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अमर शहीद अमिय त्रिपाठी की याद में मशाल दौड़ का बाराबंकी में हुआ जोरदार स्वागत

यूपी के बाराबंकी में शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी मशाल दौड़ का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इन धावकों का स्वागत किया.

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अमर शहीद अमिय त्रिपाठी की याद में मशाल दौड़ का बाराबंकी में हुआ जोरदार स्वागत
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Published : Dec 13, 2019, 2:24 AM IST

बाराबंकी: जिले में शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी की याद में सैनिक स्कूल लखनऊ से निकली मशाल दौड़ का बाराबंकी पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ. इस दौरान जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने मशाल दौड़ में शामिल धावकों को फूलमाला पहना कर उनका स्वागत किया. वहीं लोगों ने अमिय त्रिपाठी अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए.

अमर शहीद अमिय त्रिपाठी की याद में मशाल दौड़ का बाराबंकी में हुआ जोरदार स्वागत
मशाल दौड़ का जिले में हुआ जोरदार स्वागत
  • मेजर शहीद अमिय त्रिपाठी का कुशीनगर जिले के चंद्रवटा गांव में जन्म हुआ था.
  • जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए 25 मई 2004 को वो शहीद हो गए थे.
  • उनकी याद को ताजा रखने और वीरता को नमन करने के लिए हर वर्ष सैनिक स्कूल लखनऊ से कुशीनगर तक 374 किमी की मशाल दौड़ आयोजित की जाती है .
  • धावक जलती हुई मशाल कुशीनगर तक ले जाते हैं.
  • ये यात्रा 14 दिसम्बर को कुशीनगर पहुंचेगी.
  • मशाल दौड़ के बाराबंकी पहुंचने पर जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इन धावकों का स्वागत किया.

इसे भी पढ़ें- कानपुर: 17 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों ने निकाला मशाल जुलूस

बाराबंकी: जिले में शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी की याद में सैनिक स्कूल लखनऊ से निकली मशाल दौड़ का बाराबंकी पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ. इस दौरान जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने मशाल दौड़ में शामिल धावकों को फूलमाला पहना कर उनका स्वागत किया. वहीं लोगों ने अमिय त्रिपाठी अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए.

अमर शहीद अमिय त्रिपाठी की याद में मशाल दौड़ का बाराबंकी में हुआ जोरदार स्वागत
मशाल दौड़ का जिले में हुआ जोरदार स्वागत
  • मेजर शहीद अमिय त्रिपाठी का कुशीनगर जिले के चंद्रवटा गांव में जन्म हुआ था.
  • जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए 25 मई 2004 को वो शहीद हो गए थे.
  • उनकी याद को ताजा रखने और वीरता को नमन करने के लिए हर वर्ष सैनिक स्कूल लखनऊ से कुशीनगर तक 374 किमी की मशाल दौड़ आयोजित की जाती है .
  • धावक जलती हुई मशाल कुशीनगर तक ले जाते हैं.
  • ये यात्रा 14 दिसम्बर को कुशीनगर पहुंचेगी.
  • मशाल दौड़ के बाराबंकी पहुंचने पर जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इन धावकों का स्वागत किया.

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Intro:बाराबंकी ,12 दिसम्बर । शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी की याद में सैनिक स्कूल लखनऊ से निकली मशाल दौड़ का बाराबंकी पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ । इस दौरान जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने मशाल दौड़ में शामिल धावकों को फूल माला पहना कर उनका स्वागत किया और अमिय त्रिपाठी अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए ।


Body:वीओ - कुशीनगर जिले के चंद्रवटा गांव में जन्मे मेजर अमिय त्रिपाठी जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए 25 मई 2004 को शहीद हो गए थे । प्राथमिक शिक्षा गांव में ग्रहण करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई सैनिक स्कूल लखनऊ से की । उनकी याद को ताजा रखने और वीरता को नमन करने के लिए हर वर्ष सैनिक स्कूल लखनऊ से कुशीनगर तक 374 किमी की मशाल दौड़ आयोजित की जाती है । जिसमे दर्जनों धावक हिस्सा लेते हैं ।पिछले दस वर्षों से ये मशाल दौड़ का आयोजन हो रहा है । धावक जलती हुई मशाल कुशीनगर तक ले जाते हैं । कुशीनगर में हर साल क्रिकेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है । ये यात्रा 14 दिसम्बर को कुशीनगर पहुंचेगी । मशाल दौड़ के बाराबंकी पहुंचने पर नगर के पटेल तिराहे पर जिला बार के अधिवक्ताओं और नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इन धावकों का स्वागत किया ।
बाईट - शुभम त्रिपाठी , शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी के भतीजे


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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