बाराबंकी: पश्मीना का नाम आते ही हमारे जहन में सबसे पहले कश्मीर और श्रीनगर का नाम आता है, क्योंकि पश्मीना को यहां की विरासत के रूप में जाना जाता है. यहां के पश्मीना स्टोल देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी अपनी क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला भी पश्मीना स्टोल के लिए विदेश में अपनी अलग पहचान बनाएगा.
जिले में जैदपुर के हथकरघा कारीगर हाफिज मुनीर अंसारी का पश्मीना स्टोल अब विदेशों में भी दिखाई देगा. इसे लेकर हाफिज मुनीर अंसारी को अमेरिका के प्रतिष्ठित मॉल वॉलमार्ट द्वारा स्टोल का ऑर्डर दिया गया है. बनारस की एक्सपोर्ट कंपनी द्वारा उन्हें मॉल के लिए 50 हजार स्टोल बनाने का ऑर्डर मिला है. जिसके लिए दिन रात काम चल रहा है.
मुनीर अंसारी को मिला ऑर्डर
मुनीर अंसारी को जो ऑर्डर मिला है, उसके लिए उन्होंने पश्मीना स्टोल का सैंपल पहले भेजा था. जिसकी विदेशी कंपनी वॉलमार्ट ने सभी मानकों पर जांच कराई. जब उनका स्टोल सभी पैमानों पर खरा उतरा, तो फिर उन्हें स्टोल का ऑर्डर दिया गया. बाराबंकी के स्टोल की देश ही नहीं, विदेशों में भी काफी डिमांड है. अब वॉलमार्ट के शोरूमों में भी बाराबंकी का स्टोल नजर आएगा.
ओडीओपी के तहत हुआ स्टोल का चयन
दरअसल, 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत सरकार द्वारा पहले ही बाराबंकी से स्टोल का चयन किया गया था. जिले के बुनकर करीब पौने दो अरब का स्टोल सालभर में तैयार करते हैं. यह दुपट्टा (स्टोल) दुबई के जरिए खाड़ी और यूरोप के देशों में भी निर्यात हो रहा है. यहां एक दुपट्टे की औसतन कीमत थोक में 60 रुपये है, जो विदेशों में चार से पांच गुना बढ़ जाती है. लेकिन अब वॉलमार्ट में बाराबंकी के स्टोल पहुंचने पर निश्चित तौर पर इस व्यापार को और ज्यादा फायदा होगा.
50 हजार स्टोल का मिला ऑर्डर
हाफिज मुनीर अंसारी का कहना है कि देश-विदेश के प्रतिष्ठित मॉल वॉलमार्ट द्वारा उन्हें पचास हजार स्टोल का ऑर्डर दिया गया है. बनारस की एक्सपोर्ट कंपनी द्वारा उन्हें मॉल के लिए स्टोल बनाने का ऑर्डर मिला है. जिसके लिए इस समय दिन-रात काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि जो ऑर्डर मिला है, उसके लिए पश्मीना स्टोल का सैंपल पहले भेजा गया था. जिसकी विदेशी कंपनी ने सभी मानकों पर जांच कराई. जब हमारा स्टोल मानकों पर खरा उतरा, तो फिर बनारस की फर्म द्वारा उन्हें ऑर्डर दिया गया है.