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बाराबंकी में जैविक खाद और उन्नत खेती की ट्रेनिंग, सफल किसानों को मिला सम्मान

यूपी के बाराबंकी में किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जैविक खेती और बेहतर उपज पाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही जनपद के सफल किसानों को सम्मानित भी किया गया.

बाराबंकी में किसानों की दी गई ट्रेनिंग.
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Published : Aug 21, 2019, 11:41 PM IST

बाराबंकी: जिले में प्लांट प्रोटेक्शन के लिहाज से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जैविक खेती और बेहतर पर्यावरणीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए किसानों को ट्रेनिंग दी गई. इस दौरान किसानों को जैविक कीटनाशक एवं खाद भी वितरित किया गया. साथ ही किसानों को एक उपकरण भी दिया गया जो फसल के लिए जरूरी कीटों का रक्षण करने में मददगार साबित होता है. इस मौके पर कृषि अधिकारियों और डीएम ने जनपद के सफल किसानों को सम्मानित किया.

बाराबंकी में किसानों की दी गई ट्रेनिंग.

कार्यक्रम की मुख्य बातें

  • कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोक सभागार में किसानों से संबंधित इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • कार्यक्रम में पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए उन्नत खेती और बेहतर उपज हासिल करने की ट्रेनिंग दी गई.
  • इसी क्रम में जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई.
  • इस दौरान किसानों को जैविक खाद और कीटनाशक का पैकेट एवं एक उपकरण भी प्रदान किया गया.
  • इस उपकरण से खेत में जरूरी और मित्र कीड़ों को सुरक्षित रखने तथा हानिकारक कीड़ों को समाप्त करने में मदद मिलती है.
  • इस दौरान जिला प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा ने उपकरण के उपयोग करने की विधि भी किसानों को बताई.

जैविक खेती और बेहतर व्यवस्था से जिले में खेती-किसानी को और अधिक उन्नत बनाया जा सकता है. इससे आने वाले समय में बिना पर्यावरण नुकसान पहुंचाए बिना ही बेहतर उपज हो पाएगी. यदि जिले में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलता है तो अनावश्यक रासायनिक उर्वरकों की होड़ कम होगी और इससे मिट्टी प्रदूषित नहीं होगी. जैविक खेती को प्रोत्साहन देना निश्चित तौर पर जिले के लिए कारगर सिद्ध होने वाला है.
-डॉ. आदर्श सिंह, जिलाधिकारी

बाराबंकी: जिले में प्लांट प्रोटेक्शन के लिहाज से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जैविक खेती और बेहतर पर्यावरणीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए किसानों को ट्रेनिंग दी गई. इस दौरान किसानों को जैविक कीटनाशक एवं खाद भी वितरित किया गया. साथ ही किसानों को एक उपकरण भी दिया गया जो फसल के लिए जरूरी कीटों का रक्षण करने में मददगार साबित होता है. इस मौके पर कृषि अधिकारियों और डीएम ने जनपद के सफल किसानों को सम्मानित किया.

बाराबंकी में किसानों की दी गई ट्रेनिंग.

कार्यक्रम की मुख्य बातें

  • कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोक सभागार में किसानों से संबंधित इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • कार्यक्रम में पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए उन्नत खेती और बेहतर उपज हासिल करने की ट्रेनिंग दी गई.
  • इसी क्रम में जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई.
  • इस दौरान किसानों को जैविक खाद और कीटनाशक का पैकेट एवं एक उपकरण भी प्रदान किया गया.
  • इस उपकरण से खेत में जरूरी और मित्र कीड़ों को सुरक्षित रखने तथा हानिकारक कीड़ों को समाप्त करने में मदद मिलती है.
  • इस दौरान जिला प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा ने उपकरण के उपयोग करने की विधि भी किसानों को बताई.

