बाराबंकी: नगर कोतवाली क्षेत्र में 4 वर्ष पूर्व एक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और फिर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने सुनाया है.
विशेष लोक अभियोजक योगेंद्र कुमार सिंह और अनूप कुमार मिश्रा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले वादी ने नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि 23 मई 2019 को उसकी नाबालिग बेटी को सुनील कुमार चौधरी बहला फुसलाकर भगा ले गया है. वादी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपहृत बालिका की तलाश शुरू की. मामला दर्ज होने के 5 महीने बाद पुलिस ने अपह्रत किशोरी को बरामद कर लिया.
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी सुनील कुमार उसे बहला फुसलाकर भगाकर बहराइच रोड के जंगल में ले गया था. जहां उसे डेढ़ माह तक रखा गया. उसके बाद उसे किसी अनजान जगह में एक कमरे में रखा गया. इस दौरान आरोपी ने जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा. जब विरोध करती और घर जाने की बात कहती तो आरोपी उसे मारता पीटता था. डरी सहमी पीड़िता ने 9 अक्टूबर 2019 को आरोपी से कहा कि उसे बाराबंकी का दशहरा मेला देखना है. इसके बाद आरोपी उसे लेकर बाराबंकी आया. आरोपी उसे बाराबंकी के असैनी मोड़ पर खड़ा कर कहा कि वह पैसे की व्यवस्था करके आ रहा है. इसके बाद दिल्ली चलकर शादी कर लेंगे, यह कहकर आरोपी वहां से चला गया.
पीड़िता के बयानों और वैज्ञानिक तरीके से लिये गए साक्ष्यों के आधार पर विवेचक ने विवेचना करते हुए आरोपी सुनील कुमार के विरुद्ध आईपीसी की धारा 363, 366,376, 342 और 3/4 पॉक्सो ऐक्ट के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षों की गवाही और बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नंबर- 44 राजीव महेश्वरम ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की रकम अदा किए जाने पर पीड़िता उन रुपयों को पाने की अधिकारिणी होगी.
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