बाराबंकी/अयोध्याः फरमानी नाज के 'हर-हर शंभू' गाने (Har Har Shambhu Song) के बाद मुस्लिम उलेमाओं ने ऐतराज जताया. वहीं, राज्य महिला आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है. राज्य महिला आयोग फरमानी नाज के पक्ष में आ गया है. बाराबंकी पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य कुमुद श्रीवास्तव ने यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज का हर तरह से साथ देने की बात कही है. कुमुद श्रीवास्तव ने कहा कि भारत देश की हर नारी अपनी पसंद का गीत गाने को स्वतंत्र है. जाति-धर्म के आधार पर किसी भी नारी को दबाया नहीं जा सकता. लोग अनावश्यक रूप से मतभेद पैदा कर रहे हैं.
दरअसल, मुजफ्फरनगर की रहने वाली यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज ने सावन के महीने में 'हर-हर शंभू शंकर महादेवा' गीत गाया था. इससे पहले भी नाज तमाम भजन गा चुकी हैं. एक हफ्ते पहले यूट्यूब पर रिलीज हुआ यह भजन चर्चा में आया, तो मुस्लिम उलेमाओं ने ऐतराज जताना शुरू कर दिया. सहारनपुर के उलेमा के मुताबिक मुसलमान होते हुए अगर कोई देवी-देवताओं का भजन गाता है, तो उसे शरीयत में गुनाह माना जाता है. उलेमा ऐसे भजन गाने से परहेज करने की बात कहते हैं.
पढ़ेंः यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज को मौलानाओं का फरमान, नहीं गाओ हर हर शंभू जैसे गीत
अयोध्या में भी राज्य महिला आयोग ने दिया समर्थन
अयोध्या में बुधवार को जन सुनवाई करने पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य इंदिरावास सिंह ने कहा कि यह फरमानी नाज के लिए सौभाग्य की बात है कि उन्होंने हर हर शंभू गाना गाया है. मुस्लिम समाज की होने के बावजूद उन्होंने हिंदू अध्यात्म का गाना गाया है. लोगों को सम्मान करना चाहिए, विरोध नहीं.
फरहानी नाज के साथ खड़ा है राज्य महिला आयोग
इंद्रावास सिंह ने कहा कि हमारे देश में रसखान, रहीम और कबीर जैसे कवि भी हुए हैं. विरोध करने वाले मुसलमान भाइयों से अपील है कि वे उसका विरोध न करें. उसने 'हर-हर शंभू' गाना गाया है, तो कोई गलत काम नहीं किया है. राज्य महिला आयोग भी उसके समर्थन में है. उसके साथ खड़ा है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप