बाराबंकी: उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद का ऐतिहासिक देवां मेला अपनी कला और संस्कृति के लिए विख्यात है. 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में गंगा-जमुनी तहजीब के विविध रंग देखने को मिलते हैं. हर रात यहां एक से बढ़कर एक आकर्षक और मन मोहने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
बाराबंकी का देवा मेला विश्वप्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता कुर्बान अली शाह की याद में सन् 1925 से लगता है. इस मेले में हर कलाकार की इच्छा होती है कि वह अपना कार्यक्रम इस देवां मेले में आकर पेश करे. ऐसा ही एक कार्यक्रम मेले के शुभारंभ की दूसरी शाम मंगलवार को पेश किया गया.
"द वॉइस इंडिया किड्स" के विजेता और राजस्थानी लोक गायक जस्सू खान जैसे ही स्टेज पर आए दर्शकों की तालियो की गड़गड़ाहट से ऑडिटोरियम गूंज उठा. उन्होंने राजस्थानी गीत "केसरिया बालम आओ नीं पधारो म्हारे देश में.. जैसे ही गाना शुरू किया दर्शक झूम उठे. इसके बाद गायक जस्सू खान ने एक के बाद एक कई गीत सुनाकर महफिल में सूफियाना रंग भर दिया. "यूपी वाला ठुमका लगाओ" गाना जैसे गाया युवाओं में जोश आ गया.
कौमी एकता के इस ऐतिहासिक मेले में तमाम रंग देखने को मिलते हैं. लेकिन 10 दिनों तक आयोजित होने वाले इस मेले का प्रोग्राम ही मेले का खास आकर्षण होता है. यहां आयोजित होने वाले म्यूजिक कॉन्फ्रेंस और मुशायरा की पूरे देश में धूम है. इस देवां मेले में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रहती है. देवां मेले में नौशाद, मन्ना डे, गुलाम अली जैसे कई नामी गिरामी कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेर चुके हैं. देश ही नहीं विदेश का शायद ही कोई ऐसा नामवर शायर न हो. जिसने यहां के मुशायरे में आकर अपना कलाम न सुनाया हो.
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