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बाराबंकी: सिद्ध पुरुष बाबा रामसनेही के नाम से बसा है 'रामसनेहीघाट'

बाराबंकी जिले की तहसील का नाम एक चमत्कारी बाबा रामसनेही के नाम से पड़ा है. इस तहसील का नाम है रामसनेहीघाट है. यहां पर लोग कोई भी शुभ कार्य करने के पहले उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते. बाबा रामसनेही के दरबार में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है बाबा रामसनेही उस भक्त की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

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Published : Aug 20, 2019, 10:57 PM IST

सिद्ध पुरुष बाबा रामसनेही के नाम से बसा है रामसनेहीघाट

बाराबंकी : जिले की एक ऐसी तहसील है जहां पर एक चमत्कारी बाबा हुए और उन्हीं के नाम से रामसनेहीघाट तहसील बसाया गया है. यहां पर आज भी लोग कोई भी शुभ कार्य करने के पहले उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते. बाबा रामसनेही के दरबार में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है बाबा रामसनेही उस भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं ऐसा यहां के लोगों को विश्वास है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां कथा रामायण और पूजा अनुष्ठान करते हैं. साल में एक बार बाबा की समाधि स्थल पर भव्य मेला लगता है.

सिद्ध पुरुष बाबा रामसनेही के नाम से बसा है रामसनेहीघाट.

यहां पर अंग्रेजों के द्वारा रोड बनाई जा रही थी और पुल बनाया जा रहा था .दिन में पुल बनाता और रात में गिर जाता .अंग्रेजी सरकार जब काफी परेशान हो गयी तो बाबा ने उनको स्वप्न में दिखाया इस रोड को थोड़ा हमारी समाधि स्थल से हटाकर बनाओ तब आपकी रोड और पुल बनेगा. अंग्रेज अफसर ने ऐसा ही किया तब जाकर पुल और रोड बन पाया. एक बार बाबा रामसनेही को हनुमान जी ने दर्शन दिया था और उन्हीं के बताए अनुसार बाबा जी ने यहीं पर जिंदा समाधि ली थी.
-बाबा शिव चंद्र दास भारती, पुजारी रामसनेही बाबा मंदिर

बाराबंकी : जिले की एक ऐसी तहसील है जहां पर एक चमत्कारी बाबा हुए और उन्हीं के नाम से रामसनेहीघाट तहसील बसाया गया है. यहां पर आज भी लोग कोई भी शुभ कार्य करने के पहले उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते. बाबा रामसनेही के दरबार में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है बाबा रामसनेही उस भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं ऐसा यहां के लोगों को विश्वास है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां कथा रामायण और पूजा अनुष्ठान करते हैं. साल में एक बार बाबा की समाधि स्थल पर भव्य मेला लगता है.

सिद्ध पुरुष बाबा रामसनेही के नाम से बसा है रामसनेहीघाट.

यहां पर अंग्रेजों के द्वारा रोड बनाई जा रही थी और पुल बनाया जा रहा था .दिन में पुल बनाता और रात में गिर जाता .अंग्रेजी सरकार जब काफी परेशान हो गयी तो बाबा ने उनको स्वप्न में दिखाया इस रोड को थोड़ा हमारी समाधि स्थल से हटाकर बनाओ तब आपकी रोड और पुल बनेगा. अंग्रेज अफसर ने ऐसा ही किया तब जाकर पुल और रोड बन पाया. एक बार बाबा रामसनेही को हनुमान जी ने दर्शन दिया था और उन्हीं के बताए अनुसार बाबा जी ने यहीं पर जिंदा समाधि ली थी.
-बाबा शिव चंद्र दास भारती, पुजारी रामसनेही बाबा मंदिर

Intro:बाराबंकी .जिले के एक ऐसी तहसील है. जहां पर एक चमत्कारी बाबा हुए और उनके चमत्कार को लोग नमस्कार करते हैं. और उन्हीं के नाम से बसाया गया रामसनेहीघाट जहां पर कलकल बहती कल्याणी नदी के तट पर स्थित है. बाबा रामसनेही की समाधि स्थल जहां पर आज भी लोग कोई भी शुभ कार्य करने के पहले उनका आशीर्वाद लेना नहीं भूलते.


Body:ईटीवी से बात की बाबा शिवचंद भारती बाबा रामसनेही मंदिर के पुजारी है. उन्होंने ईटीवी से बताया कि यहां पर अंग्रेजो के द्वारा रोड बनाई जा रही थी. और पुल बनाया जा रहा था .दिन में पुल बनाता और रात में गिर जाता अंग्रेजी पीरियड था अंग्रेजी सरकार जब काफी परेशान हो गयी। तो बाबा ने उनको स्वप्न में दिखाया इस रोड को थोड़ा हमारी समाधि स्थल से हटाकर बनाओ तब आपकी रोड और पुल बनेगा. अंग्रेज अफसर ने ऐसा ही किया तो जा कर पुल और रोड बन पाया।

बाबा श्री चंद भारती ने बताया एक बार बाबा रामसनेही को हनुमान जी ने दर्शन दिया था और उन्हीं के बताए अनुसार बाबा जी ने यहीं पर जिंदा समाधि ली थी .।


बाबा रामसनेही के नाम पर ही रामसनेहीघाट इस स्थान का नाम पड़ा .





Conclusion:बाबा रामसनेही के दरबार में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है बाबा रामसनेही उस भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं ऐसा यहां के लोगों को विश्वास है.
और फिर यहां जिन की मनोकामना पूर्ण होती है वह भक्त यहां कथा रामायण और पूजा अनुष्ठान करते हैं साल में एक बार बाबा की समाधि के स्थल पर भव्य मेला लगता है.

बाइट. बाबा शिव चंद्र दास भारती पुजारी रामसनेही बाबा मंदिर.


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