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बाराबंकीः बेसिक शिक्षा में गोलमाल के बाद अब माध्यमिक शिक्षा में भी फर्जीवाड़ा - teacher-appointed-on-fake-

यूपी के बाराबंकी जिले में माध्यमिक शिक्षा परिषद में फर्जी शिक्षक का मामला सामने आया है. शिक्षक के दस्तावेजों की बिना जांच किए ही नियुक्ति दे दी गई. साथ फर्जी शिक्षक को तीन महीने का वेतन भी मिल गया है. मामले की जानकारी होने पर जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर फर्जी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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माध्यमिक शिक्षा परिषद.
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Published : Jun 26, 2020, 9:24 AM IST

बाराबंकीः बेसिक शिक्षा में 'अनामिका शुक्ला' फर्जी शिक्षक मामला सामने आने के बाद, अब माध्यमिक शिक्षा में भी ऐसे मामले उजागर होने लगे हैं. जिले में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ तो हड़कम्प मच गया. यहां एक फर्जी शिक्षक को ज्वाइन करा दिया गया. यही नहीं तीन महीनों तक उसको वेतन भी मिलता रहा. फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर कथित फर्जी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस गोरखधंधे में कई लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. लिहाजा उनकी जांच शुरू कर दी गई है.

मामला कुछ यूं है
कानपुर के बेना झाबर कॉलोनी का रहने वाला प्रत्यूष झा ने पहले फर्जी ढंग से अपनी नियुक्ति पीलीभीत जिले के सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज अमृतखास में दिखाई. उसके बाद वहां से फर्जी ढंग से 28 जून 2019 को अपना ट्रांसफर कराकर बाराबंकी के खैराबीरू स्थित श्री सुभाष नवयुवक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आ गया. यही नहीं लापरवाह प्रबंधक ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए उसे 1 दिसम्बर 2019 को कार्यभार भी ग्रहण करवा दिया.

नियुक्ति से पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक को देनी होती है जानकारी
नियम के मुताबिक स्थानांतरित अध्यापक को कार्यभार ग्रहण कराने से पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सूचना देनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. साथ ही न तो इसकी सेवा पंजिका, चरित्र पंजिका, अवकाश लेखा, अंतिम वेतन प्रमाण पत्र समेत दूसरे दस्तावेज ही चेक किए गए. हैरानी की बात तो ये की बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए पटल सहायक की सांठगांठ से इसने फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने का वेतन दो लाख 30 हजार 128 रुपये भी हथिया लिए.

जब आया मामला सामने
इस गोरखधंधे की सुगबुगाहट पर जब पड़ताल की गई तो हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. प्रत्यूष झा की कहीं नियुक्ति ही नही हुई थी. पीलीभीत में इसने फर्जी नियुक्ति बताई थी जबकि उस कॉलेज में कोई नियुक्ति ही नहीं हुई थी. उस समय जुलाई 2017 में जब इसका फ्राड उजागर हुआ था. तब इसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था. ये सब होने के बाद भी लापरवाहों ने उसका फर्जी स्थानांतरण किया और उसे बाराबंकी में ज्वाइन भी करा दिया.

कार्रवाई करने का नोटिस जारी
मामले के खुलासे पर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश वर्मा ने सुभाष नवयुवक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैराबीरू के प्रबंध तंत्र और प्रधानाचार्य को नोटिस भेज कर कार्रवाई करने को लिखा तो हड़कम्प मच गया. लिहाजा आनन-फानन में गुरुवार को प्रबंधक दिनेश कुमार सिंह ने कथित शिक्षक प्रत्युष झा के खिलाफ लोनी कटरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया. डीआईओएस ने सम्बंधित प्रबंधक से जवाब तलब करते हुए धनराशि की रिकवरी के भी आदेश दिए हैं.

बाराबंकीः बेसिक शिक्षा में 'अनामिका शुक्ला' फर्जी शिक्षक मामला सामने आने के बाद, अब माध्यमिक शिक्षा में भी ऐसे मामले उजागर होने लगे हैं. जिले में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ तो हड़कम्प मच गया. यहां एक फर्जी शिक्षक को ज्वाइन करा दिया गया. यही नहीं तीन महीनों तक उसको वेतन भी मिलता रहा. फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर कथित फर्जी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस गोरखधंधे में कई लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. लिहाजा उनकी जांच शुरू कर दी गई है.

मामला कुछ यूं है
कानपुर के बेना झाबर कॉलोनी का रहने वाला प्रत्यूष झा ने पहले फर्जी ढंग से अपनी नियुक्ति पीलीभीत जिले के सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज अमृतखास में दिखाई. उसके बाद वहां से फर्जी ढंग से 28 जून 2019 को अपना ट्रांसफर कराकर बाराबंकी के खैराबीरू स्थित श्री सुभाष नवयुवक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आ गया. यही नहीं लापरवाह प्रबंधक ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए उसे 1 दिसम्बर 2019 को कार्यभार भी ग्रहण करवा दिया.

नियुक्ति से पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक को देनी होती है जानकारी
नियम के मुताबिक स्थानांतरित अध्यापक को कार्यभार ग्रहण कराने से पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सूचना देनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. साथ ही न तो इसकी सेवा पंजिका, चरित्र पंजिका, अवकाश लेखा, अंतिम वेतन प्रमाण पत्र समेत दूसरे दस्तावेज ही चेक किए गए. हैरानी की बात तो ये की बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए पटल सहायक की सांठगांठ से इसने फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने का वेतन दो लाख 30 हजार 128 रुपये भी हथिया लिए.

जब आया मामला सामने
इस गोरखधंधे की सुगबुगाहट पर जब पड़ताल की गई तो हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ. प्रत्यूष झा की कहीं नियुक्ति ही नही हुई थी. पीलीभीत में इसने फर्जी नियुक्ति बताई थी जबकि उस कॉलेज में कोई नियुक्ति ही नहीं हुई थी. उस समय जुलाई 2017 में जब इसका फ्राड उजागर हुआ था. तब इसके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था. ये सब होने के बाद भी लापरवाहों ने उसका फर्जी स्थानांतरण किया और उसे बाराबंकी में ज्वाइन भी करा दिया.

कार्रवाई करने का नोटिस जारी
मामले के खुलासे पर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश वर्मा ने सुभाष नवयुवक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खैराबीरू के प्रबंध तंत्र और प्रधानाचार्य को नोटिस भेज कर कार्रवाई करने को लिखा तो हड़कम्प मच गया. लिहाजा आनन-फानन में गुरुवार को प्रबंधक दिनेश कुमार सिंह ने कथित शिक्षक प्रत्युष झा के खिलाफ लोनी कटरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया. डीआईओएस ने सम्बंधित प्रबंधक से जवाब तलब करते हुए धनराशि की रिकवरी के भी आदेश दिए हैं.

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