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कौमी एकता की मिसाल है बाराबंकी का ऐतिहासिक कदीमी चेहल्लुम जुलूस - शिया समुदाय

यूपी के बाराबंकी में शुक्रवार को ऐतिहासिक चेहल्लुम के मौके पर एक जुलूस निकाला गया. इस जुलूस में जिले के अलावा बाहर से भी इमाम हुसैन के चाहने वाले शामिल हुए.

कदीमी चेहल्लुम जुलूस
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Published : Oct 19, 2019, 12:45 PM IST

बाराबंकी: जिले में शहीदाने कर्बला की याद में ऐतिहासिक चेहल्लुम बड़ी ही अकीदत और एहतराम से मनाया गया. इस मौके पर शुक्रवार शाम को एक जुलूस निकाला गया. पिछले कई दशकों से अरबी महीने सफर की 18 तारीख को निकलने वाला यह कदीमी जुलूस यहां की कौमी एकता की मिशाल है. इस जुलूस में तमाम समुदाय के लोग शामिल होते हैं.

बाराबंकी का ऐतिहासिक कदीमी चेहल्लुम जुलूस.

ऐतिहासिक चेहल्लुम पर निकला जुसूस
नगर के बेगमगंज स्थित इमामबाड़ा हजरत जैनब से निकलकर यह जुलूस सिविल लाइन स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है. इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमनें रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं. जिले के अलावा बाहर से भी इमाम हुसैन के चाहने वाले इस जुलूस में शामिल होते हैं. जुलूस के दौरान कोई अनहोनी न हो लिहाजा पुलिस प्रशासन तैनात रहता है.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में संदिग्धों की चर्चा पर बोले एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, हमारे पास कोई सूचना नहीं

शिया समुदाय के इस जुलूस के पीछे सुन्नी समुदाय का भी जुलूस रहता है, जो नगर के कटरा बारादरी से निकलता है. ये जुलूस सुन्नी कर्बला पर आकर समाप्त हो जाता है. जुलूस में रास्ते भर जगह-जगह मजलिसों के जरिए लोगों को मैसेज दिया जाता है. वह इमाम हुसैन के तौर-तरीकों पर जिंदगी गुजारें और अपने मुल्क हिंदुस्तान के लिए ऐसा माहौल बनाएं ताकि यहां हमेशा अमन और सुकून बना रहे.

बाराबंकी: जिले में शहीदाने कर्बला की याद में ऐतिहासिक चेहल्लुम बड़ी ही अकीदत और एहतराम से मनाया गया. इस मौके पर शुक्रवार शाम को एक जुलूस निकाला गया. पिछले कई दशकों से अरबी महीने सफर की 18 तारीख को निकलने वाला यह कदीमी जुलूस यहां की कौमी एकता की मिशाल है. इस जुलूस में तमाम समुदाय के लोग शामिल होते हैं.

बाराबंकी का ऐतिहासिक कदीमी चेहल्लुम जुलूस.

ऐतिहासिक चेहल्लुम पर निकला जुसूस
नगर के बेगमगंज स्थित इमामबाड़ा हजरत जैनब से निकलकर यह जुलूस सिविल लाइन स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है. इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमनें रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं. जिले के अलावा बाहर से भी इमाम हुसैन के चाहने वाले इस जुलूस में शामिल होते हैं. जुलूस के दौरान कोई अनहोनी न हो लिहाजा पुलिस प्रशासन तैनात रहता है.

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शिया समुदाय के इस जुलूस के पीछे सुन्नी समुदाय का भी जुलूस रहता है, जो नगर के कटरा बारादरी से निकलता है. ये जुलूस सुन्नी कर्बला पर आकर समाप्त हो जाता है. जुलूस में रास्ते भर जगह-जगह मजलिसों के जरिए लोगों को मैसेज दिया जाता है. वह इमाम हुसैन के तौर-तरीकों पर जिंदगी गुजारें और अपने मुल्क हिंदुस्तान के लिए ऐसा माहौल बनाएं ताकि यहां हमेशा अमन और सुकून बना रहे.

Intro:बाराबंकी ,18 अक्टूबर । यूपी के बाराबंकी में शहीदाने कर्बला की याद में ऐतिहासिक चेहल्लुम बड़ी ही अकीदत और एहतराम से मनाया गया ।इस मौके पर शुक्रवार शाम को एक जुलूस निकाला गया । पिछले कई दशकों से अरबी महीने सफर की 18 तारीख को निकलने वाला यह कदीमी जुलूस यहां की कौमी एकता की मिसाल है । जुलूस में तमाम समुदाय के लोग शामिल होते हैं ।


Body:वीओ - नगर के बेगमगंज स्थित इमामबाड़ा हजरत जैनब से निकलकर यह जुलूस सिविल लाइन स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है । इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमनें रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं । जिले के अलावा बाहर से भी इमाम हुसैन के चाहने वाले इस जुलूस में शामिल होते हैं । जगह-जगह सबील का इंतजाम रहता है । जुलूस के दौरान कोई अनहोनी ना हो लिहाजा पुलिस प्रशासन तैनात रहता है । शिया समुदाय के इस जुलूस के पीछे सुन्नी समुदाय का भी जुलूस रहता है जो नगर के कटरा बारादरी से निकलता है । ये जुलूस सुन्नी कर्बला पर आकर समाप्त हो जाता है । जुलूस में रास्ते भर जगह-जगह मजलिसों के जरिए लोगों को मैसेज दिया जाता है कि वह इमाम हुसैन के तौर-तरीकों पर जिंदगी गुजारे और अपने मुल्क हिंदुस्तान के लिए ऐसा माहौल बनाएं ताकि यहां हमेशा अमन और सुकून बना रहे ।
बाईट - दिलकश रिज़वी, इमाम हुसैन के चाहने वाले


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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