जैविक खेती और बेहतर व्यवस्था से जिले में खेती-किसानी को और अधिक उन्नत बनाया जा सकता है. इससे आने वाले समय में बिना पर्यावरण नुकसान पहुंचाए बिना ही बेहतर उपज हो पाएगी. यदि जिले में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलता है तो अनावश्यक रासायनिक उर्वरकों की होड़ कम होगी और इससे मिट्टी प्रदूषित नहीं होगी. जैविक खेती को प्रोत्साहन देना निश्चित तौर पर जिले के लिए कारगर सिद्ध होने वाला है.
-डॉ. आदर्श सिंह, जिलाधिकारी

Intro: बाराबंकी, 21 अगस्त। बाराबंकी जिला खेती-किसानी की वजह से जाना जाता है. यही वजह है कि प्लांट प्रोटक्शन के लिहाज से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें जैविक खेती और बेहतर पर्यावरणीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए किसानों को ट्रेनिंग भी दी गई. इस दौरान किसानों को ब्यवेरिया बेसियाना और ट्राइकोडरमा नाम के जैविक कीटनाशक एवं जैविक खाद के किस्म को भी प्रदान किया गया. किसानों को एक उपकरण भी प्रदान किया गया. जिसके द्वारा मित्र कीड़ों की सुरक्षा, और शत्रु कीड़ों को समाप्त करने की प्रक्रिया के बारे में,जानकारी भी दी गई. जैविक कीटनाशक तथा जैविक खाद को 75% सरकारी अनुदान भी मिल रहा है, जो सीधे किसानों के खाते में जाएगा.


Body: आज बाराबंकी जिले के लोकसभागार में किसानों से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें उन्नत खेती की दिशा में किस प्रकार से पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए, बेहतर परिणाम दिया जा सके, इस पर ध्यान रखते हुए जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग के बारे में बताया गया. इस दौरान जिलाधिकारी बाराबंकी डॉक्टर आदर्श सिंह ने किसानों को जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का पैकेट एवं एक उपकरण भी प्रदान किया. जिसके द्वारा खेत में जरूरी और मित्र कीड़ों को सुरक्षित रखने ,तथा हानिकारक कीड़ों को समाप्त करने के लिए व्यवस्था है. इसके द्वारा प्रकृति को किसी भी प्रकार का नुकसान भी नहीं होगा.
इस कार्यक्रम के दौरान जिला प्लांट प्रोटक्शन अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा ने उपकरण के उपयोग करने की विधि भी किसानों को बताई. उन्होंने यह जानकारी भी दी कि कैसे जैविक कीटनाशक और जैविक खाद का उपयोग करके, खेत में लगने वाले खतरनाक कीड़ों को, बड़ी आसानी से बिना मिट्टी को नुकसान पहुंचाए मारा जा सकता है. मुफ्त में उपकरण देने तथा जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशक को 75% सरकारी अनुदान जो कि किसानों के सीधे खाते में जाता है, के द्वारा प्रोत्साहन करने की बात भी बताई. जिससे जैविक खाद और जैविक खेती करने की प्रक्रिया को बल मिल सके.
जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने बाराबंकी जिले के खेती किसानी और यहां के उर्वरा मिट्टी की चर्चा करते हुए कहा कि, जैविक खेती और बेहतर व्यवस्था से जिले में खेती किसानी को और अधिक उन्नत बनाया जा सकता है. जिससे आने वाले समय में बिना पर्यावरणीय नुकसान एवं मिट्टी को प्रदूषित किए बिना बेहतर उपज हो पाएगी.



Conclusion:यह बात बिल्कुल ठीक है कि यदि जिले में जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलता है तो, अनावश्यक रासायनिक उर्वरकों की होड़ कम होगी, और इससे मिट्टी प्रदूषित नहीं होगी. हम आने वाली पीढ़ियों को उसी प्रकार की जमीन दे पाएंगे ,जैसे कि हमारे पास हैं. वह भी इसी प्रकार से खेती करके बेहतर उत्पादन कर पाएंगे. इसलिए जैविक खेती को प्रोत्साहन देना निश्चित तौर पर जिले के लिए कारगर सिद्ध होने वाला है.

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1- अशोक कुमार मिश्रा , प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी, बाराबंकी. (जिला जानकारी देते हुए)

2- डॉ. आदर्श सिंह , जिलाधिकारी, बाराबंकी.



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907


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