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गन्ना किसानों को पर्ची के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, मोबाइल पर मिलेंगी सारी सुविधाएं

यूपी के बाराबंकी में गन्ना किसानों को अब पर्ची के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और न ही भुगतान संबंधी जानकारी के लिए भटकना होगा. शासन ने गन्ना विभाग को हाईटेक करते हुए ई-गन्ना पोर्टल और ऐप की सुविधा लागू कर दी है.

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Published : Oct 16, 2019, 10:39 AM IST

गन्ना किसानों को पर्ची के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर,

बाराबंकी: जिले में गन्ना किसानों को अब पर्ची के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और न ही भुगतान संबंधी जानकारी के लिए भटकना होगा. शासन ने गन्ना विभाग को हाईटेक करते हुए ई-गन्ना पोर्टल और ऐप की सुविधा लागू कर दी है.

जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी.

किसान अपने मोबाइल पर ई-गन्ना ऐप डाउनलोड करके उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. किसान गन्ना विभाग की योजनाओं के साथ सट्टा, पर्ची, तौल का कांटा, तारीख और भुगतान का सारा ब्यौरा अपने मोबाइल पर देख सकते हैं. इसके लिए मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां पर गन्ना किसानों की तमाम जानकारियां अपलोड की जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें- गन्ना बेल्ट में कमल की खेती से मुनाफा कमा रहे किसान, दीपावली से पहले जबरदस्त डिमांड

गन्ना किसानों को मोबाइल पर ही मिलेंगी सारी सुविधाएं
किसानों की परेशानियों को देखते हुए पहली बार शासन ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए विभाग को पूरी तरह हाईटेक बना दिया है. इसके लिए विभाग ने ई-गन्ना पोर्टल की शुरुआत की है. हर जिले में कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं और इस कंट्रोल रूम को लखनऊ के मुख्य सर्वर से जोड़ दिया गया है.

इसमें किसानों का सारा ब्यौरा दर्ज होगा. गन्ने की पर्ची अब कंट्रोल रूम जारी करेगा. तौल की तारीख और पर्ची का मैसेज किसान के मोबाइल पर भेजा जाएगा. पारदर्शिता के लिए गन्ने का सही रकबा और गन्ना किसानों की पहचान के लिए त्रिस्तरीय सर्वे कराया गया है, जिसमें किसानों के कागजात,आधारकार्ड को फीड किया गया है. जिले में तकरीबन 9,800 हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है. पिछले साल करीब 40 लाख क्विंटल गन्ने की तौल हुई थी.

बाराबंकी: जिले में गन्ना किसानों को अब पर्ची के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और न ही भुगतान संबंधी जानकारी के लिए भटकना होगा. शासन ने गन्ना विभाग को हाईटेक करते हुए ई-गन्ना पोर्टल और ऐप की सुविधा लागू कर दी है.

जानकारी देते जिला गन्ना अधिकारी.

किसान अपने मोबाइल पर ई-गन्ना ऐप डाउनलोड करके उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. किसान गन्ना विभाग की योजनाओं के साथ सट्टा, पर्ची, तौल का कांटा, तारीख और भुगतान का सारा ब्यौरा अपने मोबाइल पर देख सकते हैं. इसके लिए मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां पर गन्ना किसानों की तमाम जानकारियां अपलोड की जा रही हैं.

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गन्ना किसानों को मोबाइल पर ही मिलेंगी सारी सुविधाएं
किसानों की परेशानियों को देखते हुए पहली बार शासन ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए विभाग को पूरी तरह हाईटेक बना दिया है. इसके लिए विभाग ने ई-गन्ना पोर्टल की शुरुआत की है. हर जिले में कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं और इस कंट्रोल रूम को लखनऊ के मुख्य सर्वर से जोड़ दिया गया है.

इसमें किसानों का सारा ब्यौरा दर्ज होगा. गन्ने की पर्ची अब कंट्रोल रूम जारी करेगा. तौल की तारीख और पर्ची का मैसेज किसान के मोबाइल पर भेजा जाएगा. पारदर्शिता के लिए गन्ने का सही रकबा और गन्ना किसानों की पहचान के लिए त्रिस्तरीय सर्वे कराया गया है, जिसमें किसानों के कागजात,आधारकार्ड को फीड किया गया है. जिले में तकरीबन 9,800 हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है. पिछले साल करीब 40 लाख क्विंटल गन्ने की तौल हुई थी.

Intro:बाराबंकी ,15 अक्टूबर । गन्ना किसानों को अब पर्ची के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे और न ही भुगतान संबंधी जानकारी के लिए भटकना होगा । शासन ने गन्ना विभाग को हाईटेक करते हुए ई-गन्ना पोर्टल और ऐप की सुविधा लागू कर दी है । हर किसान अपने मोबाइल पर ई- गन्ना एप डाउनलोड कर उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है ।किसान गन्ना विभाग की योजनाओं के साथ सट्टा, पर्ची,तौल का कांटा, तारीख और भुगतान का सारा ब्यौरा अपने मोबाइल पर देख सकते हैं। इसके लिए मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जहां पर गन्ना किसानों की तमाम जानकारियां अपलोड की जा रही हैं ।


Body:वीओ- बीते वर्षों में चीनी मिलों के साथ बिचौलियों ने गन्ने की खेती में बड़ा खेल किया । छोटे काश्तकारों को न केवल गन्ने की तौल पर्ची बल्कि भुगतान पाने के लिए नाकों चने चबाने पड़े । किसान लगातार इन परेशानियों की बाबत आंदोलन करते रहे । किसानों की परेशानियों को देखते हुए पहली बार शासन ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए विभाग को पूरी तरह हाईटेक बना दिया ।इसके लिए विभाग ने ई-गन्ना पोर्टल की शुरुआत की । हर जिले में कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए और इस कंट्रोल रूम को लखनऊ के मुख्य सर्वर से जोड़ दिया गया । अब हर कुछ पारदर्शी होगा । इसमें किसानों का सारा ब्यौरा दर्ज होगा । गन्ने की पर्ची भी अब कंट्रोल रूम जारी करेगा । तौल की तारीख और पर्ची का मैसेज किसान के मोबाइल पर भेजा जाएगा । पारदर्शिता के लिए गन्ने का सही रकबा और गन्ना किसानों की पहचान के लिए त्रिस्तरीय सर्वे कराया गया । जिसमे किसानों के कागजात,आधारकार्ड लेकर फीड किया गया । जिले में तकरीबन 9800 हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है । पिछले साल करीब 40 लाख कुंतल गन्ने की तौल हुई थी ।
बाईट- रत्नेश्वर त्रिपाठी , जिला गन्ना अधिकारी बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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