बाराबंकी: मूल रूप से सीतापुर जिले के महमूदाबाद कस्बे के रहने वाले साकेन्द्र प्रताप वर्मा का जन्म जनवरी 1962 में हुआ था. साकेन्द्र ने लखीमपुर खीरी से ग्रेजुएशन और फिर कानपुर विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की. ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने छात्रनेता के तौर पर छात्रों का प्रतिनिधित्व किया. उस दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे. पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने सीतापुर जिले के पैंतेपुर में स्थित बेनीराम इंटर कालेज में अध्यापन का कार्य शुरू कर दिया. इस दौरान इनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ती गई. जिसके चलते ही पार्टी ने साकेंद्र को जिलाध्यक्ष बनाया गया. ये सीतापुर जिले के वर्ष 2002 से 2005 तक भाजपा जिलाध्यक्ष रहे. साल 2017 में पार्टी ने इन पर भरोसा जताया और इन्हें महमूदाबाद से सटी कुर्सी विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा गया. साकेन्द्र वर्मा का दावा है कि इन पांच वर्षों में उन्होंने अपनी विधानसभा में जो विकास कार्य किये, उतने दस वर्षों में भी नहीं हुए थे. हालांकि विपक्षी इनके दावों को सिरे से खारिज करते हैं. बीते पांच वर्षों में उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए क्या किया ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.पेश है बातचीत के कुछ अंश.....
सवाल: विधायक बनने के बाद क्षेत्र के लिए क्या किया?
जवाब: पीडब्ल्यूडी, विधायक निधि और डूडा समेत कई विभागों की मदद से 240 से अधिक सड़कें बनवाकर जनता को समर्पित किया. अभी 20-25 सड़कें बननी हैं. नहरों में ठीक समय पर पानी आये इसके लिए काम किया है. निन्दूरा ब्लॉक की तमाम नहरों में एक बूंद भी पानी नहीं आता था, जिनकी सफाई करवाकर टेल तक पानी पहुंचाने का काम किया है. स्वास्थ्य की दिशा में कई काम किये.सीएचसी फतेहपुर में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने का काम किया.
सवाल: विधायक बनने के बाद क्षेत्र में क्या कमी देखी और विकास की क्या योजना बनाई थी ?
जवाब: क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं नही थीं, उनको सुधारने का काम किया. बिशुनपुर में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने पर उसके लिए प्रयास किए गए. अब वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन रहा है. कुर्सी विधानसभा में बड़ी मात्रा में जानवर पालने का काम होता है, लोग दूध का व्यवसाय करते हैं, उनके पशु स्वस्थ रहें लिहाजा हर केंद्र पर पशु चिकित्सालय बनवाने का काम हुआ है.
सवाल: अभी भी आपको लगता है कि कुछ रह गया जो नही कर पाए?
जवाब: वैसे तो पिछले दस वर्ष की तुलना में हमारे 5 वर्ष भारी हैं, लेकिन अभी भी तमाम काम हैं जो बाकी हैं.
सवाल: आपका विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है, किसानों के लिए क्या किया?
जवाब: किसानों के लिए जरखा में कृषि कल्याण केंद्र बनवा रहा हूं. इस क्षेत्र में आलू का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है. हमारी सरकार बनने के बाद इस क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज बढ़े हैं.
सवाल: कुर्सी इंडस्ट्रियल एरिया है, यहां उद्योग धंधे बढ़े इसके लिए क्या प्रयास किये?
जवाब: इन पांच वर्षों में तमाम छोटे बड़े उद्योग लगे. उद्यमियों ने हमारी सरकार पर भरोसा किया. आने वाले समय मे ये इंडस्ट्रियल हब के रूप में नजर आएगा.
सवाल: लोग आपकी पार्टी को क्यों चुने ? विपक्षी तमाम आरोप लगाते हैं.
जवाब: मोदी और योगी दोनों सरकारों का कार्यकाल जनता के सामने है. ये जो कहते हैं करते हैं. दूसरे राजनीतिक दल छलावे का काम करते हैं, केवल बहकाने की कोशिश करते हैं.
'कुर्सी' का गणित
राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले की 6 विधानसभाओं में से एक है कुर्सी-266 विधानसभा. लखनऊ और सीतापुर जिलों की सीमाओं से लगी यह विधानसभा साल 2011 में हुए नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. पहले ये विधानसभा फतेहपुर सुरक्षित के नाम से जानी जाती थी. कुर्सी विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 2012 में यहां पहली बार चुनाव हुए, जिसमें समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया और भाजपा यहां तीसरे नम्बर पर रही, लेकिन 2017 में हुए चुनाव में भाजपा ने सपा को शिकस्त देते हुए भगवा ध्वज लहरा दिया. भाजपा के साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने सपा उम्मीदवार फरीद महफूज किदवई को 28,679 वोटों से हरा कर यह सीट जीत ली.
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