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नवम्बर में पूर्वांचल के 9 जिलों को मिलेगी आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के 9 जिलों को आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात मिलने वाली है. नवम्बर में पीएम मोदी और सीएम योगी जनता सरयू नहर परियोजना को जनता को समर्पित करेंगे.

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Published : Oct 23, 2021, 9:55 PM IST

आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात
आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात

बाराबंकी: पूर्वांचल के 9 जिलों में बसने वाले किसानों को जल्द ही आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात मिलने जा रही है. दरअसल, बहुप्रतीक्षित सरयू नहर परियोजना पूरी होने के अंतिम चरण में है. इस परियोजना से बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं से किसानों को हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी. यही नहीं इससे तकरीबन 15 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया जा सकेगा. अगले महीने यानी नवम्बर में पीएम मोदी और सीएम योगी इसे जनता को समर्पित करेंगे.

आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना
वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश के ट्रांस घाघरा क्षेत्र के जनपद बहराइच और गोंडा में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लेफ्ट बैंक घाघरा कैनाल के नाम से परियोजना प्रारंभ की गई थी. वर्ष 1982-83 में इसका विस्तार ट्रांस घाघरा राप्ती रोहिणी क्षेत्र में स्थित 9 जनपदों बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बस्ती ,संतकबीरनगर ,सिद्धार्थ नगर महाराजगंज और गोरखपुर को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया. इसकी महत्ता को देखते हुए इसे वर्ष 2012 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया.

आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात
परियोजना को सरकारों की झेलनी पड़ी उपेक्षा
इस परियोजना के तहत करीब 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई करने का लक्ष्य बनाया गया था. वक्त बीता इस बीच तमाम सरकारें आईं, लेकिन ये परियोजना पूरी नहीं हो सकी. वर्ष 2017 में आई योगी सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और परियोजना पूरी करने के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया. बहराइच में घाघरा नदी पर बने गिरजापुरी बैराज के किनारे से सरयू योजक नहर निकाली गई है. इससे सरयू नदी पर निर्मित सरयू बैराज में पानी लाया जाएगा. इसके बगल से सरयू नहर निकाली गई है उसके आगे जाकर श्रावस्ती के राप्ती योजक नहर बनाई गई है.ये आगे जाकर राप्ती नदी पर बने बैराज में राप्ती नदी को पानी देगी. जिसका उपयोग राप्ती मुख्य नहर के लिए किया जाएगा.सरयू मुख्य नहर से ही बस्ती और गोंडा जिलों के लिए दो शाखाएं बनाई गई हैं. इसी तरह श्रावस्ती में राप्ती मुख्य नहर से बलरामपुर, सिद्धार्थनगर समेत महराजगंज और गोरखपुर तक पानी पहुंचाने का प्रबंध किया गया है.
नदी जोड़ो परियोजना भी है
सरयू नहर परियोजना न केवल सिंचाई के मकसद से बनाई गई है बल्कि भारत सरकार की नदी घाटी जोड़ो परियोजना भी है. इसके जरिये घाघरा,सरयू,राप्ती,बाणगंगा और रोहिन नदी को जोड़ा गया है. जिसकी वजह से बाढ़ की विभीषिका से छुटकारा मिलेगा. बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर बाराबंकी पहुंचे जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि नवम्बर माह में पीएम मोदी और सीएम योगी इस बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजना को जनता जनार्दन को सौंपेंगे.

इसे भी पढ़ें- प्रियंका गांधी ने प्रतिज्ञा रथ को दिखाई हरी झंडी, कहा - UP में कांग्रेस आई तो बिजली बिल हाफ-कर्ज होगा माफ

बाराबंकी: पूर्वांचल के 9 जिलों में बसने वाले किसानों को जल्द ही आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात मिलने जा रही है. दरअसल, बहुप्रतीक्षित सरयू नहर परियोजना पूरी होने के अंतिम चरण में है. इस परियोजना से बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं से किसानों को हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी. यही नहीं इससे तकरीबन 15 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया जा सकेगा. अगले महीने यानी नवम्बर में पीएम मोदी और सीएम योगी इसे जनता को समर्पित करेंगे.

आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना
वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश के ट्रांस घाघरा क्षेत्र के जनपद बहराइच और गोंडा में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लेफ्ट बैंक घाघरा कैनाल के नाम से परियोजना प्रारंभ की गई थी. वर्ष 1982-83 में इसका विस्तार ट्रांस घाघरा राप्ती रोहिणी क्षेत्र में स्थित 9 जनपदों बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बस्ती ,संतकबीरनगर ,सिद्धार्थ नगर महाराजगंज और गोरखपुर को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया. इसकी महत्ता को देखते हुए इसे वर्ष 2012 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया.

आजाद भारत की सबसे बड़ी परियोजना की सौगात
परियोजना को सरकारों की झेलनी पड़ी उपेक्षा
इस परियोजना के तहत करीब 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई करने का लक्ष्य बनाया गया था. वक्त बीता इस बीच तमाम सरकारें आईं, लेकिन ये परियोजना पूरी नहीं हो सकी. वर्ष 2017 में आई योगी सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और परियोजना पूरी करने के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया. बहराइच में घाघरा नदी पर बने गिरजापुरी बैराज के किनारे से सरयू योजक नहर निकाली गई है. इससे सरयू नदी पर निर्मित सरयू बैराज में पानी लाया जाएगा. इसके बगल से सरयू नहर निकाली गई है उसके आगे जाकर श्रावस्ती के राप्ती योजक नहर बनाई गई है.ये आगे जाकर राप्ती नदी पर बने बैराज में राप्ती नदी को पानी देगी. जिसका उपयोग राप्ती मुख्य नहर के लिए किया जाएगा.सरयू मुख्य नहर से ही बस्ती और गोंडा जिलों के लिए दो शाखाएं बनाई गई हैं. इसी तरह श्रावस्ती में राप्ती मुख्य नहर से बलरामपुर, सिद्धार्थनगर समेत महराजगंज और गोरखपुर तक पानी पहुंचाने का प्रबंध किया गया है.
नदी जोड़ो परियोजना भी है
सरयू नहर परियोजना न केवल सिंचाई के मकसद से बनाई गई है बल्कि भारत सरकार की नदी घाटी जोड़ो परियोजना भी है. इसके जरिये घाघरा,सरयू,राप्ती,बाणगंगा और रोहिन नदी को जोड़ा गया है. जिसकी वजह से बाढ़ की विभीषिका से छुटकारा मिलेगा. बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर बाराबंकी पहुंचे जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि नवम्बर माह में पीएम मोदी और सीएम योगी इस बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजना को जनता जनार्दन को सौंपेंगे.

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