बाराबंकी: जिले में डग्गामार वाहन लोगों की सुरक्षा के लिए चुनौती बन रहे हैं. ये वाहन नियमों के विरुद्ध चल रहे हैं. वाहन चालक अनुमति से ज्यादा लोगों को बैठाकर उनके जीवन से खेल रहे हैं. जनता ऐसे वाहनों में आने के लिए मजबूर है, जिससे उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
बसों की कमी है मुख्य कारण
- जिले में आए दिन अनियंत्रित होकर डग्गामार वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और इससे जानमाल का काफी नुकसान होता है.
- डग्गामार वाहन सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए यात्रियों को ले जाने का काम करते हैं.
- पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध न होने पर यात्री इन वाहनों में यात्रा करने को मजबूर हैं.
- वाहन चालक अनिल कुमार का कहना है कि सात लोगों के परमिट पर 13 लोगों को बैठाया जाता है और ऐसा मालिक का दबाव होता है. सभी वाहन चालक ऐसा करते हैं, इसीलिए वह भी ऐसा करता है.
- यात्रा कर रहे युवक अजीत सिंह का कहना है कि उन्हें जल्दी पहुंचना है और कोई वाहन नहीं मिल रहा है, जिसके कारण यात्रा करना मजबूरी है.
सभी वाहनों में यही स्थिति है. हम जाएं तो जाएं कहां हमारी मजबूरी है, कि हम ऐसे ही वाहन में यात्रा करने के लिए मजबूर है.
-निशा, महिला यात्री
जब 12 नंबर की बस चलती थी, तो इस प्रकार की असुविधा नहीं होती थी, लेकिन जब से वह बंद हुई है, तब से मजूबरी में डग्गामार वाहनों में ही यात्रा करनी पड़ रही है.
-सुमनलता, महिला यात्री
मैं और मेरी पूरी टीम जिले में अब तक 89 वाहनों पर कार्रवाई कर चुकी है और प्रत्येक महीने लगभग 50 वाहनों पर कार्रवाई की जाती है.
-पंकज सिंह, एआरटीओ, बाराबंकी