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बाराबंकी: 10 महीने बाद हुआ हत्या का खुलासा, भांजा निकला मामा का कातिल

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Published : May 10, 2020, 5:23 PM IST

यूपी के बाराबंकी में बीते वर्ष 18 अगस्त को हुए मर्डर का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि सगे भांजे ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मामा की हत्या की थी. हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए आरोपियों ने शव को रेल पटरी पर डाल दिया था. जायदाद की वजह से हत्या की गई थी.

जायदाद के लिए सगे भांजे ने की मामा की हत्या.
जायदाद के लिए सगे भांजे ने की मामा की हत्या.

बाराबंकी: जिले में बीते वर्ष 18 अगस्त को हुए मर्डर का खुलासा करते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सगे भांजे ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मामा की हत्या कर दी थी. पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्या को दुर्घटना दिखाने की कोशिश की गई थी. आरोपियों ने शव को रेल पटरी पर डाल दिया था. क्राइम ब्रांच ने जब इसकी गहनता से जांच की तो इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हो गया. मामा की जायदाद हड़पने के लिए भांजे ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था.

बता दें कि पिछले वर्ष 18 अगस्त को नगर कोतवाली के मोहल्ला कटरा चंदना की रहने वाली नीलम उर्फ गुड़िया ने मुकदमा दर्ज कराया था कि लालजी उर्फ सोनू और उनकी मां ने जायदाद हड़पने के लिए उसके पति श्रीराम की हत्या कर दी. हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए शव को रेल पटरी पर फेंक दिया. पुलिस ने इस मामले में पड़ताल शुरू की, लेकिन कोई खास प्रगति नही हुई. मामले में कोई कार्रवाई होते न देख नीलम ने तत्कालीन पुलिस कप्तान से इस मामले की तफ्तीश क्राइम ब्रांच से कराने की गुहार लगाई थी.

क्राइम ब्रांच ने की विवेचना
क्राइम ब्रांच को मामले की जांच मिली तो उसने घटना की एक-एक कड़ी जोड़नी शुरू की. इस तरह एक लंबे अरसे बाद शुक्रवार को क्राइम ब्रांच टीम ने घटना के तीन आरोपी लालजी, सौरभ कुमारा वाल्मीकि और सौरभ सिंह को बस स्टेशन के नजदीक बनी मर्चरी के पास से गिरफ्तार कर लिया.

क्या था मामला
मृतक श्रीराम का भांजा लालजी बचपन से ही अपने नाना-नानी के पास रहता था. नाना-नानी की मौत के बाद उसके मामा श्रीराम उसकी देखभाल करते थे. मामा श्रीराम शराब पीने का आदी था. उसकी इसी गन्दी आदत के चलते उसकी पत्नी नीलम अपने मायके चली गई. मायके में रहते हुए उसने पति श्रीराम पर 5 हजार रुपये गुजारा दिए जाने का वादा दायर कर दिया. गुजारे का आदेश भी हो गया. इसी दौरान श्रीराम ने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति को लालजी उर्फ सोनू के नाम वसीयत कर दिया. नीलम को जब जानकारी हुई तो उसने गुजारे के मामले में समझौता करते हुए पति श्रीराम से वसीयत को निरस्त करते हुए लालजी को घर से निकालने को कहा.

इसे भी पढ़ें-कोरोना से जंग: स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तैयार कर रहीं सैनिटाइजर

लालजी ने बनाई योजना
जब लालजी को लगा कि उसकी मामी घर मे रहने लगेंगी और वसीयत निरस्त हो जाएगी तो उसने मामा श्रीराम की हत्या की योजना बना डाली. लालजी ने अपने साथियों सौरभ वाल्मीकि और सौरभ सिंह के साथ मिलकर श्रीराम की हत्या कर दी और साक्ष्य छुपाने के लिए शव को ले जाकर रेल पटरी पर डाल दिया, ताकि लोग इसे दुर्घटना समझें.

बाराबंकी: जिले में बीते वर्ष 18 अगस्त को हुए मर्डर का खुलासा करते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सगे भांजे ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मामा की हत्या कर दी थी. पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्या को दुर्घटना दिखाने की कोशिश की गई थी. आरोपियों ने शव को रेल पटरी पर डाल दिया था. क्राइम ब्रांच ने जब इसकी गहनता से जांच की तो इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हो गया. मामा की जायदाद हड़पने के लिए भांजे ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था.

बता दें कि पिछले वर्ष 18 अगस्त को नगर कोतवाली के मोहल्ला कटरा चंदना की रहने वाली नीलम उर्फ गुड़िया ने मुकदमा दर्ज कराया था कि लालजी उर्फ सोनू और उनकी मां ने जायदाद हड़पने के लिए उसके पति श्रीराम की हत्या कर दी. हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए शव को रेल पटरी पर फेंक दिया. पुलिस ने इस मामले में पड़ताल शुरू की, लेकिन कोई खास प्रगति नही हुई. मामले में कोई कार्रवाई होते न देख नीलम ने तत्कालीन पुलिस कप्तान से इस मामले की तफ्तीश क्राइम ब्रांच से कराने की गुहार लगाई थी.

क्राइम ब्रांच ने की विवेचना
क्राइम ब्रांच को मामले की जांच मिली तो उसने घटना की एक-एक कड़ी जोड़नी शुरू की. इस तरह एक लंबे अरसे बाद शुक्रवार को क्राइम ब्रांच टीम ने घटना के तीन आरोपी लालजी, सौरभ कुमारा वाल्मीकि और सौरभ सिंह को बस स्टेशन के नजदीक बनी मर्चरी के पास से गिरफ्तार कर लिया.

क्या था मामला
मृतक श्रीराम का भांजा लालजी बचपन से ही अपने नाना-नानी के पास रहता था. नाना-नानी की मौत के बाद उसके मामा श्रीराम उसकी देखभाल करते थे. मामा श्रीराम शराब पीने का आदी था. उसकी इसी गन्दी आदत के चलते उसकी पत्नी नीलम अपने मायके चली गई. मायके में रहते हुए उसने पति श्रीराम पर 5 हजार रुपये गुजारा दिए जाने का वादा दायर कर दिया. गुजारे का आदेश भी हो गया. इसी दौरान श्रीराम ने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति को लालजी उर्फ सोनू के नाम वसीयत कर दिया. नीलम को जब जानकारी हुई तो उसने गुजारे के मामले में समझौता करते हुए पति श्रीराम से वसीयत को निरस्त करते हुए लालजी को घर से निकालने को कहा.

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लालजी ने बनाई योजना
जब लालजी को लगा कि उसकी मामी घर मे रहने लगेंगी और वसीयत निरस्त हो जाएगी तो उसने मामा श्रीराम की हत्या की योजना बना डाली. लालजी ने अपने साथियों सौरभ वाल्मीकि और सौरभ सिंह के साथ मिलकर श्रीराम की हत्या कर दी और साक्ष्य छुपाने के लिए शव को ले जाकर रेल पटरी पर डाल दिया, ताकि लोग इसे दुर्घटना समझें.

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