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जैदपुर विधानसभा के ग्रामीण बोले- पांच साल नहीं पूछा हाल ,अब घर-घर भटक रहे - मसौली विधानसभा

ईटीवी भारत की टीम ने जैदपुर विधानसभा के ग्रामीणों से बात की.इनमे ज्यादातर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से खासे आक्रोशित नजर आए.

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जैदपुर विधानसभा के ग्रामीण बोले.
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Published : Jan 20, 2022, 7:16 PM IST

बाराबंकी: यूपी चुनाव 2022 के लिए बस अब कुछ ही दिन बचे हैं. कोविड गाइडलाइंन को लेकर भले ही रैलियां या जनसभाएं नही हो रही हों, लेकिन मतदाताओं ने अपना मूड बना लिया है. बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में पांचवें चरण यानी 27 फरवरी को मतदान होना है. ईटीवी भारत की टीम अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जा जाकर मतदाताओं का मिजाज जानने की कोशिश कर रही है.इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने जैदपुर विधानसभा के ग्रामीणों से बात की.इनमे ज्यादातर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से खासे आक्रोशित नजर आए.

2011 में बनाई गई जैदपुर सीट

राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है जैदपुर-269 (सुरक्षित) विधानसभा. साल 2011 में हुए नए परिसीमन के बाद मसौली और सिद्धौर सुरक्षित विधानसभा को खत्म कर जैदपुर सुरक्षित विधानसभा अस्तित्व में आई. मसौली विधानसभा के कुछ गांव और सिद्धौर विधानसभा के कुछ गांवों को अलग कर दिया गया और बाकी गांवों को शामिल करते हुए जैदपुर विधानसभा बनाई गई. इस विधानसभा में तीन नगर पंचायतें जैदपुर, सिद्धौर और सतरिख शामिल हैं इसके साथ ही दो ब्लॉक मसौली और हरख को शामिल किया गया है.

चुनावी चौपाल.
जैदपुर कस्बा तय करता है हार-जीत का फैसला

मसौली विधानसभा से बनाई गई जैदपुर विधानसभा की जीत-हार का फैसला जैदपुर कस्बा ही तय करता रहा है. यही नहीं हरख ब्लॉक की भी खास अहमियत रही है. जैदपुर-269 (सुरक्षित) विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है.यहां जैदपुर कस्बा ही मुस्लिम बाहुल्य है. उसके बाद इस विधानसभा में कुर्मी बिरादरी के लोग हैं. इतना ही नहीं यादव और दलित बिरादरी भी इस विधानसभा में निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

बाराबंकी: यूपी चुनाव 2022 के लिए बस अब कुछ ही दिन बचे हैं. कोविड गाइडलाइंन को लेकर भले ही रैलियां या जनसभाएं नही हो रही हों, लेकिन मतदाताओं ने अपना मूड बना लिया है. बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में पांचवें चरण यानी 27 फरवरी को मतदान होना है. ईटीवी भारत की टीम अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जा जाकर मतदाताओं का मिजाज जानने की कोशिश कर रही है.इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने जैदपुर विधानसभा के ग्रामीणों से बात की.इनमे ज्यादातर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से खासे आक्रोशित नजर आए.

2011 में बनाई गई जैदपुर सीट

राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है जैदपुर-269 (सुरक्षित) विधानसभा. साल 2011 में हुए नए परिसीमन के बाद मसौली और सिद्धौर सुरक्षित विधानसभा को खत्म कर जैदपुर सुरक्षित विधानसभा अस्तित्व में आई. मसौली विधानसभा के कुछ गांव और सिद्धौर विधानसभा के कुछ गांवों को अलग कर दिया गया और बाकी गांवों को शामिल करते हुए जैदपुर विधानसभा बनाई गई. इस विधानसभा में तीन नगर पंचायतें जैदपुर, सिद्धौर और सतरिख शामिल हैं इसके साथ ही दो ब्लॉक मसौली और हरख को शामिल किया गया है.

चुनावी चौपाल.
जैदपुर कस्बा तय करता है हार-जीत का फैसला

मसौली विधानसभा से बनाई गई जैदपुर विधानसभा की जीत-हार का फैसला जैदपुर कस्बा ही तय करता रहा है. यही नहीं हरख ब्लॉक की भी खास अहमियत रही है. जैदपुर-269 (सुरक्षित) विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है.यहां जैदपुर कस्बा ही मुस्लिम बाहुल्य है. उसके बाद इस विधानसभा में कुर्मी बिरादरी के लोग हैं. इतना ही नहीं यादव और दलित बिरादरी भी इस विधानसभा में निर्णायक भूमिका में रहते हैं.

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