बाराबंकी: विभागीय अनदेखी के चलते फतेहपुर का पुराना सरकारी अस्पताल भवन, अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इसके परिसर में मुंसिफ कोर्ट बनाने के लिए कई बार अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया है. वहीं सीएससी प्रभारी इसे महिला अस्पताल बनाने की कवायद में लगे हैं, लेकिन अभी तक इसकी प्रक्रिया शुरु नहीं की गई है.
परिसर में कूड़ा फेंक रहे लोग
लोग इस परिसर को कूड़ाघर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. भवन पूरी तरह खंडहर हो चुका है और कूड़े के ढेर में परिवर्तित हो रहा है. कुछ अधिवक्ताओं के प्रयासों के बाद उस भूमि पर मुंसिफ कोर्ट बनवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसका निरीक्षण कई अधिकारी कर चुके हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है.
अस्पताल खुलने से मरीजों को होगी सहूलियत
सीएचसी प्रभारी डॉक्टर आरके वर्मा ने बताया कि इस स्थान पर महिला अस्पताल बनवाने की कवायद कर रहे हैं. इस मामले में अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है. अस्पताल खुलने से क्षेत्रीय मरीजों को सहूलियत होगी, किंतु सरकारी अस्पताल भवन कूड़े के ढेर में परिवर्तित होता नजर आ रहा है, जिससे कई संक्रमण रोग उत्पन्न होने की संभावना बनी हुई है.