बाराबंकी: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है. जहां बारिश न होने से पानी अब निचले इलाकों में जा रहा है. वहीं तेज धूप होने से बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. बीमारियों के साथ-साथ तमाम जहरीले जीव भी खतरे का कारण बन गए हैं. जगह-जगह पानी लगे होने के कारण मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू सहित तमाम संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन ने इसके लिए इंतजाम कर रखे हैं. चिकित्सा विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव व्यवस्था उपलब्ध कराई है.
जिले में घाघरा नदी लंबे क्षेत्र में बहती है. इसके तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या भी ज्यादा है. घाघरा नदी के तटवर्ती ज्यादातर इलाकों में कटान की भयंकर समस्या हो जाती है. इससे कई घर भी नदी में समाहित हो जाते हैं. साथ ही साथ गांव में पानी भर जाता है. इसके कारण बाढ़ की भयावह स्थिति हो जाती है. इस बार भी घाघरा नदी ने भयानक तरीके से कई गांव में कटान की और बाढ़ की समस्या भी उभर कर सामने आई. अब लगातार बारिश के बाद तीन दिनों से हो रही कड़ी धूप ने तमाम संक्रामक रोगों के पैदा होने की समस्या भी उत्पन्न कर दी है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराए गए हैं पर्याप्त संसाधन
जिले के चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं. जिससे किसी भी प्रकार की समस्या से निपटा जा सके और संक्रामक रोग न फैले इसके लिए भी पूरे प्रबंध किए गए हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की दुविधा न हो, बीमारी के समय उसका पूरा इलाज और हर संभव मदद की जाए इसका पूरा प्रबंध है.
चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कई इलाके जो बाढ़ प्रभावित नहीं है, वहां पर भी पिछले दिनों बुखार की समस्या गंदगी के कारण हुई है. इस वजह से आग्रह है कि लोग स्वच्छता का ध्यान रखें . क्योंकि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य कर रास्ता निकलता है. महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है कि सफाई का रास्ता सबसे अच्छा है, इसलिए सफाई जरूर करें.