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बाराबंकी: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी कम होते ही बढ़ा बीमारियों का खतरा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी कम होते ही बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. दरअसल जगह-जगह पानी लगे होने के कारण मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू सहित तमाम संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ती जा रही है.

सोनभद्र में बाढ़ की स्थिति.
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Published : Oct 5, 2019, 6:25 AM IST

बाराबंकी: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है. जहां बारिश न होने से पानी अब निचले इलाकों में जा रहा है. वहीं तेज धूप होने से बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बीमारियों के साथ-साथ तमाम जहरीले जीव भी खतरे का कारण बन गए हैं. जगह-जगह पानी लगे होने के कारण मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू सहित तमाम संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन ने इसके लिए इंतजाम कर रखे हैं. चिकित्सा विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव व्यवस्था उपलब्ध कराई है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
घाघरा नदी का कहर

जिले में घाघरा नदी लंबे क्षेत्र में बहती है. इसके तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या भी ज्यादा है. घाघरा नदी के तटवर्ती ज्यादातर इलाकों में कटान की भयंकर समस्या हो जाती है. इससे कई घर भी नदी में समाहित हो जाते हैं. साथ ही साथ गांव में पानी भर जाता है. इसके कारण बाढ़ की भयावह स्थिति हो जाती है. इस बार भी घाघरा नदी ने भयानक तरीके से कई गांव में कटान की और बाढ़ की समस्या भी उभर कर सामने आई. अब लगातार बारिश के बाद तीन दिनों से हो रही कड़ी धूप ने तमाम संक्रामक रोगों के पैदा होने की समस्या भी उत्पन्न कर दी है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराए गए हैं पर्याप्त संसाधन

जिले के चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. जिससे किसी भी प्रकार की समस्या से निपटा जा सके और संक्रामक रोग न फैले इसके लिए भी पूरे प्रबंध किए गए हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की दुविधा न हो, बीमारी के समय उसका पूरा इलाज और हर संभव मदद की जाए इसका पूरा प्रबंध है.

चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कई इलाके जो बाढ़ प्रभावित नहीं है, वहां पर भी पिछले दिनों बुखार की समस्या गंदगी के कारण हुई है. इस वजह से आग्रह है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें . क्योंकि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य कर रास्ता निकलता है. महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है कि सफाई का रास्ता सबसे अच्छा है, इसलिए सफाई जरूर करें.

बाराबंकी: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है. जहां बारिश न होने से पानी अब निचले इलाकों में जा रहा है. वहीं तेज धूप होने से बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बीमारियों के साथ-साथ तमाम जहरीले जीव भी खतरे का कारण बन गए हैं. जगह-जगह पानी लगे होने के कारण मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू सहित तमाम संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन ने इसके लिए इंतजाम कर रखे हैं. चिकित्सा विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव व्यवस्था उपलब्ध कराई है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी.
घाघरा नदी का कहर

जिले में घाघरा नदी लंबे क्षेत्र में बहती है. इसके तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या भी ज्यादा है. घाघरा नदी के तटवर्ती ज्यादातर इलाकों में कटान की भयंकर समस्या हो जाती है. इससे कई घर भी नदी में समाहित हो जाते हैं. साथ ही साथ गांव में पानी भर जाता है. इसके कारण बाढ़ की भयावह स्थिति हो जाती है. इस बार भी घाघरा नदी ने भयानक तरीके से कई गांव में कटान की और बाढ़ की समस्या भी उभर कर सामने आई. अब लगातार बारिश के बाद तीन दिनों से हो रही कड़ी धूप ने तमाम संक्रामक रोगों के पैदा होने की समस्या भी उत्पन्न कर दी है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराए गए हैं पर्याप्त संसाधन

जिले के चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. जिससे किसी भी प्रकार की समस्या से निपटा जा सके और संक्रामक रोग न फैले इसके लिए भी पूरे प्रबंध किए गए हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की दुविधा न हो, बीमारी के समय उसका पूरा इलाज और हर संभव मदद की जाए इसका पूरा प्रबंध है.

चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कई इलाके जो बाढ़ प्रभावित नहीं है, वहां पर भी पिछले दिनों बुखार की समस्या गंदगी के कारण हुई है. इस वजह से आग्रह है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें . क्योंकि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य कर रास्ता निकलता है. महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है कि सफाई का रास्ता सबसे अच्छा है, इसलिए सफाई जरूर करें.

Intro: बाराबंकी, 04 अक्टूबर। जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धीरे-धीरे पानी हो रहा है कम. जहां बारिश ना होने से पानी अब निचले इलाकों में जा रहा है. वही तेज धूप होने से बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बीमारियों के साथ-साथ तमाम जहरीले जीव भी खतरे का कारण बन गए हैं. जगह-जगह पानी लगे होने के कारण मलेरिया, चिकनगुनिया , डेंगू सहित, तमाम संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन ने इसके लिए इंतजाम कर रखे हैं. चिकित्सा विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव व्यवस्था उपलब्ध कराई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अलावा भी कई क्षेत्रों में बुखार और मच्छर जनित रोग हुए हैं जिसका कारण ज्यादा गंदगी होना है.


Body: बाराबंकी जिले में घाघरा नदी लंबे क्षेत्र में बहती है. इसके तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या भी ज्यादा है. घाघरा नदी के तटवर्ती ज्यादातर इलाकों में कटान की भयंकर समस्या हो जाती है . जिससे कई घर इत्यादि भी नदी में समाहित हो जाते हैं . साथ ही साथ गांव में पानी भर जाता है. जिसके कारण बाढ़ की भयावह स्थिति हो जाती है.
इस बार भी घाघरा नदी ने भयानक तरीके से कई गांव में कटान की ,और बाढ़ की समस्या भी उभर कर सामने आई . इतना कम था कि लगातार कई दिनों तक होने वाली बारिश ने , तटीय इलाकों में भयानक रूप से त्रासदी जैसी समस्या उत्पन्न कर दी. अब लगातार बारिश के बाद 3 दिनों से हो रही कड़ी धूप ने, तमाम संक्रामक रोगों के पैदा होने की समस्या भी उत्पन्न कर दी है.

जिले के चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं . जिससे किसी भी प्रकार की समस्या से निपटा जा सके ,और संक्रामक रोग न फैले इसके लिए भी पूरे प्रबंध किए गए हैं.
किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की दुविधा ना हो , बीमारी के समय उसका पूरा इलाज ,और हर संभव मदद की जाए इसका पूरा प्रबंध है.
चिकित्सा अधिकारी ने आगे बताया कि चूंकि पूरी संभावना के विषय में जानकारी है कि, जब बाढ़ धीरे-धीरे कम होती है तो, बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके लिए मुस्तैदी से तैनाती पहले से ही की गई है.
कई इलाके जो बाढ़ प्रभावित नहीं है, वहां पर भी पिछले दिनों बुखार की समस्या गंदगी के कारण हुई है . इस वजह से आग्रह है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें . क्योंकि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य कर रास्ता निकलता है. महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीजन है कि सफाई का रास्ता सबसे अच्छा है इसलिए सफाई जरूर करें.


Conclusion: जिन इलाकों में बाढ़ है उनमें तो समस्या है ही, लेकिन बरसात ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के अलावा भी समस्या उत्पन्न कर दी. क्योंकि लगातार बरसात के बाद जब तेज धूप हो रही है तो, अब गंदगी वाले गांवों और तमाम इलाकों में बीमारी भी बढ़ रही है. ऐसे में एक ही विकल्प है कि, लोग अपने आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें.




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1- डॉ. रमेश चंद्र, मुख्य चिकित्सा अधिकारी , बाराबंकी.


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907.
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