बाराबंकी: किशोरी के साथ दुष्कर्म कर उसको गर्भवती बनाने वाले अभियुक्त को बाराबंकी की एक अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड की रकम में से 20 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़ित को दिए जाएंगे. अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने ये फैसला सुनाया.
अभियोजन कथानक के अनुसार सतरिख थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली वादिनी ने 24 अगस्त 2016 को अभियुक्त लक्ष्मी नारायण पुत्र मैकू के खिलाफ सतरिख थाने में तहरीर दी थी कि वो बहुत ही गरीब है और मजदूरी करती है. वो अक्सर घर के बाहर खेतों में काम करने जाती रहती है. वादी की नाबालिग पुत्री घर पर रहती थी. उसकी तहरीर के मुताबिक अभियुक्त लक्ष्मीनारायण पिछले 6 माह से उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म कर रहा था.
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अभियुक्त ने पीड़ित को इतना डरा-धमका दिया था कि उसने किसी से कोई बात नहीं बताई और वो 6 माह की गर्भवती हो गई. मामले की गम्भीरता को देखते हुए सतरिख थाने की पुलिस ने अभियुक्त लक्ष्मी नारायण के खिलाफ धारा 376, 506 आईपीसी और 3/4 पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन कर अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट प्रेषित की.
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने गवाह प्रस्तुत किये. बचाव और अभियोजन पक्षों के गवाहों और बहस सुनने के बाद माननीय अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट न्यायालय संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. यही नहीं कोर्ट ने ये भी आदेश किया कि अभियुक्त पर लगाये गये जुर्माना की धनराशि में से पीड़ित को 20 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाये.
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