े-यूपी में अब अलग से होगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, मादक पदार्थों की तस्करी पर लगेगी लगाम

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के कार्य

  • मादक पदार्थों को प्रवर्तन के आधार पर प्रभावी अंकुश लगाने (supply reduction of narcotics material) का मुख्य दायित्व इस टास्क फोर्स का होगा.
  • मादक पदार्थों की मांग कम करने के लिए सम्बंधित एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना.

  • मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए जन जागरण अभियान चलाना.

  • दूसरे राज्यों से समन्वय स्थापित करना.

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ड्रग एडिक्ट लोगों के इलाज और पुनर्वास,रोकथाम,शिक्षा और जागरूकता प्रोग्रामों को राज्य स्तर पर क्रियान्वित करना.

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों से समन्वय स्थापित करना.

  • राज्य में हो रही वैध अफीम की खेती से सम्बंधित प्रक्रियाओं पर नजर रखना.

  • सूचना प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग रोकने के लिए डार्क वेब,सोशल मीडिया,क्रिप्टो करेंसी आदि के माध्यम से नारकोटिक्स का अवैध व्यापार करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही कराना.

  • मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त सूचीबद्ध गैंगों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करना.

  • इसके अलावा ANTF का मुख्य दायित्व है कि Narco Coordination Center (NCORD) के माध्यम से चार स्तरीय तंत्र के लिए सेक्रेट्रिएट के रूप में कार्य करना और समन्वय स्थापित करना.


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