बाराबंकी: यूं तो पूरे साल महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार पर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है, लेकिन नए साल के पहले दिन यहां काफी भीड़ जुटती है. दूर-दराज से लोग एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं. मान्यता है कि साल के पहले दिन यहां माथा टेकने से पूरे साल घर परिवार में सुख और शांति बनी रहती है. यही नहीं, पहले दिन श्रद्धालुओं द्वारा मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं.
हाजी वारिस अली शाह की मजार पर माथा टेकने से पूरी होती सारी मुरादें. यहां आने से पूरी होती है सारी मुरादेंराजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी के देवां में महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार स्थित है. 'जो रब है वही राम' का सन्देश देने वाले हाजी वारिस अली शाह की मजार पर वैसे तो पूरे साल दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है, लेकिन वर्ष की शुरुआत के पहले दिन यहां जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है. हाल ये है कि बिहार, कोलकाता, कानपुर, मुम्बई और सूबे के विभिन्न इलाकों के लोग एक-दो दिन पहले यहां आ जाते हैं और नए साल का इंतेजार करते हैं. लोगों का मानना है कि साल के पहले दिन यहां माथा टेकने से न केवल उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि पूरे साल उनके परिवार में सुख और शांति बनी रहती है.
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