बाराबंकी: अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष पूर्णिमा वर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में इस सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति के मामले कम हुए हैं. इस सरकार में पिछली सरकारों जैसा आतंक नहीं है. पूर्णिमा वर्मा ने अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए तमाम योजनाओं समेत छात्रवृत्ति स्कीम की उपलब्धियां गिनाईं.
सरकार की गिनाईं उपलब्धियां
अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्णिमा वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार अब अनुसूचित जाति के बच्चों की पढ़ाई के लिए पहले की तुलना में 5 गुना अधिक पैसा खर्च करने जा रही है. सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं के तहत अगले 5 सालों में 59 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2019 के चुनाव में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा दिया था और अब उसी रास्ते पर चलकर दलित वर्गों के लिए बड़ी घोषणा की है. आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि 59 हजार करोड़ में से 35 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी.
इस योजना से सरकार अगले चार वर्षों में चार करोड़ दलित बच्चों को सुविधा मुहैया कराएगी. छात्रवृत्ति योजना में केंद्र और राज्य सरकार को उनके बीच की हिस्सेदारी तय कर दी गई है. अब छात्रवृत्ति की रकम का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र देगी और 40 फीसदी राज्य सरकारें देंगी. पहले इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्यों को हर साल औसतन 11 सौ करोड़ की मदद देती थी, लेकिन अब हर साल छह हजार करोड़ दी जाएगी. वहीं, उपाध्यक्ष एससी-एसटी आयोग पूर्णिमा वर्मा ने पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में उनकी सरकार में दलित उत्पीड़न के मामले कम हुए हैं.