बाराबंकी: बाजारों में मंदी का दौर है, ऐसे में लघु और अति लघु दुकानदारों एवं व्यापारियों के ऊपर इसका असर दिखाई पड़ रहा है. कुछ दुकानदार और व्यापारी इसे सामान्य मान रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि बड़े उद्योगपतियों के व्यापार में वृद्धि के कारण, छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का घाटा हो रहा है.
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भारत में मंदी का दौर
जीडीपी ग्रोथ रेट 5% पर है और भारत में मंदी का दौर चल रहा है. मंदी के इस दौर का असर भारत के लघु और सीमांत व्यापारियों एवं दुकानदारों पर ज्यादा पड़ रहा है. बाजारों में सामान तो आ रहा है, लेकिन बाजारों में रौनक नहीं दिखाई पड़ रही है. नौकरी पेशा लोग और मध्यमवर्गीय लोग दुकानों तक पहुंच तो रहे हैं, लेकिन वह भी इतनी उत्सुकता के साथ सामान नहीं खरीद रहे हैं.
बाजारों में कम ही दिखाई पड़ रहे है किसान
ग्रामीण क्षेत्रों के कस्बों में ज्यादातर पहुंच किसानों की होती है. लेकिन किसानों के पास भी पूंजी न होने के कारण वह भी बाजारों में कम ही दिखाई पड़ रहे हैं. त्यौहारों के समय में बाजार में जबरदस्त चहल-पहल देखने को मिलती है. परंतु इस बार बाजार में लोगों की संख्या कम दिखाई दे रही है.
दुकानों पर भी भीड़ कम
सोने चांदी की खरीददारी से लेकर, मिट्टी के दीए, घड़े और बर्तनों की दुकानों पर भी भीड़ नहीं दिखाई दे रही है. सब्जियों की दुकानों पर भी लोगों की उतनी संख्या नहीं आ रही है. कपड़ों की दुकानों पर भी मंदी का बहुत असर तो नहीं है, ऐसा दुकानदारों का कहना है, लेकिन उनका वहीं यह भी मानना है कि लोगों के आने का परसेंटेज घटा है.
मंदी का असर
कुल मिलाकर मंदी का मिलाजुला असर त्यौहारों के समय में दिखाई पड़ रहा है. समय रहते सरकार को इस पर नियंत्रण जरूर पाना चाहिए. यदि मंदी की मार को नियंत्रित करने में देरी होती है तो, निश्चित तौर पर आने वाले समय में यह विकराल रूप भी ले सकती है.