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महिला एवं बाल सुरक्षा को लेकर शासन की नई पहल,पायलेट प्रोजेक्ट की बाराबंकी से हुई शुरुआत

महिला एवं बाल सुरक्षा के लिए बाराबंकी को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है. यह ई-कम्प्लेंट सिस्टम आधारित एक प्रोजेक्ट है.इसका एक ऐप भी तैयार किया जा रहा है.

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Published : Jul 22, 2022, 3:08 PM IST

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पायलेट प्रोजेक्ट बाराबंकी

बाराबंकी: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के रोकथाम और त्वरित कार्यवाही करते हुए उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए शासन ने नई पहल की है. अब पीड़ित लोगों को अलग-अलग पटलों पर शिकायत करने की जरूरत नही है. महिलाओं और बच्चों के लिए काम कर रही सभी इकाइयों को सीएम योगी की मंशा के अनुरूप पहले से ही चल रहे महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन यानी 1090 में समाहित(Merge) कर दिया गया है.जल्द ही इस महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की इकाई हर जिले में होगी.इसकी शुरुआत बाराबंकी से कर दी गई है. बाराबंकी जिले को पायलेट प्रोजेक्ट(Piolet Project) के रूप में चुना गया है. शासन के इस नए प्रयोग की सफलता के बाद इसे पूरे सूबे के सभी जिलों में लागू किया जाएगा.

पायलेट प्रोजेक्ट की बाराबंकी से हुई शुरुआत, ,एडिशनल एसपी पूणेंदु सिंह ने दी जानकारी
योगी सरकार ने पहले से चल रही महिलाओं और बच्चों से सम्बंधित विभिन्न इकाइयों जैसे महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा, सीएम हेल्प लाइन, यूपी 112, महिला सम्मान प्रकोष्ठ और 1090 सभी इकाइयों को एकीकृत करते हुए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में समाहित कर दिया गया है. हर जिले में इस एकीकृत महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की इकाई को खोले जाने की योजना है. बाराबंकी में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. इसकी कामयाबी को देखते हुए इसे बाकी के जिलों में लागू किया जाएगा. इस संगठन के तहत जिले का महिला थाना एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी काम करेगी.इस संगठन में महिला हेल्प डेस्क, महिला सहायता प्रकोष्ठ,महिला सम्मान कोष और महिला आयोग एवं महिला बाल सुरक्षा संगठन होंगे. जिनकी निगरानी सीओ स्तर के अधिकारी करेंगे. इसका पर्यवेक्षण जिले के पुलिस प्रभारी द्वारा किया जाएगा. राज्य मुख्यालय पर भी इसकी रेगुलर मॉनिटरिंग होगी. इसे भी पढ़े-अब हर जिले में होगी महिला व बाल सुरक्षा संगठन यूनिट, ऐसे करेगी काम

जिले में गठित होने वाले महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा महिला बाल अपराधों में होने वाली कार्रवाई की मानिटरिंग की जाएगी और उसका डेटाबेस भी तैयार कराया जाएगा. इसके द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, आईजीआरएस, महिला हेल्प डेस्क, लोक शिकायत, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, सीएम हेल्पलाइन और यूपी 112 से प्राप्त महिला उत्पीड़न संबंधी शिकायतों को दर्ज कर उनका प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा.

यह ई-कम्प्लेंट सिस्टम आधारित एक प्रोजेक्ट है. पहले जो 1090 का प्रोजेक्ट चलता था उसमें महिलाओं के अपराध सम्बन्धी सुनवाई, परिवार परामर्श सम्बन्धी सुनवाई, महिला सम्मान कोष सम्बन्धी सुनवाई, महिला आयोग संबंधी सुनाई और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन संबंधी सुनवाइयां अभी तक अलग-अलग कार्यालयों में होती थीं लेकिन अब इन्हें मर्ज करते हुए एक पोर्टल से जोड़ दिया गया है. इसका एक ऐप भी तैयार किया जा रहा है.


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बाराबंकी: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के रोकथाम और त्वरित कार्यवाही करते हुए उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए शासन ने नई पहल की है. अब पीड़ित लोगों को अलग-अलग पटलों पर शिकायत करने की जरूरत नही है. महिलाओं और बच्चों के लिए काम कर रही सभी इकाइयों को सीएम योगी की मंशा के अनुरूप पहले से ही चल रहे महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन यानी 1090 में समाहित(Merge) कर दिया गया है.जल्द ही इस महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की इकाई हर जिले में होगी.इसकी शुरुआत बाराबंकी से कर दी गई है. बाराबंकी जिले को पायलेट प्रोजेक्ट(Piolet Project) के रूप में चुना गया है. शासन के इस नए प्रयोग की सफलता के बाद इसे पूरे सूबे के सभी जिलों में लागू किया जाएगा.

पायलेट प्रोजेक्ट की बाराबंकी से हुई शुरुआत, ,एडिशनल एसपी पूणेंदु सिंह ने दी जानकारी
योगी सरकार ने पहले से चल रही महिलाओं और बच्चों से सम्बंधित विभिन्न इकाइयों जैसे महिला सहायता प्रकोष्ठ, महिला अपराध शाखा, सीएम हेल्प लाइन, यूपी 112, महिला सम्मान प्रकोष्ठ और 1090 सभी इकाइयों को एकीकृत करते हुए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में समाहित कर दिया गया है. हर जिले में इस एकीकृत महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की इकाई को खोले जाने की योजना है. बाराबंकी में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. इसकी कामयाबी को देखते हुए इसे बाकी के जिलों में लागू किया जाएगा. इस संगठन के तहत जिले का महिला थाना एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी काम करेगी.इस संगठन में महिला हेल्प डेस्क, महिला सहायता प्रकोष्ठ,महिला सम्मान कोष और महिला आयोग एवं महिला बाल सुरक्षा संगठन होंगे. जिनकी निगरानी सीओ स्तर के अधिकारी करेंगे. इसका पर्यवेक्षण जिले के पुलिस प्रभारी द्वारा किया जाएगा. राज्य मुख्यालय पर भी इसकी रेगुलर मॉनिटरिंग होगी. इसे भी पढ़े-अब हर जिले में होगी महिला व बाल सुरक्षा संगठन यूनिट, ऐसे करेगी काम

जिले में गठित होने वाले महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा महिला बाल अपराधों में होने वाली कार्रवाई की मानिटरिंग की जाएगी और उसका डेटाबेस भी तैयार कराया जाएगा. इसके द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, आईजीआरएस, महिला हेल्प डेस्क, लोक शिकायत, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, सीएम हेल्पलाइन और यूपी 112 से प्राप्त महिला उत्पीड़न संबंधी शिकायतों को दर्ज कर उनका प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा.

यह ई-कम्प्लेंट सिस्टम आधारित एक प्रोजेक्ट है. पहले जो 1090 का प्रोजेक्ट चलता था उसमें महिलाओं के अपराध सम्बन्धी सुनवाई, परिवार परामर्श सम्बन्धी सुनवाई, महिला सम्मान कोष सम्बन्धी सुनवाई, महिला आयोग संबंधी सुनाई और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन संबंधी सुनवाइयां अभी तक अलग-अलग कार्यालयों में होती थीं लेकिन अब इन्हें मर्ज करते हुए एक पोर्टल से जोड़ दिया गया है. इसका एक ऐप भी तैयार किया जा रहा है.


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